Pant – गुवाहाटी की शाम थोड़ी भारी-सी लग रही थी—दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में भारत पहले ही 0-1 से पीछे, कप्तान शुभमन गिल बाहर, और अचानक ऋषभ पंत पर आ गई टीम इंडिया की कमान।
पंत ने शुक्रवार को साफ कहा—“एक ही मैच की कप्तानी करना आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन यह मेरे लिए सम्मान की बात है।”
टोन शांत था, लेकिन भीतर जिम्मेदारी की गर्मी साफ दिख रही थी।
दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर पंत प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिल्कुल उसी अंदाज़ में दिखे—आक्रामक, बिंदास और बिना किसी ‘ओवरथिंकिंग’ के।
उनके मुताबिक, वह शनिवार से शुरू होने वाली चुनौती को खास बोझ की तरह नहीं देख रहे। और शायद यही उनका सबसे बड़ा हथियार है।
ऋषभ पंत—एमएस धोनी के बाद दूसरे विकेटकीपर कप्तान
गुवाहाटी टेस्ट में नियमित कप्तान शुभमन गिल की गैरमौजूदगी ने टीम इंडिया को अचानक नया रास्ता चुनना पड़ा—और पंत उस रास्ते के नैचुरल नेता साबित हुए।
गिल को कोलकाता टेस्ट में गर्दन में चोट लगी थी, जिसके कारण उन्हें अस्पताल भी ले जाना पड़ा। रिकवरी तेज़ नहीं हुई, और बीसीसीआई ने उन्हें दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया।
इस तरह पंत भारत के दूसरे विकेटकीपर टेस्ट कप्तान बन गए—धोनी के बाद।
“एक मैच की कप्तानी आदर्श नहीं, लेकिन यह सम्मान है”
पंत ने अपनी बात बिल्कुल सीधी रखी:
“एक कप्तान के लिए एकमात्र मैच सबसे अच्छा विकल्प नहीं होता, लेकिन मैं बीसीसीआई का मुझे यह जिम्मेदारी देने के लिए आभारी हूं। बड़े मौकों के बारे में ज़्यादा सोचने से फायदा नहीं होता।”
उनका जोर इस बात पर था कि वह दबाव को दिमाग पर हावी नहीं होने देंगे।
“पहला टेस्ट मुश्किल था… अब जीत के लिए जो करना होगा, करेंगे”
भारत को ईडन गार्डन्स में मिली हार ने सीरीज़ को झुला दिया है।
लेकिन पंत तैयार हैं:
“पहला टेस्ट हमारे लिए कठिन था। लेकिन हम जानते हैं कि क्या करना है। जीतने के लिए जो भी जरूरत होगी, करेंगे।”
उनके इस बयान से साफ है—रणनीति में बदलाव संभावित है, लेकिन टीम का एप्रोच स्पष्ट रखा जाएगा।
गिल की जगह कौन खेलेगा? पंत ने नाम बताने से किया इंकार
गिल के बाहर होने के बाद स्वाभाविक सवाल था—प्लेसमेंट कौन करेगा?
पंत ने इस पर रहस्य बनाए रखा:
“हमने फैसला कर लिया है कि शुभमन की जगह कौन खेलेगा। खिलाड़ी को बता दिया गया है, लेकिन मैं अभी नाम नहीं बता सकता।”
संकेत यही कि जुरेल–साई सुदर्शन–पडिक्कल में से कोई एक नंबर-4 पर उतरेगा।
“लीक से हटकर भी, और पारंपरिक भी—मैं संतुलन खोजूंगा”
कप्तान बनने के बाद पंत का एप्रोच बहुत दिलचस्प हो सकता है।
उनका बयान:
“मैं पारंपरिक बने रहना चाहता हूं, लेकिन लीक से हटकर भी सोचना चाहता हूं। चीज़ों को सरल रखना होगा। जो टीम बेहतर क्रिकेट खेलेगी, वही जीतेगी।”
यानी बॉक्स से बाहर सोचने वाली कप्तानी, लेकिन बेसिक्स से समझौता नहीं।
गिल की जिद और जज़्बे की तारीफ
पंत ने शुभमन गिल की प्रतिबद्धता के बारे में भी बात की:
“शुभमन खेलने के लिए उत्सुक थे। उन्होंने तब भी जज्बा दिखाया जब शरीर साथ नहीं दे रहा था। यही रवैया हर खिलाड़ी से चाहते हैं। मैं उनसे रोज़ बात करता हूं।”
और फिर वो लाइन, जिसने साफ कर दिया कि कप्तानी का फैसला अचानक आया:
“मुझे कल शाम ही पता चला कि मैं कप्तानी करूंगा।”
भारत 0-1 से पीछे—गुवाहाटी टेस्ट में पंत की परीक्षा
भारत फिलहाल सीरीज़ में पीछे है, और गुवाहाटी टेस्ट निर्णायक मोड़ पर खड़ा है।
गिल की गैरमौजूदगी—और पंत की आक्रामक कप्तानी—दोनों मिलकर इस टेस्ट को एक अलग ही रंग दे रही है।
अगले 5 दिन पंत की कप्तानी, बल्लेबाज़ी और फील्ड सेटिंग पर सबकी नज़रें रहेंगी।















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