Kranti Gaur – महज पांच महीने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाली क्रांति गौड़ (Kranti Gaur) आज भारत की महिला क्रिकेट टीम की नई तेज गेंदबाज सनसनी बन चुकी हैं। पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में खेले गए महिला विश्व कप मुकाबले में इस 21 वर्षीय पेसर ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबका ध्यान खींच लिया।
क्रांति ने इस मैच में 10 ओवर में सिर्फ 20 रन देकर 3 विकेट चटकाए और तीन मेडन ओवर भी फेंके। उनकी गेंदबाजी की सटीकता और स्विंग ने पाकिस्तान को 247 रन के लक्ष्य के जवाब में महज 159 रन पर रोक दिया, जिससे भारत को 88 रन से शानदार जीत मिली।
श्रीलंका में डेब्यू, फिर वहीं ‘प्लेयर ऑफ द मैच’
क्रांति के लिए यह जीत भावनात्मक रूप से भी खास रही। यही वह मैदान था, श्रीलंका का पल्लेकेले स्टेडियम, जहां उन्होंने मई 2025 में भारत के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था।
मैच के बाद भावुक क्रांति ने कहा,
“मेरा भारत के लिए पदार्पण भी श्रीलंका में हुआ था और आज मैं यहीं मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का पल है। मैं बहुत खुश हूं।”
उनके इस बयान में मेहनत, संघर्ष और उपलब्धि की झलक साफ दिखाई देती है।
“मैं और तेज गेंदबाजी करना चाहती हूं” – क्रांति गौड़
जब उनसे उनकी गेंदबाजी की गति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वो अब और तेज गति से गेंद फेंकना चाहती हैं।
“हमारा ध्यान फिलहाल एक समान लाइन और लेंथ बनाए रखने पर है। मैं इस समय अपनी स्पीड से सहज हूं, लेकिन आने वाले समय में और तेज गेंदबाजी करना चाहती हूं,” क्रांति ने कहा।
उनके कोच आविष्कार साल्वी, जो खुद एक पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रह चुके हैं, उनके बॉलिंग ऐक्शन और स्विंग पर लगातार काम कर रहे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच का टर्निंग पॉइंट
पाकिस्तान की पारी के दौरान क्रांति का जादू चरम पर था। उन्होंने पहले सलामी बल्लेबाज सदफ शमस को अपनी ही गेंद पर शानदार कैच लपका, फिर अगली ही स्पेल में आलिया रियाज को आउट कर टीम इंडिया को तीसरी सफलता दिलाई।
“गेंद काफी स्विंग कर रही थी। मुझे अंदर से लग रहा था कि इस ओवर में एक विकेट जरूर मिलेगा। हैरी दी (हरमनप्रीत कौर) ने स्लिप हटाने को कहा, लेकिन मैंने कहा – ‘प्लीज दूसरी स्लिप रख लीजिए।’ और अगली ही गेंद पर कैच दूसरी स्लिप में गया,” क्रांति ने हंसते हुए बताया।
यह आत्मविश्वास और क्रिकेटिंग समझ ही उन्हें बाकी युवा खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
बुंदेलखंड से टीम इंडिया तक का सफर
मध्य प्रदेश के घुवारा कस्बे (बुंदेलखंड) की रहने वाली क्रांति गौड़ का क्रिकेट सफर किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने जज्बे से वो मुकाम हासिल किया है, जिसका सपना हर युवा खिलाड़ी देखता है।
वर्ष | पड़ाव | उपलब्धि |
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2023 | महिला प्रीमियर लीग (WPL) | मुंबई इंडियन्स की नेट बॉलर बनीं |
2024 | WPL नीलामी | यूपी वॉरियर्स ने 10 लाख में खरीदा |
2025 | अंतरराष्ट्रीय डेब्यू | श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण |
2025 | इंग्लैंड दौरा | निर्णायक ODI में 6 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच |
रेणुका ठाकुर और पूजा वस्त्राकर की चोटों के चलते टीम में जगह पाने का मौका मिला, लेकिन क्रांति ने उसे दोनों हाथों से लपक लिया। इंग्लैंड के खिलाफ उनकी छह विकेट वाली गेंदबाजी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया।
टीम इंडिया की नई spearhead बन रहीं क्रांति
क्रांति गौड़ की निरंतरता और आत्मविश्वास ने भारतीय महिला टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण को नई धार दी है। उनका संयम, स्विंग और विकेट लेने की भूख उन्हें रेणुका ठाकुर की तरह फ्रंटलाइन बॉलर बना चुकी है।
वो कहती हैं कि उन्हें अब भी बहुत कुछ सीखना है—फिटनेस, रणनीति और मैच सिचुएशन को समझना। लेकिन जिस तरह का आत्मविश्वास वो दिखा रही हैं, वह बताता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।