BCCI : डालमिया ने गांगुली का निलंबन घटाने की पेशकश की थी—ग्रेग चैपल का खुलासा

Atul Kumar
Published On:
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BCCI – आईसीसी के पूर्व मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड (Chris Broad) के बाद अब भारत के पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने भी दावा किया है कि बीसीसीआई (BCCI) क्रिकेट के अहम फैसलों को प्रभावित करता है।

दोनों दिग्गजों के बयानों ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि क्या भारत की ताकत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में “बहुत ज्यादा” हो गई है?

क्रिस ब्रॉड ने लगाया भारत पर गंभीर आरोप

हाल ही में द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने कहा था कि उन्हें भारत के खिलाफ मैचों में स्लो-ओवर रेट मामलों पर नरमी बरतने का दबाव झेलना पड़ा।

“मुझे फोन आया और कहा गया—‘थोड़ा नरमी बरतिए, क्योंकि यह भारत है।’ अगले मैच में भी वही बात दोहराई गई। शुरुआत से ही राजनीति शामिल रही है,”
ब्रॉड ने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि आज की तारीख में भारत ने आईसीसी पर कब्जा कर लिया है, और यह खेल अब राजनीति से पूरी तरह अछूता नहीं रहा।

व्यक्तिभूमिकाआरोप
क्रिस ब्रॉडपूर्व ICC मैच रेफरीभारत पर क्रिकेट फैसलों को प्रभावित करने का आरोप
ग्रेग चैपलभारत के पूर्व कोच, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तानबीसीसीआई पर हस्तक्षेप का दावा

ग्रेग चैपल ने भी उठाया विवाद

क्रिस ब्रॉड के आरोपों के बाद, ग्रेग चैपल ने भी सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बातचीत में सनसनीखेज दावा किया।
उन्होंने कहा कि 2005 में जब वे भारत के कोच थे, तब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और आईसीसी चेयरमैन जगमोहन डालमिया ने उनसे सौरव गांगुली का निलंबन कम करने की पेशकश की थी।

“डालमिया ने कहा था कि गांगुली का निलंबन घटाकर उन्हें श्रीलंका दौरे पर भेजा जा सकता है, जब मेरा कार्यकाल शुरू हुआ था,”
चैपल ने कहा।

उन्होंने जवाब में कहा कि वे नहीं चाहते थे कि “सिस्टम सड़ा हुआ दिखे,” इसलिए उन्होंने उस पेशकश को ठुकरा दिया।
यह घटना 2005 में श्रीलंका में हुई त्रिकोणीय सीरीज़ से पहले की है, जब गांगुली को टीम से बाहर कर दिया गया था और कोच-खिलाड़ी विवाद ने भारतीय क्रिकेट में भूचाल ला दिया था।

वर्षघटनाप्रमुख व्यक्ति
2005श्रीलंका त्रिकोणीय सीरीज़ से पहलेसौरव गांगुली, ग्रेग चैपल
2005कोच-खिलाड़ी विवादगांगुली और चैपल की अनबन
2025चैपल का खुलासाडालमिया की ‘ऑफर’ का जिक्र

बीसीसीआई पर “पावर गेम” का पुराना आरोप

यह पहली बार नहीं है जब बीसीसीआई पर क्रिकेट फैसलों को प्रभावित करने के आरोप लगे हों।
भारत दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बॉडी है और आईसीसी की कुल आय का 38% हिस्सा अकेले भारत से आता है।
ऐसे में कई पूर्व विदेशी खिलाड़ियों का मानना है कि BCCI का वित्तीय प्रभाव क्रिकेट की नीतियों को दिशा देता है।

संस्थावैश्विक राजस्व में योगदानप्रमुख शक्ति
BCCI (भारत)~38%सबसे बड़ा आर्थिक प्रभाव
ECB (इंग्लैंड)~6%यूरोपीय क्रिकेट
CA (ऑस्ट्रेलिया)~8%दक्षिण गोलार्ध क्रिकेट

“भारत को दोष देना आसान, पर ताकत योग्यता से आई है”

कई भारतीय क्रिकेट विश्लेषकों ने इन आरोपों को “बेतुका” बताते हुए कहा कि भारत की ताकत उसकी क्रिकेटिंग क्षमता और व्यावसायिक सफलता का परिणाम है, न कि राजनीतिक प्रभाव का।
BCCI अधिकारियों ने इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों के अनुसार, बोर्ड इन बयानों को “पुराने गिले-शिकवे” बता रहा है।

क्रिस ब्रॉड और ग्रेग चैपल के बयानों ने क्रिकेट की सियासत पर बहस फिर से जगा दी है।
जहां एक ओर बीसीसीआई की ताकत पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं भारत समर्थकों का कहना है कि यह प्रभाव मेहनत और मार्केट पावर से हासिल हुआ है।
सच यही है—क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, अब वैश्विक राजनीति का मैदान बन चुका है।

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