Ashes : एशेज में ऑस्ट्रेलिया का ओपनिंग संकट गहराया ख्वाजा बाहर – हेड-इंग्लिस पर निगाहें

Atul Kumar
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Ashes – गाबा की हवा में बुधवार की शाम जैसे ही ठंडक बढ़ी, ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए दूसरे पिंक-बॉल एशेज टेस्ट की तैयारी ठिठुरकर रह गई। गुरुवार 4 दिसंबर से शुरू होने वाले डे-नाइट मुकाबले से ठीक पहले तीन बड़े झटके—पहले पैट कमिंस बाहर, फिर जोश हेज़लवुड unavailable, और अब उस्मान ख्वाजा भी पीठ की चोट के कारण बाहर हो गए।

इस समय ऑस्ट्रेलिया के कैंप में जितनी चर्चा पिंक बॉल की स्विंग को लेकर नहीं, उससे कहीं अधिक ओपनिंग कॉम्बिनेशन के बिखरने पर है।

उस्मान ख्वाजा की चोट—और शायद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर भी निर्णायक मोड़ पर

ख्वाजा ने बीते दो सालों में जितनी क्रिकेट खेली, उसका भार अब उनकी पीठ में दिखने लगा है। मंगलवार को उन्होंने गाबा नेट्स में लगभग 30 मिनट बल्लेबाजी की—लेकिन कई बार उन्हें असहजता हुई। और यहीं से फैसला साफ हो गया:
वह दूसरे टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

लेकिन कहानी सिर्फ चोट की नहीं है।
पिछले महीनों में ख्वाजा का फॉर्म गिरा है, उम्र 38 पार होने जा रही है, और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास बताता है कि बहुत कम खिलाड़ी 39 पार जाकर भी लगातार टेस्ट खेल पाए।

इसी बीच पहले टेस्ट में ट्रैविस हेड की ओपनिंग पारी—जिसमें उन्होंने साहस और पिंक बॉल से निडर होकर सामना किया—सेलेक्टर्स को संकेत दे गई:
शायद समय बदलने वाला है।

ऑस्ट्रेलिया का ओपनिंग संकट—अब कौन करेगा शुरुआत?

पहले टेस्ट में ख्वाजा के पीठ दर्द के बाद मार्नस लाबुशेन ने ओपनिंग की—फिर ट्रैविस हेड ने।
दोनों “workaround” समाधान थे, लेकिन अब ख्वाजा के बाहर होने से ऑस्ट्रेलिया को स्थायी जोड़ी ढूंढनी होगी।

और सबसे दिलचस्प बात—दूसरे टेस्ट के लिए किसी नए खिलाड़ी को टीम में शामिल ही नहीं किया गया।
इसका मतलब साफ है कि ओपनिंग के लिए मुकाबला इन दो नामों के बीच है:

खिलाड़ीभूमिकाक्यों मौका मिल सकता है
जोश इंग्लिसविकेटकीपर-बल्लेबाजतकनीक मजबूत, नई गेंद पर भरोसेमंद, बैटिंग ऑर्डर में लचीलापन
ब्यू वेबस्टरलंबा कद, ऑलराउंड क्षमताएँपिंक बॉल टेस्ट में bounce लाभ, घरेलू सर्किट में शानदार रिकॉर्ड

ट्रैविस हेड ने पहले ही इशारा दिया है कि वे ओपनिंग स्वीकार करने को तैयार हैं।
अगर ऐसा हुआ, तो लाबुशेन—स्मिथ—ग्रीन का मध्यक्रम मजबूत और संतुलित दिखेगा।

ऑस्ट्रेलिया की टीम: सबसे अनोखा संभावित बैटिंग आदेश

ब्रिस्बेन टेस्ट के लिए घोषित स्क्वॉड पर नजर डालें:

स्टीव स्मिथ (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी, ब्रेंडन डॉगेट, कैमरून ग्रीन, ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिस, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, माइकल नेसर, मिशेल स्टार्क, जेक वेदराल्ड, ब्यू वेबस्टर

इस स्क्वॉड में तीन ओपनिंग-योग्य विकल्प हैं, लेकिन कोई भी स्थायी नहीं।
पिंक बॉल की शाम की कठिनाई को देखते हुए शुरुआती दस ओवर जीवित रहना ही आधा युद्ध जीतना होगा।

ख्वाजा बाहर—लेकिन इंस्टेंट रिप्लेसमेंट क्यों नहीं?

एक बड़ा सवाल घूम रहा है:
ऑस्ट्रेलिया ने ख्वाजा की जगह किसी बल्लेबाज को बुलाया क्यों नहीं?

इसका एक सरल तर्क—
टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता ओपनिंग जिम्मेदारी हेड + इंग्लिस/वेबस्टर में से किसी एक को देने की ओर झुक चुके हैं।
दूसरी वजह यह भी है कि एशेज जैसे हाई-प्रेशर सीरीज में अनुभवहीन बाहरी खिलाड़ी को अचानक शामिल करना जोखिम भरा होता है।

फिर भी, यह कदम संकेत देता है कि ख्वाजा का भविष्य अब अनिश्चित है।
दिसंबर में 39 के होने वाले ख्वाजा ऑस्ट्रेलियाई सिस्टम में लंबे समय तक टिके रहने वाले खिलाड़ियों की श्रेणी में नहीं आते—इतिहास इसका गवाह है।

पिंक बॉल टेस्ट—ऑस्ट्रेलिया को कौन बचाएगा?

पिंक बॉल टेस्ट की खासियत है—शाम के बाद गेंद “जीवित” हो जाती है।
स्विंग बढ़ती है, bounce अनियमित होता है, और तेज़ गेंदबाज़ों की लय घातक साबित होती है।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया का वर्तमान पेस अटैक भी चोटों से पस्त है:

  • पैट कमिंस – आराम
  • जोश हेज़लवुड – उपलब्ध नहीं
  • ख्वाजा – चोट
  • स्टार्क – जिम्मेदारी दोगुनी
  • नेसर – निर्णायक भूमिका की ओर बढ़ता नाम

इस स्थिति में स्कॉट बोलैंड और माइकल नेसर का काम सिर्फ overs भरना नहीं, बल्कि विकेट निकालना होगा।

ट्रैविस हेड—ऑस्ट्रेलिया का नया “अचानक ओपनर”?

हेड की बैटिंग शैली पारंपरिक ओपनर वाली नहीं है।
लेकिन पिंक बॉल टेस्ट में आक्रामकता कभी-कभी रक्षात्मक दृष्टिकोण से बेहतर साबित होती है—सीम मूवमेंट को counter करने के लिए हेड का intent काम आ सकता है।

बिग बैश में भी हेड ने नई गेंद पर संघर्ष नहीं किया था—और यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया उन्हें लंबे समय के लिए ओपनिंग स्लॉट पर विचार कर सकता है।

ख्वाजा—क्या यह उनका एशेज अंत है?

यह कहना जल्दबाज़ी होगा, लेकिन संकेत गंभीर हैं:

  1. लगातार गिरता फॉर्म
  2. फिटनेस समस्याएँ
  3. उम्र 39
  4. हेड और इंग्लिस जैसे विकल्प तैयार
  5. सेलेक्टर्स ने रिप्लेसमेंट तक नहीं बुलाया

अगले 2–3 महीने ख्वाजा के टेस्ट करियर का निर्णायक मोड़ साबित हो सकते हैं।

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