Prithvi Shaw – कभी टीम इंडिया के भविष्य के स्टार माने जाने वाले पृथ्वी शॉ इन दिनों राष्ट्रीय टीम से कोसों दूर हैं। लेकिन युवा ओपनर ने साफ कर दिया है कि उनका सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। आगामी 2025-26 घरेलू सीजन से पहले उन्होंने बुची बाबू टूर्नामेंट में बल्ले से दमदार प्रदर्शन कर सिलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
बुची बाबू टूर्नामेंट में दिखाया क्लास
मुंबई से महाराष्ट्र की टीम में शिफ्ट होने के बाद शॉ ने इस टूर्नामेंट में तीन पारियां खेलीं।
- छत्तीसगढ़ के खिलाफ 111 रन (141 गेंद) की शतकीय पारी
- एक मैच में सिर्फ 1 रन
- टीएनसीए प्रेसिडेंट्स इलेवन के खिलाफ 66 रन (96 गेंद) की अर्धशतकीय पारी
पहली पारी में जब महाराष्ट्र का टॉप ऑर्डर पूरी तरह विफल हो गया था, शॉ ने मोर्चा संभाला और धैर्यपूर्ण पारी खेलते हुए शतक ठोका। हालांकि दूसरी पारी में वह फ्लॉप रहे और टीम को जीत नहीं दिला पाए।
पुराने संघर्ष, नई उम्मीदें
पृथ्वी शॉ का पिछला घरेलू सीजन बेहद खराब रहा था।
- रन बनाने में नाकामी
- फिटनेस और अनुशासन संबंधी विवाद
- मुंबई टीम से बाहर होना
- आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में किसी फ्रेंचाइज़ी का उन्हें नहीं खरीदना
इन सभी झटकों के बाद उनका करियर अंधेरे में नजर आने लगा था। लेकिन बुची बाबू टूर्नामेंट में उनकी पारियां बताती हैं कि वह धीरे-धीरे अपनी फॉर्म और लय वापस पा रहे हैं।
टीम इंडिया में वापसी का रास्ता
शॉ की चुनौती अब यही होगी कि वह घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाकर अपनी दावेदारी मजबूत करें। खासकर रणजी ट्रॉफी और सीमित ओवरों के टूर्नामेंट उनके लिए अहम होंगे। भारत को अगले साल कई बड़े टूर्नामेंट खेलने हैं, और ऐसे में ओपनिंग स्लॉट पर उनका नाम फिर से चर्चा में आ सकता है।
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