Ashes – ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम इस वक्त सबसे बड़े संकट से जूझती दिखाई दे रही है—चोटें, बढ़ती उम्र और लगातार बढ़ता वर्कलोड। इसी पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ मिचेल जॉनसन ने कड़ी चेतावनी जारी की है।
आगामी एशेज सीरीज के पहले टेस्ट से पहले ही पैट कमिंस, जोश हेज़लवुड और सीन एबॉट चोटिल होकर बाहर हो चुके हैं। पर्थ में शुरू होने वाले मुकाबले से पहले यह स्थिति ऑस्ट्रेलिया को कमजोर बना रही है और टीम की बेंच-डेप्थ पर सवाल खड़े कर रही है।
जॉनसन ने बेबाक कहा—यह सब ऑस्ट्रेलिया की उम्रदराज गेंदबाजी यूनिट का नतीजा है।
“ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाजी अटैक उम्र के अंतिम पड़ाव पर”—जॉनसन की कड़ी चेतावनी
पैट कमिंस की दूसरे टेस्ट में वापसी की उम्मीद है और उन्होंने हल्का बॉलिंग अभ्यास भी शुरू कर दिया है, लेकिन जॉनसन का मानना है कि उम्र अब प्रमुख समस्या बनती जा रही है।
उन्होंने कहा—
“कमिंस और हेज़लवुड की चोट हैरान करने वाली नहीं है। उनकी उम्र, workload और पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि ऐसी स्थिति कभी भी बन सकती है।”
कमिंस (32) को छोड़ दें तो ऑस्ट्रेलिया की पूरी बॉलिंग यूनिट 34+ उम्र की है—
• नाथन लियोन – 37
• स्कॉट बोलैंड – 36
• मिचेल स्टार्क – 35
• जोश हेज़लवुड – 34
यहां तक कि बैकअप ऑप्शंस—ब्रेंडन डॉगेट (31) और माइकल नेसर (35) भी तीस के पार हैं।
इसी वजह से इंग्लिश मीडिया ने ऑस्ट्रेलिया को व्यंग्य में “Dad’s Army” तक कह दिया है।
एशेज पर असर—“तीन में से दो को खोना कहानी बदल देता है”
जॉनसन ने ‘द वेस्ट ऑस्ट्रेलियन’ में लिखे कॉलम में आगे कहा—
“जब आपकी टीम के सभी लीडर्स 35 से 40 के बीच हों और उन पर भारी workload हो, तो देर-सबेर हालात खराब होने ही हैं। कमिंस की चोट पहले से ही बड़ा झटका थी। अब हेज़लवुड और एबॉट का चोटिल होना ऑस्ट्रेलिया की गलती की गुंजाइश खत्म कर देता है।”
उन्होंने आगे जोड़ा—
“तीन बड़े खिलाड़ियों में से दो को खोना एशेज सीरीज की स्क्रिप्ट बदलने जैसा है। यह उम्रदराज टीम संरचना की कमज़ोरियों को उजागर करता है। भविष्य के लिए खतरे की घंटी अब साफ सुनाई दे रही है।”
जॉनसन ने यह भी कहा कि मौजूदा गेंदबाजी यूनिट की औसत उम्र उनसे भी ज्यादा है, जब उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था—यह बात खुद ऑस्ट्रेलिया के लिए चिंताजनक है।
सिल्वर लाइनिंग? टीम में अनुभव, लेकिन जोखिम भारी
ऑस्ट्रेलिया के पास अनुभव की कमी नहीं, लेकिन एशेज जैसा हाई-इंटेंसिटी टूर्नामेंट उस टीम के लिए मुश्किल हो सकता है जो उम्र के आखिरी चरण में है और लगातार चोटों से लड़ रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता इस स्थिति से कैसे निपटते हैं—रोटेशन, workload मैनेजमेंट या नए चेहरों को मौका?
फिलहाल इतना साफ है—ऑस्ट्रेलिया की उम्रदराज बॉलिंग लाइनअप एशेज शुरू होने से पहले ही संकट में है।















