IND vs SA – कोलकाता का ईडन गार्डन्स हमेशा से तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ग माना जाता रहा है, लेकिन भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जारी पहले टेस्ट में पिच का मिजाज बिल्कुल उलटा नजर आ रहा है।
शुरुआत से ही स्पिनर्स हावी हैं, बल्लेबाज जूझ रहे हैं, और दो दिनों में 26 विकेट गिर चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि अभी तक एक भी बल्लेबाज 50 रन तक नहीं पहुंच पाया। इन सबके बीच साउथ अफ्रीका के अनुभवी ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर का कहना है कि यह पिच मुश्किल जरूर है, लेकिन 2015 के भारत दौरे में मिले “गड्ढेदार विकेटों” की तुलना में कहीं बेहतर है।
यह बयान मैच के हालात को शायद सबसे साफ तरीके से समझाता है।
पहली पारी में हार्मर ने भारत के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 विकेट झटके और सिर्फ 30 रन दिए। इसी स्पेल की बदौलत टीम इंडिया 189 पर सिमट गई—हालांकि यह साउथ अफ्रीका के 159 के स्कोर से 30 रन ज्यादा था।
“2015 की पिच इससे कहीं ज्यादा खराब थी”—हार्मर
दिन का खेल खत्म होने के बाद हार्मर इससे भी ज्यादा खुलकर बोले।
उनका कहना था—
“2015 में मोहाली और नागपुर में पहले दिन ही पिच में गड्ढे बन गए थे। उन पिचों की तुलना में यह विकेट कहीं ज्यादा खेलने लायक है। यहां गेंद टर्न तो ले रही है, लेकिन हर गेंद पर नहीं।”
हार्मर ने आगे यह भी जोड़ा कि भारत अपनी परिस्थितियों में जीतने की कोशिश कर रहा है और साउथ अफ्रीका को उसी माहौल में जीतने की रणनीति खोजनी होगी।
मैच में 26 विकेट, फिर भी SA का भरोसा बरकरार
साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी 93/7 पर सिमटने की कगार पर है और टीम के पास अभी सिर्फ 63 रन की बढ़त है। पिच को देखते हुए यह बढ़त मामूली भी लग सकती है और मैच-विजेता भी—मैच की दिशा अगले कुछ घंटों में तय होगी।
इसके बावजूद हार्मर मानते हैं कि मुकाबला पूरी तरह खुला हुआ है।
उनके शब्दों में—
“मैं निराश नहीं हूं। अभी मैच में काफी क्रिकेट बाकी है। हमें भरोसा है कि हम 100 से ज्यादा की बढ़त लेकर मैच में दबदबा बना सकते हैं।”
दोनों टीमों के बल्लेबाज संघर्ष कर रहे हैं लेकिन गेंदबाजों के लिए यह विकेट किसी सपने से कम नहीं। तीसरे दिन पिच कैसे व्यवहार करेगी, यह नतीजे का सबसे बड़ा फैक्टर होगा।















