WTC 2027 : 2000 के बाद फिर SA ने भारत में सीरीज जीती – इस बार अंतर और भी बड़ा

Atul Kumar
Published On:
WTC 2027

WTC 2027 – साउथ अफ्रीका ने गुवाहाटी की ठंडी हवा में ऐसा झोंका छोड़ा कि टीम इंडिया उसकी आगोश से अगले तीन दिन तक भी नहीं निकल पाई। 408 रनों की करारी शिकस्त—इतनी भारी, इतनी एकतरफ़ा कि भारतीय सरज़मीं पर खेला जा रहा टेस्ट भी किसी न्यूट्रल वेन्यू की कहानी लगने लगा।

और यह सिर्फ एक मैच नहीं था; यह एक नतीजा था, जो पहले कोलकाता टेस्ट में लगी चोट पर और नमक छिड़क गया। दो टेस्ट…दोनों हार…और 25 साल बाद भारत अपने घर में दक्षिण अफ्रीका से दोबारा क्लीन स्वीप।

25 साल बाद वही कहानी—SA ने फिर भारत में टेस्ट सीरीज पर कब्ज़ा किया

2000 की याद ताज़ा हो गई जब हैंसी क्रोन्जे की टीम ने भारत को उसी की मिट्टी पर 2–0 से हराया था।
2025 में इतिहास ने वही अध्याय दोहराया।

तीन में से दो घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत को क्लीन स्वीप झेलना पड़ा है (हालिया सीरीज के हिसाब से)। वेस्टइंडीज के खिलाफ क्लीन स्वीप एक छोटी राहत जरूर थी, लेकिन गंभीर सवाल उठ रहे हैं—क्या टीम इंडिया अपने ही कंडीशंस में फिसल रही है?

कोच गौतम गंभीर की अगुवाई में यह टेस्ट सीरीज ऐसी दिखी कि जैसे भारत अपने ही हथियार से चूक रहा है। और अब असर सीधे-सीधे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2027 की रेस पर पड़ने वाला है।
सरल भाषा में कहें?
अब हर मैच को ‘करो या मरो’ की तरह खेलना होगा।

SA की पहली पारी—489 का पहाड़, जिसमें भारतीय गेंदबाज 151 ओवर घिस गए

टेम्बा बावुमा ने टॉस जीतकर बिना किसी हिचक बल्लेबाजी चुनी, और SA के बल्लेबाजों ने यह फैसला सही साबित कर दिया।
151.1 ओवर—यह संख्या ही बता देती है कि भारतीय गेंदबाज कितने संघर्ष से गुज़रे।

साउथ अफ्रीका का स्कोरकार्ड किसी टीम वर्क का सबसे अच्छा उदाहरण लगता है:

बल्लेबाजरन
सेनुरन मुथुसामी109
मार्को यान्सेन93
ट्रिस्टन स्टब्स49
काइल वैरेनी45
टेम्बा बावुमा41
एडेन मार्करम38

भारत की गेंदबाजी में कुलदीप यादव सबसे असरदार रहे—4 विकेट।
लेकिन उनके अलावा बुमराह, सिराज और जडेजा को 2-2 विकेट ही मिले, और 150+ ओवर तक गेंदबाजी करते हुए SA को 489 पर रोकना किसी उपलब्धि जैसा लगने लगा।

भारत की पहली पारी—201 रनों का बिखराव

83.5 ओवर में 201 रनों पर आउट।
अगर किसी एक वाक्य में भारतीय पारी का विवरण चाहिए, तो यही काफी है।

यशस्वी जायसवाल ने 58 की जुझारू पारी खेली। वॉशिंगटन सुंदर ने 48 जोड़े—और वहीं कहानी खत्म।

मार्को यान्सेन ने 6/48 से भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ निकाल दी। साइमन हार्मर ने 3 विकेट लेकर स्पिन से बची-खुची उम्मीदें भी समाप्त कर दीं।

288 रनों की बढ़त—यह ऐसा कुशन था जिसे देखकर SA ने दोबारा बल्लेबाजी करने का फैसला लिया…और भारत के लिए यह मैच वहीं खत्म हो गया था, बस औपचारिकताएँ बाकी थीं।

SA की दूसरी पारी—260/5 पर पारी घोषित, और भारत के सामने पहाड़ खड़ा

78.3 ओवर और भारतीय गेंदबाजों की एक और थकान भरी रात।
SA ने 260/5 बनाकर पारी घोषित कर दी।

लक्ष्य? 549 रन।

टेस्ट क्रिकेट में यह स्कोर बोर्ड पर देखकर ही कई टीमें मानसिक रूप से मैच छोड़ देती हैं।

भारत की दूसरी पारी—140 पर ढेर, और हार 408 रनों की

पहले ही ओवर से ऐसा लगा कि भारतीय बल्लेबाज SA की गेंदबाजी से दबे हुए हैं।
साइमन हार्मर ने 6 विकेट निकालकर भारत के खिलाफ पुरानी कमजोरी—उलझती हुई टर्न और फ्लाइट—दोनों उजागर कर दीं।

कुल स्कोर? 140।
फासला? 408 रन।
और नतीजा?
25 साल बाद SA फिर से भारतीय सरज़मीं पर टेस्ट सीरीज विजेता।

भारत के लिए आगे की राह और मुश्किल

डब्ल्यूटीसी 2027 के लिए यह हार भारत को नीचे धकेल चुकी है।
अब लगभग हर मैच must-win जैसा हो गया है।
टीम बैलेंस, ओपनिंग पार्टनरशिप, मध्यक्रम की स्थिरता, और स्पिनर्स का प्रभाव—सभी पर बड़े सवाल खड़े हैं।

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