Prithvi Shaw : पृथ्वी शॉ बने रणजी ट्रॉफी इतिहास के छठे सबसे तेज़ शतकवीर

Atul Kumar
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Prithvi Shaw

Prithvi Shaw – कभी भारतीय क्रिकेट का अगला बड़ा सितारा कहे जाने वाले पृथ्वी शॉ ने आखिरकार अपने बल्ले से सबको जवाब दे दिया है।

महाराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलते हुए उन्होंने चंडीगढ़ के खिलाफ सिर्फ 72 गेंदों में शतक ठोक दिया और रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास का संयुक्त रूप से छठा सबसे तेज़ शतक है।

पृथ्वी शॉ की तूफानी पारी

चंडीगढ़ के सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे मुकाबले में शॉ ने तीसरे दिन सुबह आते ही मेजबान गेंदबाजों पर कहर बरपा दिया। 13 चौकों से सजी उनकी यह 72 गेंदों की पारी न सिर्फ आक्रामक थी, बल्कि आत्मविश्वास से भरी भी।


पहली पारी में केवल 8 रन पर आउट होने के बाद पृथ्वी ने दूसरी पारी में शानदार वापसी की और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। महाराष्ट्र की टीम ने पहली पारी में 104 रनों की बढ़त हासिल की थी, और शॉ की शतकीय पारी ने उस बढ़त को निर्णायक बना दिया।

खिलाड़ीटीमगेंदेंशतक का प्रकारसाल
ऋषभ पंतदिल्ली48सबसे तेज शतक2016-17
रियान परागअसम56दूसरा सबसे तेज2022
आरके बोराअसम56संयुक्त दूसरा1987
एस रूबेन पॉलगोवा60चौथा2012
रजत पाटीदारएमपी68पांचवां2023
पृथ्वी शॉमहाराष्ट्र72छठा2025

रणजी ट्रॉफी में नया रिकॉर्ड

72 गेंदों में शतक लगाने के साथ ही पृथ्वी शॉ ने महाराष्ट्र क्रिकेट के लिए एक नया बेंचमार्क सेट कर दिया है। रणजी ट्रॉफी के लगभग 90 साल के इतिहास में इतनी तेज़ पारी खेलने वाले बल्लेबाज उंगलियों पर गिने जा सकते हैं।


शॉ के शतक की खासियत यह रही कि उन्होंने अपनी पारी के दौरान एक भी गलत शॉट नहीं खेला—हर चौका क्लास और टाइमिंग का नतीजा था।

विवादों से वापसी तक का सफर

सिर्फ 25 साल की उम्र में पृथ्वी शॉ का क्रिकेट करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।
कभी उन्हें “अगला सहवाग” कहा गया, तो कभी फिटनेस और अनुशासन को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी। 2019 में कफ सीरप विवाद के चलते उन्हें बैन का सामना करना पड़ा, और उसके बाद फॉर्म भी बिगड़ गई।
हालांकि, इस शतक से उन्होंने एक बार फिर दिखाया है कि टैलेंट कभी फीका नहीं पड़ता—बस मौके की जरूरत होती है।

इंटरनेशनल करियर पर फिर उम्मीद

शॉ ने भारत के लिए अब तक 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। लेकिन उनका आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला जुलाई 2021 में हुआ था।
उनकी यह रणजी फॉर्म देखकर यह सवाल फिर से उठने लगा है कि क्या चयनकर्ता उन्हें दोबारा टीम इंडिया में मौका देंगे?
घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन यही कहता है—”वो वापसी के लिए तैयार हैं।”

पृथ्वी शॉ की पारी पर कोच का रिएक्शन

महाराष्ट्र के कोच ने मैच के बाद कहा,

“शॉ की यह पारी सिर्फ रन नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास की वापसी का संकेत है। वह टीम के लिए रोल मॉडल बन सकते हैं, अगर इसी तरह खेलते रहे।”

पृथ्वी शॉ की यह पारी सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि एक बयान है—कि वो अब भी खेल के सबसे खतरनाक ओपनरों में से एक हैं। घरेलू क्रिकेट में ऐसी वापसी अक्सर चयनकर्ताओं का ध्यान खींच लेती है। अगर शॉ इसी तरह रन बनाते रहे, तो टीम इंडिया के दरवाजे उनके लिए दोबारा खुलना तय है।

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