IND : बावुमा की वापसी तय दूसरे वनडे से पहले कोहली-रोहित पर बड़ा बयान

Atul Kumar
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IND – शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम की धूप अभी पूरी तरह बैठी भी नहीं थी कि दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा ने नेट्स के पास खड़े-खड़े एक ऐसी बात कह दी जिसने दूसरे वनडे का तापमान कुछ डिग्री और बढ़ा दिया।
सवाल था—विराट कोहली और रोहित शर्मा की मौजूदगी से भारत कितना मजबूत होता है?
जवाब आया—बिना किसी हिचकिचाहट के—

“हमें नई बात नहीं लगती… लेकिन हाँ, उनकी मौजूदगी भारत को और खतरनाक बनाती है।”

यह लाइन जितनी सधी हुई थी, उतनी ही गहरी।
भारत पहला वनडे कोहली (52nd ODI ton) और रोहित (57) की जोड़ी की दमदार बल्लेबाज़ी की बदौलत जीता था।
और अब बावुमा—जो रांची में नहीं खेले थे—दूसरे मैच में वापसी के लिए तैयार हैं।

कोहली–रोहित का प्रभाव: बावुमा का साफ संदेश

दक्षिण अफ्रीका को पता है कि यह भारतीय टीम सिर्फ “फॉर्म में बल्लेबाज़ों” वाली यूनिट नहीं है—यह अनुभव, क्लीनिकल अप्रोच और मैच-क्राफ्ट से भरी लाइन-अप है।

बावुमा ने मीडिया से कहा:
“ये दोनों खिलाड़ी अनुभवी हैं, कुशल हैं… और इनकी मौजूदगी से भारत और भी मजबूत हो जाता है। हमें पहले से पता था कि वे फर्क पैदा करेंगे।”

यह कोई रटे-रटाए बयान नहीं।
यह उस कप्तान की आवाज़ है जिसने खुद भारत को 2-0 से टेस्ट सीरीज में हराया है, लेकिन वनडे फॉर्मेट में जानता है कि कोहली और रोहित मैच का पूरा माइंडसेट बदल देते हैं।

और फिर बावुमा की एक दिलचस्प स्वीकारोक्ति—
“2007 के T20 विश्व कप के समय मैं स्कूल में था… रोहित तब भी टीम में थे। ये खिलाड़ी इतने लंबे समय से खेल रहे हैं कि अब इनके खिलाफ खेलना नई बात नहीं लगती।”

इतने सालों में रोहित–कोहली का प्रभाव ही रहा है कि दक्षिण अफ्रीका अक्सर मैचों में दबाव में आया।
लेकिन बावुमा ने यह भी माना कि SA ने इनके खिलाफ अच्छा समय भी देखा है—यानी वह दूसरे मैच को “खुली लड़ाई” मानकर उतरेंगे।

शुकरी कोनराड के ‘ग्रोवेल’ विवाद पर—बावुमा ने क्लियर कर दिया

पहले टेस्ट के दौरान SA कोच शुकरी कोनराड ने “grovel” शब्द इस्तेमाल किया था—एक ऐसा शब्द जो ऐतिहासिक रूप से विवाद से जुड़ा रहा है।
बावुमा से पूछा गया कि क्या टीम के भीतर इस पर कोई सफाई या असहजता है?

जवाब आया:
“नहीं, मुझे इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं लगती। यह कोई ध्यान भटकाने वाला मुद्दा नहीं है।”

बावुमा इस सीरीज में किसी भी ऑफ-फील्ड बहस को भाव नहीं देना चाहते—यह रणनीति साफ है।

मार्को यानसेन—SA की उम्मीदों का नया स्तंभ

पहले वनडे में भारत के 17 रन से मैच जीतने के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका की सबसे चमकीली मौजूदगी—मार्को यानसेन की 39 गेंदों में 70 रन की पारी—किसी तूफानी वापसी की तरह थी।

बावुमा ने खुलकर तारीफ की:
“मुझे नहीं पता रैंकिंग में वह कहाँ हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि किसी फॉर्मेट में टॉप-10 में होंगे। उनका योगदान हमारी सफलता में बेहद बड़ा है।”

यानसेन की पारी ने भारत को आखिर तक परेशान रखा था—और दूसरे वनडे में वह X-factor बनने जा रहे हैं।

बावुमा की वापसी—SA की सबसे बड़ी राहत

पहले वनडे में SA ने टॉप-ऑर्डर में जल्दी विकेट गंवाए।
बावुमा उस मैच में नहीं खेले थे—अब वह पूरी फिटनेस के साथ XI में लौट रहे हैं, और SA की बल्लेबाजी को स्थिरता देने का काम करेंगे।

उनकी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने 12 में से 11 टेस्ट मैच जीते हैं—यानी मैदान पर उनका प्रभाव केवल रन तक सीमित नहीं होता।

SA और भारत: दूसरे वनडे में सबसे बड़ा मुकाबला कहाँ होगा?

भारत के लिए

  • कोहली–रोहित की फॉर्म
  • कुलदीप यादव का विविधता से भरा आक्रमण
  • हर्षित राणा की नई गेंद के बाद की consistency

दक्षिण अफ्रीका के लिए

  • बावुमा की वापसी
  • यानसेन का ऑलराउंड इम्पैक्ट
  • डेवलप हो रहे मध्य क्रम की मजबूती

रायपुर का मैदान पेस-फ्रेंडली है—लाइट्स के बाद यहाँ गेंद इधर-उधर टेढ़ी-मेढ़ी चलती है।
और यही वह लड़ाई है जो इस वनडे को सिर्फ सीरीज-लेवलिंग मैच नहीं—एक टोन-सेटिंग मुकाबला बना देती है।

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