T20 Duck – कराची की सुबह कुछ यूं शुरू हुई कि खाड़ी से आती नम हवा तो हमेशा की तरह हल्की थी, लेकिन सोशल मीडिया पर उठती लहरों में एक अजीब-सी कसक थी।
क्योंकि इस बार बात सिर्फ हार या जीत की नहीं थी—पाकिस्तान के किंग कहे जाने वाले बाबर आजम एक बार फिर शून्य पर लौट आए थे।
और यह डक कोई साधारण डक नहीं था। यह उनके करियर के सबसे भारी, सबसे चर्चित और शायद सबसे असहज आंकड़ों में जुड़ गया।
श्रीलंका के खिलाफ शून्य—और एक “किंग” का बदला हुआ चेहरा
ट्रॉई सीरीज के 8वें मुकाबले में बाबर आजम पहली ही गेंद पर आउट होकर लौटे।
सिर्फ एक डॉट की दूरी पर नहीं—सीधे उस रिकॉर्ड की तरफ बढ़ते हुए जिसे कोई बल्लेबाज अपने नाम नहीं चाहता।
यह उनका टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का 10वां डक था।
जी हां—दसवां।
और इसी के साथ बाबर अब पाकिस्तान के उन खिलाड़ियों की सूची में सबसे ऊपर पहुंच गए हैं जिन्होंने T20I में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
यहां है वह सूची:
| खिलाड़ी | डक की संख्या |
|---|---|
| बाबर आजम | 10 |
| सैम अयूब | 10 |
| उमर अकमल | 10 |
| शाहिद अफरीदी | 8 |
यह सच है कि फॉर्म किसी भी खिलाड़ी के करियर में ऊपर-नीचे होती है।
लेकिन बाबर का यह पैटर्न पिछले एक साल में जितनी बार दिखा है, उतनी बार शायद पाकिस्तान की टीम मैनेजमेंट ने भी कल्पना नहीं की होगी।
पिछली 9 पारियों में 4 डक—किसी भी टॉप-ऑर्डर खिलाड़ी के लिए बेहद भारी संकेत।
घर पर भी एक और अनचाहा रिकॉर्ड—रोहित शर्मा को पीछे छोड़ा
बात यहीं खत्म नहीं होती।
बाबर ने एक और रिकॉर्ड तोड़ डाला—यह भी ऐसा जिसे कोई खिलाड़ी छूना नहीं चाहता।
घरेलू जमीन पर सबसे ज्यादा डक झेलने वाले टॉप-7 बल्लेबाजों की सूची में बाबर आजम अब दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
रोहित शर्मा, जो अब टी20I से रिटायर हो चुके हैं, घर पर 5 बार शून्य पर आउट हुए थे।
बाबर अब उन्हें पीछे छोड़कर 6 डक पर पहुंच गए हैं।
सिर्फ एक खिलाड़ी इस सूची में उनसे आगे है—श्रीलंका के दसुन शनाका।
| खिलाड़ी | घर पर डक | पारियां |
|---|---|---|
| दसुन शनाका | 7 | 25 |
| बाबर आजम | 6 | 62 |
| सिकंदर रजा | 6 | 43 |
| आंद्रे फ्लेचर | 5 | 28 |
| केविन ओ’ब्रायन | 5 | 30 |
| सब्बीर रहमान | 5 | 32 |
| शाकिब अल हसन | 5 | 52 |
| रोहित शर्मा | 5 | 57 |
ऐसा नहीं है कि बाबर रन नहीं बना रहे।
उन्होंने हाल में शतक का सूखा भी तोड़ा—but वह पुराना फ्लुएंट, आत्मविश्वासी, मैच को अकेले खींच लेने वाला बाबर अब नज़र नहीं आता।
इस बार पैटर्न कुछ अलग है।
शॉट से पहले हिचक, एक्स्ट्रा स्विंग पर असहजता, और शुरुआती ओवर में सॉफ्ट डिस्मिसल।
ये संकेत बताते हैं कि दबाव फॉर्म को निगल रहा है।
बाबर बनाम विराट—क्या तुलना की धार उलटी चल पड़ी है?
बाबर आजम पर नया दबाव कोहली से की जाने वाली लगातार तुलना ने भी बढ़ाया है।
हालांकि यह तुलना हमेशा से अव्यावहारिक रही है—दो अलग शैलियां, दो अलग युग, दो अलग मानसिकताएं।
पर पाकिस्तान में बाबर को “किंग” कहा जाता है—और वही उपाधि किसी भी खराब चरण को दोगुना भारी बना देती है।
जब कोहली खराब फॉर्म से जूझे थे, उनकी बॉडी लैंग्वेज में भी झटका दिखता था।
बाबर के साथ भी आज वही कहानी रिप्ले हो रही है—बस फर्क इतना है कि भारतीय टीम की बेंच स्ट्रेंथ और संरचना उस दौर में मजबूत ढाल थी।
पाकिस्तान में ऐसा नहीं है।
यहां कप्तान, स्टार खिलाड़ी और सबसे बड़ा पोस्टर बॉय—तीनों भूमिकाएं बाबर अकेले ढोते हैं।
पाकिस्तान की बल्लेबाजी—ऊपर आग, नीचे राख
पाकिस्तान के कई पूर्व खिलाड़ियों ने पहले भी कहा है कि टीम की बल्लेबाजी संरचना एकदम असंतुलित है।
या तो रन टॉप ऑर्डर पर निर्भर,
या फिर मिडिल-ऑर्डर मैच फिक्स करने की बजाय मैच गँवा रहा हो।
जब बाबर रन नहीं बनाते, पाकिस्तान का टॉप ऑर्डर लगभग खाली दिखता है।
और बाबर का यह डक रिकॉर्ड यही बता रहा है कि टीम की मनोवैज्ञानिक सेंटरपिन बार-बार कमजोर हो रही है।
क्या बाबर “ओवरलोड” का शिकार हो रहे हैं?
यह भी सच है कि पाकिस्तान क्रिकेट में निरंतरता दुर्लभ है—कोच बदलते रहते हैं, कप्तान बदलते रहते हैं, बोर्ड का माहौल अनिश्चित रहता है।
बाबर जैसे खिलाड़ी पर लगातार प्रदर्शन का दबाव मानसिक थकावट बना सकता है।
पिछले 18 महीनों में उन्होंने:
- कप्तानी छोड़ी
- कप्तान के रूप में वापसी की
- आलोचना झेली
- फॉर्म खोई
- फॉर्म पाई
- फिर खो दी
यह चक्र किसी भी खिलाड़ी को भीतर तक हिला सकता है।
क्रिकेट में डक—क्या यह “रैंडम” होता है या संकेत?
टी20 क्रिकेट में शुरुआती ओवर में आउट होना आम बात है, लेकिन यहां मामला सिर्फ एक-दो डक का नहीं।
यह पैटर्न है—और इसी पैटर्न से संकेत मिलता है कि बाबर की शुरुआती ओवर की टैक्टिक्स में सुधार की जरूरत है।
उनकी कमजोरी पिछले कुछ समय में दिखी है:
- इन-स्विंगर पर बैट काफी देर से आता है
- अटैकिंग इरादों में हिचक
- ऑफ-स्टंप के बाहर धीमी गेंदों पर चूक
- एक्सप्लॉइट होने वाली रिपीटेड तकनीकी खामियाँ
एक बल्लेबाज के शून्य पर आउट होने का मतलब सिर्फ खराब गेंद नहीं होता—कभी-कभी वह मानसिक तैयारी का दर्पण होता है।
क्या बाबर यह रिकॉर्ड तोड़ देंगे?
दसुन शनाका का रिकॉर्ड 7 घर वाले डक का है।
बाबर 6 पर खड़े हैं—और जिस तरह का पैटर्न चला है, यह दूरी ज्यादा नहीं लगती।
लेकिन यही वह बिंदु है जहां एक टॉप क्लास खिलाड़ी अपने करियर को मोड़ सकता है।
कई दिग्गजों ने इसी तरह के दौर से लड़कर वापसी की है—रूट, स्मिथ, कोहली, यहां तक कि केन विलियमसन ने भी।















