S Mandhana – दिल्ली में खेले गए तीसरे वनडे में भारत vs ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट का रोमांच देखने लायक था। बेथ मूनी के शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 413 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा।
आमतौर पर इतना स्कोर देखकर किसी भी टीम का मनोबल टूट जाता, लेकिन भारतीय ड्रेसिंग रूम में शुरुआत से ही विश्वास था कि यह लक्ष्य चेज़ किया जा सकता है। इसी भरोसे ने भारत को मैच के अंत तक मुकाबले में बनाए रखा।
स्मृति मंधाना की रिकॉर्डतोड़ पारी
भारतीय सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने मात्र 63 गेंदों में 125 रनों की विस्फोटक पारी खेली। उनकी इस पारी में 17 चौके और 5 छक्के शामिल रहे। मंधाना ने केवल 50 गेंदों में शतक पूरा किया और भारत की ओर से सबसे तेज वनडे शतक लगाने वाली बल्लेबाज बन गईं (पुरुष और महिला क्रिकेट मिलाकर)। यह महिला वनडे इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है—पहला मेग लैनिंग के नाम (45 गेंदों में)।
खिलाड़ी | शतक | गेंदें | रिकॉर्ड |
---|---|---|---|
मेग लैनिंग | 100 | 45 | महिला वनडे का सबसे तेज शतक |
स्मृति मंधाना | 100 | 50 | भारत का सबसे तेज वनडे शतक |
मैच का हाल
भारत की पारी शानदार शुरुआत के साथ आगे बढ़ी। 20 ओवर तक स्कोर 206/2 था और रन रेट 10 से ऊपर। मंधाना और हरमनप्रीत कौर ने मिलकर 69 गेंदों में 121 रन जोड़ दिए थे। लेकिन जैसे ही दोनों आउट हुईं, विकेटों की झड़ी लग गई।
इसके बाद दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा ने मोर्चा संभाला और 54 गेंदों पर 65 रनों की साझेदारी कर भारत को मुकाबले में बनाए रखा। हालांकि टीम लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन 300+ के स्कोर का पीछा करने की लगातार क्षमता दिखाई।
मंधाना का बयान
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंधाना ने कहा:
- “टीम में हमेशा विश्वास था कि हम लक्ष्य तक जा सकते हैं।”
- “अगर मेरी पारी से जीत मिलती तो इसे करियर की बेस्ट पारी कहती।”
- “हमारे पास सिर्फ 11 नहीं बल्कि सभी 15 खिलाड़ी मैच विनर हैं।”
उन्होंने माना कि टीम को फील्डिंग में और सुधार करने की ज़रूरत है।
विश्व कप से पहले भारत का आत्मविश्वास
इस सीरीज को भारतीय टीम कॉम्बिनेशन तलाशने के नजरिए से खेल रही थी। मंधाना ने कहा कि यह सीरीज जीत-हार से ज्यादा अपनी कमजोरियों को समझने और आत्मविश्वास हासिल करने के लिए थी। अब भारत अगले महीने होने वाले महिला वनडे विश्व कप के लिए श्रीलंका और अपने देश में मेजबानी करेगा।
भारत भले मैच हार गया हो, लेकिन स्मृति मंधाना की पारी और टीम का आत्मविश्वास इस बात का सबूत है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब किसी भी बड़े लक्ष्य से नहीं डरती। विश्व कप से पहले यह सीरीज भारत की तैयारियों को और मज़बूत कर गई है।