Team India : कोच गंभीर के दौर में जीत, लेकिन श्रेय राहुल द्रविड़ को – रोहित का बयान सुर्खियों में

Atul Kumar
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Team India – सीएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स के मंच पर रोहित शर्मा का एक बयान सुर्खियों में है। 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान ने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत की नींव राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में रखी गई थी — न कि मौजूदा कोच गौतम गंभीर के तहत शुरू की गई किसी नई प्रक्रिया से। यह बात गंभीर के समर्थकों को थोड़ी खटक सकती है।

राहुल द्रविड़ की प्रक्रिया को बताया जीत का आधार

रोहित ने कहा, “हम जो चैंपियंस ट्रॉफी जीते, वह अचानक नहीं हुआ। यह कई सालों से चल रही मेहनत का नतीजा था। राहुल भाई के साथ हमने जो प्रक्रियाएं शुरू की थीं, वही हमें स्थिरता और आत्मविश्वास देती रहीं।”


उन्होंने आगे जोड़ा कि 2023 वर्ल्ड कप फाइनल की हार के बाद टीम ने आत्मनिरीक्षण किया और उस दर्द को ताकत में बदलने का संकल्प लिया। परिणाम—2024 का टी20 विश्व कप और फिर 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी।

“एक-दो साल की नहीं, कई सालों की मेहनत थी”

रोहित ने कहा, “हम कई बार ट्रॉफी के करीब पहुंचे, लेकिन जीत नहीं सके। तभी तय किया कि हमें कुछ अलग करना होगा। यह सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों से नहीं हो सकता था। पूरी टीम को एक ही सोच के साथ आगे बढ़ना पड़ा।”


उन्होंने बताया कि कैसे टीम इंडिया ने आत्मसंतुष्टि छोड़कर खुद को लगातार चुनौती देने का फैसला किया—और यही मानसिकता बाद में सफलता की वजह बनी।

गंभीर की कोचिंग में जीत, पर श्रेय द्रविड़ को

दिलचस्प बात ये है कि जब भारत ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीती, तब गौतम गंभीर टीम के मुख्य कोच थे। लेकिन रोहित ने अपने बयान में द्रविड़ की “प्रक्रिया” और “टीम कल्चर” को जीत का आधार बताया।


यही वजह है कि क्रिकेट हलकों में अब ये चर्चा गर्म है कि क्या रोहित का यह बयान गंभीर के लिए थोड़ा असहज साबित होगा।

चैंपियंस ट्रॉफी की सफलता और रोहित की सोच

रोहित ने ट्रॉफी जीत के बाद एक स्मृति चिन्ह लेते हुए कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया कि कोई खिलाड़ी आत्मसंतुष्ट न हो। सभी का ध्यान इस बात पर था कि मैच कैसे जीते जाएं, और खुद को हर बार बेहतर कैसे बनाया जाए।”


उन्होंने यह भी जोड़ा कि टी20 विश्व कप की तैयारी के दौरान राहुल द्रविड़ की बनाई प्रक्रिया ने काफी मदद की थी, और वही दृष्टिकोण चैंपियंस ट्रॉफी में भी बरकरार रखा गया।

टीम इंडिया में नई बनाम पुरानी सोच का टकराव?

क्रिकेट एक्सपर्ट्स के अनुसार, रोहित के इस बयान को “गंभीर बनाम द्रविड़” की बहस के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि इसे एक कप्तान की ईमानदार स्वीकारोक्ति समझा जा सकता है कि जीत अचानक नहीं आती — वह वर्षों की एक सोच और तैयारी का परिणाम होती है।


हालांकि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि कप्तान को मौजूदा कोच की भूमिका को भी उतना ही श्रेय देना चाहिए था जितना द्रविड़ को दिया गया।

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