ODI : कोहली–रोहित पर टिकी उम्मीदें ड्रेसिंग रूम विवाद ने बढ़ाई टेंशन

Atul Kumar
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ODI – रायपुर की हवा में बुधवार सुबह से ही एक बेचैनी तैर रही है—हल्की धूप, स्टेडियम के बाहर लंबी कतारें, और भीतर-बाहर एक ही सवाल घूम रहा है:
क्या भारत इस अफवाहों से भरे ड्रेसिंग रूम माहौल के बीच दक्षिण अफ्रीका से सीरीज जीत पाएगा?

पहला वनडे तो निकाल लिया—विराट कोहली के 52वें शतक और रोहित शर्मा की तल्ख़ 57 रन की पारी ने रांची में 17 रन की जीत दिला दी। लेकिन कहानी इतनी सीधी नहीं है। मैच जीतने से ज़्यादा चर्चा हो रही है किसने कैसे खेला से लेकर ड्रेसिंग रूम में क्या चल रहा है तक।

ऐसे वक्त में सीरीज का दूसरा मुकाबला सिर्फ एक वनडे नहीं—यह उस माहौल की परीक्षा है जिसमें भारत अगले दो साल बाद होने वाले 2027 वनडे विश्व कप में उतरने वाला है। और इस समय, सारी निगाहें दो दिग्गजों पर टिक गई हैं: विराट कोहली और रोहित शर्मा।

कोहली–रोहित की मौजूदगी: भारत की सबसे बड़ी ढाल

रांची में जो हुआ, उसने भारत के लिए दो बातें साफ़ कर दीं—

  1. बड़े मैच बड़े खिलाड़ियों से ही जीते जाते हैं
  2. और भारत के पास अभी भी यह लक्ज़री है

कोहली का 52वाँ वनडे शतक सिर्फ रन नहीं था—वह एक बयान था कि उम्र, फिटनेस, शोर, विवाद… सब कुछ हो, लेकिन खेल अभी बाकी है।
रोहित की 57 रन की तेजी ने शुरुआत में जो लय बनाई, वही जीत की नींव बनी।

इन दोनों के फॉर्म से जो संदेश गया, वह दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 2027 विश्व कप की ओर सीधा इशारा करता है—दोनों अभी भी नंबर-एक प्लान का हिस्सा हैं।

लेकिन इसी बीच एक और परत है—गौतम गंभीर के साथ बढ़ते मतभेदों की चर्चा। चयन बैठक में दोनों के रोल को लेकर BCCI के दखल की जरूरत की बात अब खुले में आने लगी है। अजित अगरकर और गंभीर का इस मुद्दे पर चुप रहना—यह भी सवाल खड़े कर रहा है कि क्या टीम इंडिय़ा किसी अनकहे संक्रमण काल से गुजर रही है?

प्रयोगों से भरा बैटिंग ऑर्डर—लेकिन परिणाम सवालों के घेरे में

पहले वनडे की जीत के बावजूद कई मुद्दे गटकने वाले रहे।
सबसे बड़ा—रुतुराज गायकवाड़ को चौथे नंबर पर भेजना।

लिस्ट A क्रिकेट में वह शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन नंबर 4 की भूमिका एकदम अलग है—स्थिरता, मैच पढ़ना, और स्पिन पर कुशलता। गायकवाड़ इस पोजिशन पर असहज दिखे, और भारत को मध्य क्रम में स्थिरता नहीं मिली।

केएल राहुल का छठे नंबर पर आना भी चौंकाने वाला था।
वह कप्तान हैं, फॉर्म में हैं—और छठा नंबर उनके खेल से मेल नहीं खाता।

वाशिंगटन सुंदर पर तो जैसे “जहां जगह मिले, उतर जाओ” वाली नीति लागू है।
कोलकाता टेस्ट में नंबर तीन पर, रांची वनडे में नंबर पाँच पर… लेकिन कहीं भी वह अपनी लय में नहीं दिखे। गेंदबाज़ी में भी उन्होंने सिर्फ तीन ओवर डाले—वह भी 18 रन देकर।

इस तरह के प्रयोग वर्ल्ड कप के दो साल पहले समझ से बाहर हैं।

हर्षित राणा—पहले स्पेल में चमक, बाद में बिखराव

रांची में नई गेंद से दो विकेट लेना शानदार था।
लेकिन 34वें ओवर के बाद ICC के नए नियम (एक ही पुरानी गेंद उपलब्ध) ने उन्हें परेशान किया।
गेंद थोड़ी घिसी हुई थी, स्लो थी, और हर्षित अपनी लेंथ को मैनेज नहीं कर पाए—नतीजा, किफायत पर असर।

यही वह हिस्सा है जिसे उन्हें सबसे जल्दी सुधारना होगा।
क्योंकि लंबे फॉर्मेट वाले गेंदबाज़ भले धीरे तैयार होते हों, वनडे स्पेस में आपको तुरंत एडजस्ट करना पड़ता है।

ICC की ODI गेंद उपयोग नीति के बदलाव की आधिकारिक जानकारी ने टीम मैनेजमेंट की चुनौती और बढ़ा दी है।

कुलदीप यादव—महंगे भी, मैच-विजेता भी

कुलदीप का 4 विकेट haul नंबरों में थोड़ा महंगा दिखता है—68 रन।
लेकिन यदि वह विकेट न लाते, तो मार्को यानसेन और मैथ्यू ब्रीट्ज़के मैच भारत के हाथ से निकाल चुके थे।

स्पिनर का काम केवल किफायती ओवर डालना नहीं होता; ब्रेकथ्रू दिलाना होता है।
और कुलदीप ने वही किया।

दक्षिण अफ्रीका की वापसी—यानसेन का तूफान और ब्रीट्ज़के की परिपक्व पारी

दक्षिण अफ्रीका ने 11 रन पर 3 विकेट खोने के बाद जैसी वापसी की, वह भारतीय गेंदबाज़ी को लेकर कुछ सख्त सवाल छोड़ गई।

मार्को यानसेन ने 26 गेंद में पचासा पूरा किया—खालिस power-hitting और साफ़ इरादों वाली पारी।
72 रन बनाने वाले मैथ्यू ब्रीट्ज़के ने डेब्यू जैसे किसी दबाव को महसूस ही नहीं होने दिया।

अब दूसरे वनडे में तेम्बा बावुमा और केशव महाराज की वापसी—यह भारत के लिए खतरे की घंटी है।

रायपुर की पिच—सीम मूवमेंट की चेतावनी

शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम पर पिछला एकमात्र ODI जनवरी 2023 में खेला गया था—और याद को ताज़ा करें:
न्यूजीलैंड 108 पर ऑल आउट।
शमी और सिराज ने सीम की मदद से शुरुआती ओवरों में कहर बरपाया था।

यह वही पिच है जहां गिरती रोशनी के बाद गेंद हद से ज़्यादा हरकत करती है।
दिसंबर 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ T20 में भी भारत ने 20 रन से जीत दर्ज की थी।

मतलब साफ़—रायपुर की सतह बल्लेबाज़ों की नहीं, गेंदबाज़ों की दोस्त है।

संभावित प्लेइंग इलेवन और अहम प्लानिंग

भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों टीमों के पास यह मौका है कि सीरीज इसी मैच में निपटा दी जाए।
भारत शायद बैटिंग ऑर्डर को थोड़ा स्थिर रखे, खासकर गायकवाड़ और राहुल के स्लॉट को।
हर्षित राणा के ओवर-मैनेजमेंट पर भी पैनी नजर होगी।

भारत की टीम

केएल राहुल (कप्तान), रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, तिलक वर्मा, ऋषभ पंत, वाशिंगटन सुंदर, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, नीतीश कुमार रेड्डी, हर्षित राणा, रुतुराज गायकवाड़, प्रसिद्ध कृष्णा, अर्शदीप सिंह, ध्रुव जुरेल

दक्षिण अफ्रीका

तेम्बा बावुमा (कप्तान), एडेन मारक्रम, डेवाल्ड ब्रेविस, नांद्रे बर्गर, क्विंटन डी कॉक, मार्को यानसेन, टोनी डी जॉर्जी, रुबिन हरमन, ओटनील बार्टमैन, कॉर्बिन बॉश, मैथ्यू ब्रीट्ज़के, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, रयान रिकेलटन, प्रेनेलन सुब्रायन

मैच दोपहर 1:30 बजे शुरू होगा—और भारत के लिए यह मुकाबला सिर्फ सीरीज की लड़ाई नहीं, टीम माहौल के भीतर की दरारों को जोड़ने का मौका भी है।

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