WPL : WPL में बड़ा विस्तार तय—जिंदल का बयान बना सुर्खी

Atul Kumar
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WPL – सुबह के वक्त जब दिल्ली के कोटला के बाहर धुंध धीरे-धीरे छँट रही थी, शहर में एक और आवाज़ साफ़ सुनाई दे रही थी—महिला क्रिकेट के भविष्य पर बढ़ती चर्चा।

इसकी चिंगारी किसी फैन फोरम से नहीं, बल्कि दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल से उठी, जिन्होंने साफ़ कहा कि WPL अब अपने अगले पड़ाव के बेहद करीब है—नई टीमें, बड़ा विंडो और असली “होम-एंड-अवे” क्रिकेट।

ये बयान जितना साधारण दिखता है, उतना है नहीं। महिला क्रिकेट की रफ्तार पिछले दो वर्षों में जिस स्पीड से बढ़ी है, भारत के महिला ODI विश्व कप जीतने के बाद तो उसे नई ऊँचाइयाँ मिल चुकी हैं। और अब, जिंदल वही कह रहे हैं जो शायद बोर्ड के गलियारों में धीरे-धीरे पक रहा था।

WPL में जल्द जुड़ सकती हैं 1–2 नई टीमें—जिंदल का बड़ा संकेत

PTI से बातचीत में पार्थ जिंदल ने यह लगभग साफ कर दिया कि महिला प्रीमियर लीग अपने पहले बड़े विस्तार की ओर बढ़ रही है।
उनके शब्दों में—“यह तय है कि आगे एक या दो नई टीमें आएंगी।”

यह बयान हल्के में नहीं दिया गया।
पिछले 14 महीनों में WPL के दो सीज़न फटाफट आयोजित किए गए। यानी कैलेंडर जानबूझकर कॉम्पैक्ट रखा गया—नई टीम जोड़ने से पहले लीग को स्थिर मॉडल देने की कोशिश।

और अब, जिंदल के संकेत बताते हैं कि भीतर नई फ्रेंचाइज़ी जोड़ने पर काम लगभग शुरू हो चुका है।

“कैरेवैन” मॉडल खत्म हो सकता है—WPL को मिलेगा असली घरेलू मैदान?

WPL अभी “कैरेवैन” स्टाइल में चलता है—कुछ शहरों तक सीमित, लगातार शिफ्टिंग और फ्रेंचाइज़ी को अपने असली घरेलू मैदान का फायदा नहीं मिलता।
जिंदल इस मॉडल को “ठीक, लेकिन आदर्श नहीं” बताते हैं।

उनकी दृष्टि में WPL का असली रूप वही होगा जो IPL में दिखता है—
दिल्ली कैपिटल्स अपने होम ग्राउंड में खेले, मुंबई वानखेडे़ में उतरे, और बेंगलुरु फिर से महिला क्रिकेट में रंग भरे।

जिंदल ने कहा:
“हम चाहते हैं कि WPL भी होम-एंड-अवे में आए। खेल प्रेमियों, खेल और लीग के विकास—तीनों के लिए यह आदर्श होगा।”

और सच कहें तो यह मॉडल सिर्फ वाणिज्यिक नहीं, भावनात्मक भी है।
किसी शहर की टीम जब अपने मैदान पर उतरती है, दर्शकों का रिश्ता टीम से कई गुना गहरा होता है।

क्रिकेट सिर्फ दो टीमों का मुकाबला नहीं, बल्कि एक शहर की पहचान बन जाता है।

WPL का लिमिटेड विंडो—और क्यों जिंदल का “बड़ा विंडो” संकेत महत्वपूर्ण

BCCI फिलहाल WPL को एक सिफ्ट किए गए विंडो में फिट करता है, ताकि पुरुष क्रिकेट कैलेंडर प्रभावित न हो।
WPL का चौथा सीजन 9 जनवरी से नवी मुंबई और वडोदरा में होगा—शहर सीमित हैं, समय भी सीमित।

लेकिन जिंदल वाजिब सवाल उठाते हैं—
“क्या यह फॉर्मेट लंबे समय तक काम करेगा?”

WPL की लोकप्रियता महिलाओं के ODI वर्ल्ड कप जीत के बाद आसमान छू रही है।
फाइटिंग स्पिरिट, स्टेडियम की बढ़ती भीड़, टीवी रेटिंग, डिजिटल व्यूअरशिप—सब एक चीज कह रहे हैं:
महिला क्रिकेट अब साइड शो नहीं, मेन इवेंट है।

ऐसे में बड़ा विंडो देना ही होगा।
लंबा टूर्नामेंट, बड़ा ब्रांड़ वैल्यू, अधिक टीवी राजस्व और ज्यादा मैच—ये सभी लीग के विकास को नई दिशा देंगे।

BCCI नई टीम कब जोड़ सकता है? संकेत कई हैं

हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई, लेकिन कुछ पैटर्न संकेत दे रहे हैं:

संकेतव्याख्या
14 महीनों में दो सीजनलीग को स्थिर और फ्रेंचाइज़ी मूल्यांकन के लिए समय देना
WPL व्यूअरशिप में उछालनई टीम जोड़कर कमाई का दायरा बढ़ाना
कुछ शहरों द्वारा बोली में रुचिकोलकाता, अहमदाबाद, चेन्नई जैसे शहर पहले से रुचि जता चुके हैं
जिंदल का बयानमालिक सार्वजनिक तौर पर तभी बोलते हैं जब बोर्ड में चर्चा आगे बढ़ चुकी हो

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो 2026 या 2027 तक WPL में 6–7 टीमें दिखना आश्चर्य नहीं होगा।

दिल्ली कैपिटल्स की सोच—समय पर सही निवेश

जिंदल का यह बयान यह भी दिखाता है कि DC फ्रेंचाइज़ी WPL को लंबे गेम के रूप में देख रही है।
उन्होंने कहा कि महिला वनडे वर्ल्ड कप जीत ने बाजार को पूरी तरह बदल दिया है—“हमने सही समय पर निवेश किया।”

यह बात बिल्कुल सटीक लगती है।
WPL ने तीन सीज़न में ही जिस तरह फैन बेस खड़ा किया है, वह किसी भी ग्लोबल महिला लीग के लिए गर्व की बात है।

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