Ashes – ब्रिस्बेन की हवा में पिंक बॉल का हल्का-सा डर पहले से घुला हुआ है—और इंग्लैंड की टीम, पर्थ की दो-दिवसीय हार के बाद, ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ कोई भी गलत कदम पूरी एशेज सीरीज का समीकरण बिगाड़ सकता है।
4 दिसंबर से गाबा में दूसरा टेस्ट शुरू होना है, और उससे दो दिन पहले इंग्लैंड ने अपनी प्लेइंग XI का ऐलान कर दिया—सिर्फ एक बदलाव, लेकिन बड़ा और रणनीतिक बदलाव।
इंग्लैंड की पिंक-बॉल प्लानिंग—विल जैक्स आए, मार्क वुड बाहर
तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड चोट के कारण बाहर हो गए, और उनके स्थान पर इंग्लैंड ने स्पिन-ऑलराउंडर विल जैक्स को शामिल किया है।
यह फैसला थोड़ा चौंकाने वाला था क्योंकि टीम में फ्रंटलाइन स्पिनर शोएब बशीर मौजूद थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने जैक्स की बैटिंग और लचीली गेंदबाज़ी को प्राथमिकता दी।
जैक्स ने इंग्लैंड की ओर से केवल दो टेस्ट खेले हैं, लेकिन उनके डेब्यू की याद अब भी ताज़ा है—2022 पाकिस्तान टूर पर लिया गया पांच विकेट हॉल उन्हें सीधे टीम मैनेजमेंट की योजनाओं में ऊपर उठा चुका है।
अभ्यास सत्र में जैक्स ने लंबी लेंथ पर निरंतर गेंदबाज़ी की, और कोचिंग स्टाफ को उनकी कंट्रोल और वैरिएशन में भरोसा दिखा।
इंग्लैंड अब उतरेगा:
- चार तेज़ गेंदबाज़ + कप्तान बेन स्टोक्स (पाँचवां पेस विकल्प)
- एकमात्र स्पिन गेंदबाज़—विल जैक्स
यह सेटअप साफ़ बताता है कि इंग्लैंड गाबा में मैच लंबा खींचने नहीं, पेस-हेवी टेम्पो के साथ मैच को झटकों में जीतने आया है।
पर्थ की 8 विकेट वाली हार—इंग्लैंड की चुनौती अब मानसिक भी है
पहला टेस्ट दो दिन में खत्म हो गया—एक ऐसा परिणाम जो आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में लगभग असंभव माना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हर विभाग में पछाड़ा था:
- इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी दो पारियों में ढह गई
- गेंदबाज़ी में लगातार हिट-एंड-मिस
- फील्ड में भी चूकें
इसके बावजूद ICC ने पर्थ की पिच को “बहुत अच्छी” रेटिंग दी—यह इंग्लैंड की बल्लेबाज़ों और उनके लय-संकट पर और गहरा सवाल खड़ा करता है।
ब्रिस्बेन और पिंक बॉल—ऑस्ट्रेलिया का लगभग अभेद्य किला
इंग्लैंड के सामने सबसे बड़ा खतरा मैदान से बाहर या विपक्षी टीम नहीं—पिंक बॉल इतिहास है।
| टीम | पिंक बॉल टेस्ट खेले | जीते | हार |
|---|---|---|---|
| ऑस्ट्रेलिया | 14 | 13 | 1 |
| इंग्लैंड | 7 | 2 | 5 |
| एशेज में पिंक बॉल | ऑस्ट्रेलिया – 3 | जीत – 3 | हार – 0 |
गाबा ऐतिहासिक रूप से ऑस्ट्रेलिया का किला रहा है।
पिंक बॉल की शाम में यहाँ गेंद ऐसे नाचती है कि दुनिया का कोई भी टॉप-ऑर्डर 15-20 मिनट में भरभराकर गिर सकता है।
और इंग्लैंड?
उनके रिकॉर्ड में अभी भी यह फॉर्मेट अधूरा, अस्थिर और जोखिम भरा लगता है।
इंग्लैंड की प्लेइंग XI—क्या यह टीम मुकाबला पलट सकती है?
इंग्लैंड ने अपनी एकादश में बदलाव कम किए, पर यह XI इंगित करती है कि टीम एप्रोच बदल चुकी है—सावधानी छोड़कर अब आक्रामक और संसाधन-आधारित सोच पर जोर है।
इंग्लैंड की प्लेइंग XI (2nd Test, Brisbane)
- जैक क्रॉली
- बेन डकेट
- ओली पोप
- जो रूट
- हैरी ब्रूक
- बेन स्टोक्स (कप्तान)
- जेमी स्मिथ (विकेटकीपर)
- विल जैक्स
- गस एटकिंसन
- ब्रायडन कार्स
- जोफ्रा आर्चर
XI से तीन स्पष्ट संदेश
- जेमी स्मिथ को Wicketkeeper के रूप में उतारना—भविष्य के लिए निवेश
इंग्लैंड नए युग की तैयारी कर रहा है। स्मिथ स्वच्छ स्ट्रोकप्ले और स्थिर विकेटकीपिंग का मौका देंगे। - जैक्स पर भरोसा—स्पिन + बैटिंग = दोहरी भूमिका
बशीर के बजाय जैक्स का आना बताता है कि इंग्लैंड स्पिन से मैच जीतने नहीं, बल्कि कंट्रोल के साथ समर्थन कराने आया है। - जोफ्रा आर्चर की मौजूदगी—इंग्लैंड की सबसे बड़ी उम्मीद
पिंक बॉल + जोफ्रा की 145+ किमी/घंटा की लेंथ—यह संयोजन मैच को किसी भी सत्र में पलट सकता है।
ऑस्ट्रेलिया को हल्के में लेने की भूल? बिल्कुल नहीं
ऑस्ट्रेलिया का पिंक बॉल में रिकॉर्ड डरावना है—
इस फॉर्मेट में कोई भी टीम उन्हें चुनौती देकर नहीं जीत पाई।
और इंग्लैंड की मौजूदा बल्लेबाज़ी जिस तरह दबाव में टूट रही है, इस टेस्ट की सबसे कठिन परीक्षा उनके टॉप-6 के सामने है।
अगर क्रॉली–डकेट शुरुआती स्पेल में 10–12 ओवर झेल गए, तभी इंग्लैंड मैच में टिक पाएगा।
इस टेस्ट का बड़ा सवाल—क्या इंग्लैंड 1-1 से वापसी कर पाएगा?
टेस्ट क्रिकेट में दो दिन में हारने वाली टीम के लिए सबसे मुश्किल काम तीसरे ही दिन वापसी करना होता है, वह भी ब्रिस्बेन की पिच पर।
लेकिन इंग्लैंड के पास कुछ हथियार हैं:
- रूट–स्टोक्स की अनुभवी धुरी
- आर्चर का स्पीड फैक्टर
- जैक्स की बहु-भूमिका
- मानसिकता में बदलाव
फिर भी, यह मुकाबला केवल एक परिणाम तक सीमित नहीं—यह इंग्लैंड के बेन-स्टोक्स एरा की दिशा तय करेगा।















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