Test : घर में टीम इंडिया को क्या हो गया – गंभीर के कोच बनने के बाद घरेलू टेस्ट में 4 शर्मनाक हार

Atul Kumar
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Test – भारतीय क्रिकेट में घरेलू टेस्ट dominance कभी टीम इंडिया की पहचान हुआ करती थी—एक ऐसी दीवार, जिसे पार करना दुनिया की सबसे ताकतवर टीमों के लिए भी लगभग नामुमकिन था।

लेकिन जुलाई 2024 में गौतम गंभीर के मुख्य कोच बनने के बाद तस्वीर अचानक बदल गई। तेज़, चिंताजनक, और कई मायनों में चौंकाने वाली गिरावट।

भारत अब घर में वही टीम नहीं रहा जिसका खौफ ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी टीमों के मन में बसता था। गंभीर के कार्यकाल में घर हो या बाहर—खासकर टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का प्रदर्शन तेज़ी से नीचे आया है।

आंकड़े बताते हैं—पतन वास्तविक है

गौतम गंभीर के आने से पहले भारत 10 साल में सिर्फ 3 होम टेस्ट हारा था।
जनवरी 2013 से दिसंबर 2023 तक, भारत दुनिया की सबसे खतरनाक होम टीम था।

लेकिन गंभीर युग आते ही यह किला ढहने लगा—
16 महीने में ही भारत घर में 4 टेस्ट हार गया।

अवधिघरेलू टेस्ट में हार
2013–2023 (10 साल)3
गंभीर युग (16 महीने)4

घरेलू क्रिकेट में यह गिरावट भारत के पिछले 35 सालों में नहीं देखी गई थी।

गंभीर के कोचिंग रेकॉर्ड—टेस्ट में घोर संघर्ष

गौतम गंभीर जुलाई 2024 में मुख्य कोच बने।
सीमित ओवरों में भारत ने बेहतरीन खेल दिखाया—टी20 और वनडे सीरीज बड़ी आसानी से जीते।
लेकिन टेस्ट में कहानी दूसरी है।

कोच गंभीर के तहत टेस्ट रिकॉर्ड:

  • 18 में से 7 जीत
  • 9 हार
  • 2 ड्रॉ

घरेलू मैदान पर:

  • 8 टेस्ट
  • 4 जीत, 4 हार

यह वही भारत है, जिसे हराना कभी असंभव सा लगता था।

घर में पिछली 6 टेस्ट में 4 हार—और वो भी मजबूत टीमों से

भारत की घरेलू टेस्ट परफॉर्मेंस को अगर timeline में देखें, तो हालात और गंभीर दिखते हैं।

गंभीर के कार्यकाल में घरेलू टेस्ट हारें:

  1. न्यूजीलैंड – बेंगलुरु (8 विकेट, Day 4)
  2. न्यूजीलैंड – पुणे (113 रन, Day 3)
  3. न्यूजीलैंड – मुंबई (25 रन, Day 3)
  4. दक्षिण अफ्रीका – कोलकाता (30 रन, Day 3)

दिलचस्प और डरावनी बात—चारों हार तीसरे या चौथे दिन के भीतर, यानि मुकाबला एकतरफा था।

भारत ने घर में सिर्फ दो टेस्ट जीते—दोनों ही वेस्टइंडीज के खिलाफ, जो आज टेस्ट क्रिकेट की कमजोर टीमों में गिनी जाती है।

मजबूत टीमों के खिलाफ एक भी टेस्ट सीरीज जीत नहीं

गंभीर का सबसे बड़ा संकट यह है कि भारत ने:

  • न न्यूजीलैंड
  • न दक्षिण अफ्रीका
  • न ऑस्ट्रेलिया

किसी भी मजबूत टीम से टेस्ट सीरीज नहीं जीती।

सीरीजनतीजा
न्यूजीलैंड (घरेलू, 2024)0–3 हार
ऑस्ट्रेलिया (दौरा, 2024)1–3 हार
दक्षिण अफ्रीका (घरेलू, जारी)0–1 पीछे
इंग्लैंड (दौरा, 2025)2–2 ड्रॉ

यह रिकॉर्ड बताता है कि समस्या गहरी है—रणनीति, चयन, या पिच—कहीं न कहीं कुछ गंभीर रूप से गलत है।

घरेलू विकेट—क्या यहीं सबसे बड़ा मोड़?

कोलकाता टेस्ट में इंडिया 124 के लक्ष्य का पीछा करते हुए 93 पर ढेर हो गया।
न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई और पुणे टेस्ट तीसरे दिन में ही खत्म।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपने ही घर में अत्यधिक स्पिन-निर्भर, अनिश्चित, और बल्लेबाजी-विरोधी पिचें तैयार कर रहा है।

बल्लेबाजी का ढांचा जैसे टूट चुका है—और गेंदबाज़ भी पूर्व की तरह प्रभाव नहीं दिखा पा रहे।

गंभीर के दौर का बड़ा सवाल—क्या दिशा गलत है?

भारत के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं।
टीम अभी भी विश्व की सबसे मजबूत टीमों में से एक है।
लेकिन टेस्ट क्रिकेट में यह गिरावट एक warning sign है—खासकर घर में, जहाँ भारत 15 साल तक अपराजेय था।

अब सवाल गंभीर के सामने है:

  • क्या टीम का संतुलन गलत है?
  • क्या गलत पिच रणनीति अपनाई जा रही है?
  • क्या चयन में अत्यधिक प्रयोग हो रहे हैं?

और सबसे बड़ा—क्या भारत अपनी टेस्ट पहचान खो रहा है?

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