एक समय लग गई थी कोकिन की लत , वसीम अकरम ने किया चौकाने वाला खुलासा : पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज और स्विंग के सुल्तान कहे जाने वाले वसीम अकरम ने अपने बारे में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. अपने समय के सबसे घातक तेज गेंदबाजों में से एक अकरम ने कहा कि करियर के एक समय उन्हें कोकीन की बुरी लत लग गई थी. इस वजह से उन्हें एक जगह एक कॉरिडोर और एक बार में आठ कमरों के साथ रखा गया था।
बता दें कि वसीम अकरम ने ये खुलासे अपनी नई किताब सुल्तान: ए मेमॉयर में किए हैं। गौरतलब है कि अकरम ने 1985 से 2003 तक पाकिस्तान के लिए 104 टेस्ट और 356 वनडे खेले। अकरम को क्रिकेट का सर्वकालिक घातक गेंदबाज माना जाता है।
अकरम ने अपनी किताब में बताया है कि कैसे उन्हें कोकीन की लत लग गई और इस वजह से वह मेलजोल नहीं कर पा रहे थे. अकरम ने यह भी बताया कि कैसे उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ ढाई महीने के लिए रिहैब के लिए मजबूर किया गया था।
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यह बद से बदतर होता जा रहा था- अकरम
बता दें कि अकरम ने अपनी नई किताब में लिखा है कि इंग्लैंड में एक पार्टी में किसी ने कहा ‘क्या आप इसे आजमाना चाहते हैं?’ मैं उस समय सेवानिवृत्त हो गया था। मैने हां कह दिया”। फिर मैंने एक ग्राम कोकीन ली, फिर मैं पाकिस्तान वापस आ गया.
कोई नहीं जानता था कि वह क्या था लेकिन वह यहीं था। मुझे एहसास हुआ कि मैं इसके बिना काम नहीं कर सकता, जिसका मतलब था कि यह और भी बदतर होता गया। मेरे बच्चे छोटे थे। मैं अपनी दिवंगत पत्नी को बहुत प्रताड़ित कर रहा था।
अकरम ने अपनी किताब में लिखा है कि, मेरी पत्नी और मेरे बीच बहुत बहस होती थी, उन्हें मदद की जरूरत थी, उन्होंने कहा कि एक रिहैब है, आप वहां जा सकते हैं. मैंने कहा ठीक है मैं एक महीने के लिए वहां जाऊंगा लेकिन उन्होंने मुझे वहां मेरी मर्जी के खिलाफ ढाई महीने तक रखा।
कोकीन को लेकर अकरम ने कहा कि यह दुनिया में अवैध है लेकिन पाकिस्तान में नहीं. इससे मुझे मदद नहीं मिली। और जब मैं उस पुनर्वसन से बाहर आया तो मेरे अंदर एक विद्रोह फूट पड़ा। पैसा मेरा था और मुझे उस भयानक जगह में मेरी इच्छा के विरुद्ध रखा गया था।
वहीं रिहैब सेंटर को लेकर वसीम अकरम ने कहा कि पश्चिमी फिल्मों की तरह और ऑस्ट्रेलिया में भी रिहैब सेंटर में लॉन होते हैं. लोग लेक्चर देते हैं, आप जिम जाते हैं। लेकिन मैं पाकिस्तान में जिस पुनर्वास केंद्र में था, उसमें केवल एक गलियारा और आठ कमरे थे। यह बहुत कठिन और डरावना समय था।