Asia Cup 2025 – दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए टी20 एशिया कप 2025 फाइनल ने क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा ड्रामा पेश किया। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया।
147 रन का टारगेट भारत ने दो गेंद शेष रहते चेज किया और रिकॉर्ड नौंवीं बार एशिया कप ट्रॉफी जीती। लेकिन असली सुर्खियां मैच के बाद हुईं—जब टीम इंडिया ने मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया।
भारत का स्टैंड और नकवी की बेइज्जती
एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रमुख और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) चेयरमैन मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, पुरस्कार वितरण समारोह में मौजूद थे। भारतीय खिलाड़ियों ने न तो उनके साथ मंच साझा किया और न ही उनसे ट्रॉफी लेने की सहमति दी।
जब नकवी मंच पर आए तो स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस ने जोर-जोर से ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
करीब 75 मिनट की देरी के बाद जब समारोह शुरू हुआ तो न्यूट्रल प्रेजेंटर साइमन डूल ने साफ कर दिया कि भारतीय टीम नकवी से ट्रॉफी नहीं लेगी। इसके बाद आयोजकों ने ट्रॉफी को ड्रेसिंग रूम में ले जाकर स्थिति संभालने की कोशिश की। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और नकवी की इस सरेआम बेइज्जती पर खूब चर्चा हो रही है।
भारत-पाकिस्तान की तनातनी टूर्नामेंट में भी
भारत ने पूरे एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने और मैदान के बाहर बातचीत न करने की नीति अपनाई। PCB को यह रवैया नागवार गुज़रा और फाइनल में माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया।
नकवी का हालिया विवाद भी आग में घी डालने जैसा साबित हुआ—उन्होंने सोशल मीडिया पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का ऐसा वीडियो साझा किया था जिसमें वह विमान क्रैश का इशारा करते हैं। यही इशारा पाकिस्तान के गेंदबाज हारिस रऊफ ने भारत के खिलाफ सुपर-4 मैच में किया था, जिसके चलते उन पर जुर्माना भी लगा था।
फाइनल का हीरो—तिलक वर्मा
मैच में भारत के स्टार रहे तिलक वर्मा, जिन्होंने दबाव में नाबाद 69 रन (53 गेंद, 3 चौके, 4 छक्के) ठोके। शुरुआती तीन विकेट गिरने के बाद उन्होंने संजू सैमसन और शिवम दुबे के साथ अहम साझेदारियां निभाईं।
आखिरी ओवर में भारत को 10 रन चाहिए थे—तिलक ने दूसरी गेंद पर छक्का जड़ा और चौथी गेंद पर रिंकू सिंह ने चौका लगाकर जीत पक्की कर दी।
तिलक वर्मा को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। जीत के बाद भारतीय खिलाड़ी भले ट्रॉफी हाथ में न उठा पाए हों, लेकिन दुबई के मैदान और करोड़ों फैंस के दिलों में उनका जश्न गूंज उठा।