BCCI – भारतीय क्रिकेट में एक पुरानी समस्या रही है—स्टार खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट से दूरी बनाना। सालों से कई दिग्गज घरेलू टूर्नामेंटों को ‘लो लेवल’ समझकर नजरअंदाज करते रहे, जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना उनका जन्मसिद्ध अधिकार हो। लेकिन अब बीसीसीआई ने सख्त रुख अपनाते हुए पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है।
इसका असर भी दिख रहा है—रोहित शर्मा के बाद अब हार्दिक पांड्या भी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने उतरेंगे, जबकि विराट कोहली का रुख अब भी साफ नहीं है।
बीसीसीआई के सख्त नियमों का असर, बड़े खिलाड़ी लौटे घरेलू मैदान पर
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई ने साफ निर्देश दिए हैं कि चोट से उबर रहे या फॉर्म तलाश रहे खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना ही होगा।
रोहित शर्मा ने विजय हजारे ट्रॉफी खेलने की इच्छा जताई और इसी राह पर चलते हुए अब हार्दिक पांड्या भी बड़ौदा की ओर से खेलते नजर आएंगे।
विराट कोहली वर्तमान में परिवार के साथ लंदन में रह रहे हैं और घरेलू क्रिकेट खेलने को लेकर उन्होंने अभी कोई संकेत नहीं दिया है।
चोट के बाद वापसी: पांड्या का रिहैब पूरा, अब घरेलू क्रिकेट में नई शुरुआत
हार्दिक पांड्या पिछले कुछ महीनों से क्रिकेट से दूर थे—एशिया कप में श्रीलंका के खिलाफ मैच में वह चोटिल हो गए थे, जिसके बाद वह पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल, फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वाइट-बॉल सीरीज भी नहीं खेल पाए।
पिछले हफ्तों से वे BCCI Centre of Excellence, बेंगलुरु में रिहैब कर रहे थे और अब पूरी तरह फिट बताए जा रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार,
पांड्या 26 नवंबर को हैदराबाद के खिलाफ बड़ौदा का पहला मैच खेल सकते हैं।
अगर फिटनेस में थोड़ी कमी रहती है तो वे दूसरे मैच से उपलब्ध होंगे।
घरेलू प्रदर्शन के आधार पर तय होगी दक्षिण अफ्रीका सीरीज की किस्मत
हार्दिक पांड्या को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वाइट-बॉल सीरीज में चुना जाएगा या नहीं—ये अब सिर्फ एक फैक्टर पर निर्भर करेगा:
क्या वह फिट होकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलते हैं या नहीं?
अगर वे घरेलू टूर्नामेंट में प्रदर्शन करते हैं,
तो SA सीरीज के लिए उनकी दावेदारी बेहद मजबूत हो जाएगी।
घरेलू क्रिकेट की ओर वापसी—क्यों जरूरी?
बीसीसीआई के सख्त निर्देश का मकसद सिर्फ एक है—
भारतीय क्रिकेट की आधारशिला को मजबूत करना और स्टार खिलाड़ियों को भी इस सिस्टम से जोड़कर रखना।
रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या जैसे बड़े नाम घरेलू क्रिकेट खेलते हैं तो बाकी खिलाड़ियों के लिए भी उदाहरण बनता है।















