Ashes 2025 – पर्थ की गर्म हवा में एशेज 2025 की हलचल महसूस होने लगी है—और सबसे बड़ा सवाल वही है जो हर इंग्लैंड फैन पिछले 14 साल से पूछ रहा है:
क्या इस बार बेन स्टोक्स वह कर पाएंगे जो 2010–11 के बाद कोई इंग्लिश कप्तान नहीं कर पाया?
यानी—ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर एशेज जीतना।
तथ्य बेहद कठोर हैं। ऑस्ट्रेलिया में खेले गए पिछले 15 टेस्ट में इंग्लैंड की जीत? एक भी नहीं।
13 हार, दो ड्रॉ—यही रहा इंग्लैंड का हाल।
आखिरी बार एंड्र्यू स्ट्रॉस की कप्तानी में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया था। तब दुनिया अलग थी, DRS नया था, और स्टोक्स एकदम युवा तेज़ खिलाड़ी। अब वही स्टोक्स कप्तान हैं—और इतिहास को पलटने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर भारी बैठी है।
ऑस्ट्रेलिया भी कमजोर? बड़े नाम बाहर, बड़े सवाल सामने
ऑस्ट्रेलिया की टीम इस बार हल्की लग रही है—कागज़ पर कम अनुभवी, और मैदान पर कुछ खामियों के साथ।
कप्तान पैट कमिंस और तेज़ गेंदबाज़ जोश हेज़लवुड चोटिल हैं और पहला टेस्ट नहीं खेल पाएंगे।
ऐसे में नई जिम्मेदारी मिचेल स्टार्क और नाथन लियोन पर आ जाएगी।
दो नए चेहरे टीम के संतुलन को बदल देंगे—
जैक वेदराल्ड (31 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू)
और
ब्रेंडन डोगेट, जो संभवतः स्कॉट बोलैंड की जोड़ी बनकर उतरेंगे।
यह भी पहला मौका होगा जब ऑस्ट्रेलिया पुरुष टेस्ट टीम में एक साथ दो देशी खिलाड़ी (Indigenous Australians) खेलेंगे—एक ऐतिहासिक क्षण।
एशेज 2025: पहला टेस्ट, पर्थ—कौन कहां खेलेगा?
ऑस्ट्रेलिया की संभावित XI:
| क्रम | खिलाड़ी | भूमिका |
|---|---|---|
| 1 | जैक वेदराल्ड | ओपनर |
| 2 | उस्मान ख्वाजा | ओपनर |
| 3 | मार्नस लाबुशेन | बैटर |
| 4 | स्टीव स्मिथ (कप्तान) | बैटर |
| 5 | ट्रेविस हेड | मिडिल-ऑर्डर |
| 6 | कैमरन ग्रीन | ऑलराउंडर |
| 7 | एलेक्स कैरी | विकेटकीपर |
| 8 | मिचेल स्टार्क | तेज गेंदबाज़ |
| 9 | नाथन लियोन | स्पिनर |
| 10 | ब्रेंडन डोगेट | तेज गेंदबाज़ |
| 11 | स्कॉट बोलैंड | तेज गेंदबाज़ |
ग्रीन पूरी तरह फिट हैं और गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी टीम की रीढ़ बन सकते हैं।
इंग्लैंड—स्टोक्स का मिशन: इतिहास तोड़ना
स्टोक्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा—
“हम अपना इतिहास खुद लिखने का मौका लेकर आए हैं। जब जनवरी में यहां से निकलूं, तो उन कप्तानों में मेरा भी नाम हो जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में एशेज जीती।”
गेंदबाज़ी में इंग्लैंड का हथियार—जोफ्रा आर्चर, जिन्हें मार्क वुड का साथ मिलेगा।
इसके अलावा ब्रायडन कार्स, गस एटकिंसन और खुद स्टोक्स अतिरिक्त विकल्प होंगे।
इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी का कोर—रूट, क्रॉली, बूक और डकेट—इस बार ‘बाज़बॉल’ की जगह पारंपरिक टेस्ट एप्रोच के साथ खेलने की तैयारी में दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि पर्थ की पिच हर सत्र में अलग रंग दिखाती है और तेज़ गेंदबाज़ों का खेल बन जाती है।
क्या इस बार सूखा खत्म होगा?
इंग्लैंड का ऑस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड डरावना है।
ऑस्ट्रेलिया के पास कमजोरियां हैं—लेकिन उनके घरेलू कंडीशंस, बाउंस, और भीड़ का प्रभाव अभी भी सबसे बड़ा हथियार है।
स्टोक्स अगर यहां जीतते हैं, तो यह उपलब्धि उनकी कप्तानी का सबसे बड़ा तमगा बनेगी।
पर फिलहाल… सवाल वही है—
क्या इंग्लैंड इस बार भी टूटेगा, या 14 साल का सूखा सच में खत्म होगा?















