Indian Cricket – भारतीय टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि उनके क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी अधूरी इच्छा रही है एमएस धोनी की कप्तानी में खेलना।
सूर्या का कहना है कि उन्हें हमेशा इस बात का अफसोस रहेगा कि वह कभी धोनी के साथ भारत के लिए नहीं खेल पाए, हालांकि उन्होंने धोनी के खिलाफ कई मुकाबले जरूर खेले हैं।
सूर्यकुमार यादव का दिल छूने वाला बयान
JITO Connect 2025 कार्यक्रम में बात करते हुए Suryakumar Yadav ने कहा,
“सबसे पहले, मैं एमएस धोनी को याद करता हूं। जब वह भारत के कप्तान थे, तब मैं उनके साथ खेलने का सपना देखता था। लेकिन मुझे कभी मौका नहीं मिला। जब भी मैं उनके खिलाफ खेला, तो बस उन्हें स्टंप के पीछे से देखता रहता था। उन्होंने सिखाया कि किसी भी दबाव की स्थिति में शांत कैसे रहना चाहिए।”
सूर्या ने बताया कि धोनी मैदान पर हर स्थिति को ध्यान से देखते हैं और उसके बाद ही कोई फैसला लेते हैं।
“उनकी शांति, उनका निर्णय लेने का तरीका, वह मैदान का माहौल पढ़ने में बेजोड़ थे। मैंने उनसे यही सीखा कि परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया देने से पहले सोचना चाहिए।”
धोनी के साथ नहीं, उनके खिलाफ खेलना भी रहा यादगार
सूर्यकुमार यादव, जिन्होंने 2010 में डोमेस्टिक क्रिकेट में कदम रखा था, का इंटरनेशनल डेब्यू 2021 में विराट कोहली की कप्तानी में हुआ।
वह बताते हैं कि धोनी के खिलाफ खेलना भी उनके लिए किसी सम्मान से कम नहीं था।
“मैंने धोनी के खिलाफ खेलते हुए महसूस किया कि वह हमेशा दो कदम आगे सोचते हैं। वह ऐसे कप्तान थे जो हर खिलाड़ी की ताकत जानते थे और उसे उसी के अनुसार इस्तेमाल करते थे।”
विराट कोहली की कप्तानी पर बोले सूर्या
सूर्यकुमार यादव ने अपने डेब्यू कप्तान विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा,
“विराट भाई बहुत ही हार्ड टास्क मास्टर हैं। वह आपकी सीमाएं परखते हैं और आपको सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। मैदान पर और मैदान के बाहर दोनों जगह उनका एनर्जी लेवल गज़ब का होता है।”
सूर्या ने बताया कि कोहली के नेतृत्व में उन्होंने सीखा कि डिसिप्लिन, फिटनेस और एग्रेशन—तीनों एक सफल खिलाड़ी की पहचान हैं।
रोहित शर्मा को बताया “नेता नहीं, मेंटर”
रोहित शर्मा के नेतृत्व में सूर्या ने मुंबई इंडियंस और भारतीय टीम दोनों के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
उनके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,
“रोहित भाई ऐसे कप्तान हैं जो अपने आसपास हर किसी को सहज महसूस कराते हैं। वह युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनके साथ ड्रेसिंग रूम का माहौल हमेशा पॉजिटिव रहता है। उनका दरवाजा हर खिलाड़ी के लिए 24 घंटे खुला रहता था।”
सूर्या ने माना कि रोहित की कप्तानी में उन्हें आत्मविश्वास और जिम्मेदारी दोनों मिले।
अब खुद हैं भारत के टी20 कप्तान
2021 में डेब्यू करने के सिर्फ तीन साल बाद ही सूर्यकुमार यादव भारतीय टी20 टीम के कप्तान बन गए।
यह सफर उनके निरंतर प्रदर्शन और मानसिक मजबूती का नतीजा है।
हालांकि, वह आज भी मानते हैं कि धोनी जैसे लीडर से सीखने का मौका मिलना उनके करियर का सबसे बड़ा सपना था, जो पूरा नहीं हो सका।
बीसीसीआई के मुताबिक, सूर्या की अगुवाई में भारत ने पिछले साल कई ऐतिहासिक टी20 जीत दर्ज की हैं और वह अब 2026 टी20 विश्व कप के लिए तैयारी कर रहे हैं।