Test – कोलकाता टेस्ट की हार ने भारतीय टेस्ट टीम की कमियों को इतने साफ अंदाज़ में उजागर किया कि अब हर पूर्व खिलाड़ी—कमेंट्री बॉक्स से लेकर स्टूडियो तक—इस बात पर चर्चा कर रहा है कि टीम आखिर जा कहाँ रही है।
ऑलराउंडरों से भरी प्लेइंग XI, लेफ्टी बैटिंग की भरमार, फिर भी नतीजा वही—हार। ऊपर से कप्तान शुभमन गिल की चोट, जिसने गुवाहाटी टेस्ट को लेकर टीम को असमंजस में डाल दिया है।
इसी उथल-पुथल के बीच टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा सामने आए हैं और उन्होंने बिना घुमाए-फिराए एकदम स्पष्ट शब्दों में बता दिया—“अगर टीम मेरे हाथ में होती… तो ये होती प्लेइंग XI।”
आकाश चोपड़ा की साफ सलाह: “साई सुदर्शन को तुरंत वापस लाओ”
चोपड़ा ने सबसे पहले जिस खिलाड़ी का नाम लिया, वह स्पष्ट संकेत है कि भारतीय टीम अपनी कॉम्बिनेशन से दूर भटक चुकी है।
उनके अनुसार—
“तीसरे नंबर पर मैं साई सुदर्शन को वापस लाऊँगा। वह तकनीकी रूप से मज़बूत हैं, लंबे समय तक खेलने की क्षमता रखते हैं और टीम में एक महत्वपूर्ण बैलेंस जोड़ते हैं।”
पहले टेस्ट में उन्हें न खिलाने के फैसले की भी उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना की।
टीम में राइट-हैंडर की कमी—नीतिश रेड्डी को लाओ
चोपड़ा ने बिना लाग लपेट कहा कि भारत के पास राइट-हैंड बल्लेबाजों की कमी है, और इसी वजह से गेंदबाज साइमन हार्मर भारतीय बैटिंग को “मुरलीधरन जैसी फील” दे रहे हैं।
इसलिए उन्होंने अक्षर पटेल की जगह नीतिश कुमार रेड्डी को शामिल करने की सलाह दी।
“रेड्डी एक स्पेशलिस्ट बैटर के रूप में खेलेंगे,” उन्होंने कहा।
और याद दिलाया—रेड्डी मेलबर्न में पहले ही टेस्ट शतक लगा चुके हैं और स्पिन को बेहतरीन तरीके से खेलते हैं।
चोपड़ा की सुझाई भारत की प्लेइंग XI (गुवाहाटी टेस्ट)
उनके बयान के अनुसार उनकी आदर्श XI इस प्रकार है:
- यशस्वी जायसवाल
- केएल राहुल
- साई सुदर्शन
- ध्रुव जुरेल
- ऋषभ पंत (कप्तान)
- नीतिश कुमार रेड्डी
- रवींद्र जडेजा
- वॉशिंगटन सुंदर
- कुलदीप यादव
- तेज गेंदबाज़ 1
- तेज गेंदबाज़ 2
चोपड़ा ने यह भी कहा—अगर टीम में करुण नायर, सरफराज खान या ऋतुराज गायकवाड़ जैसे खिलाड़ी मौजूद होते, तो वे उन्हें भी राइट-हैंड विकल्प के रूप में आगे रखते।
क्यों लेफ्टी-बैटिंग इतनी बड़ी समस्या है?
SA टीम के महाक्लासिक ऑफ स्पिनर साइमन हार्मर इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाज़ों पर पूरी तरह हावी रहे हैं।
चोपड़ा ने कहा—
“और लेफ्टी खिलाओगे तो हार्मर आपको और परेशान करेगा। वह जो फील दे रहा है, वह बिल्कुल मुथैया मुरलीधरन वाली है।”
यानी, भारत की बैटिंग लाइनअप का बायें हाथ का झुकाव खुद ही टीम पर संकट बन गया है।
गिल की चोट और टीम की अस्थिरता
गिल का गुवाहाटी टेस्ट में खेलना मुश्किल लग रहा है। BCCI के मेडिकल अपडेट के अनुसार गिल की स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है, लेकिन शुरुआती संकेत बताते हैं कि कप्तानी अब पंत के हाथों में जा सकती है।
ऐसे में चोपड़ा की ये नई XI भारत के लिए न सिर्फ तात्कालिक समाधान है, बल्कि टीम का नया संतुलन भी बन सकती है।















