TEAM INDIA – कोई सोच भी नहीं सकता था कि मैनचेस्टर का टेस्ट ऐसा मोड़ लेगा।
इंग्लैंड 311 रन की बढ़त पर था, गिल और कंपनी बैकफुट पर—लेकिन फिर जो हुआ, उसने क्रिकेट की किताब में एक और सुनहरा पन्ना जोड़ दिया।
425-4 रन ठोककर भारत ने वो टेस्ट मैच ड्रॉ कराया, जो लगभग हार में तब्दील हो चुका था। और यही नहीं, इस मुकाबले ने भारत को आखिरी टेस्ट में इतिहास रचने के मुहाने पर ला खड़ा किया है।
जब बल्लेबाजों ने ठान लिया—हारेंगे नहीं!
मैनचेस्टर टेस्ट में भारत की बैटिंग ने अंग्रेजों को जैसे “ना बाबा ना” कह दिया। एक-एक रन ऐसे जोड़े गए जैसे किसी मूर्ति को तराशा जा रहा हो।
- शुभमन गिल – 103
- वाशिंगटन सुंदर – 101
- रवींद्र जडेजा – 107
- केएल राहुल – 90
तीन शतक। एक नब्बे। और वो भी तब, जब टीम दबाव में थी। ये सिर्फ स्कोर नहीं थे, ये इरादे थे।
350+ स्कोर मशीन बन चुकी है टीम इंडिया
सीरीज़ में 8 पारियों में से 7 बार भारत ने 350 से ज़्यादा रन बनाए हैं। सोचिए ज़रा, 1920-21 में ऑस्ट्रेलिया ने जो रिकॉर्ड बनाया था, अब भारत ने उसकी बराबरी कर ली है।
टीम | एक सीरीज़ में 350+ स्कोर | साल |
---|---|---|
ऑस्ट्रेलिया | 7 बार | 1920–21 |
भारत | 7 बार | 2025 |
इतना ही नहीं, भारत पहली बार एक टेस्ट सीरीज़ में 7 बार 300+ स्कोर बना चुका है। अगर ओवल में एक और 300+ जुड़ गया, तो भारत बना देगा नया वर्ल्ड रिकॉर्ड।
जब बाएं हाथ का खेल चल पड़ा
भारत दूसरी टीम बनी जिसके 5 बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने एक ही टेस्ट में अर्धशतक जड़े। इससे पहले सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने 2012 में श्रीलंका के खिलाफ ऐसा किया था।
लेकिन भारत ने इसे विदेश में कर दिखाया—जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ | स्कोर |
---|---|
रवींद्र जडेजा | 107 |
वाशिंगटन सुंदर | 101 |
साई सुदर्शन | 58 |
यशस्वी जायसवाल | 65 |
ऋषभ पंत | 53 |
उधर इंग्लैंड के बेन डकेट और बेन स्टोक्स ने भी अर्धशतक लगाए, और एक ही टेस्ट में 7 बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के 50+ स्कोर का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया।
अब ओवल की बारी: इतिहास बस 5 दिन दूर
31 जुलाई से शुरू होने वाला ओवल टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं।
ये है मौका…
- सीरीज़ 2-2 से बराबर करने का
- 8 बार 300+ रन बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का
- शुभमन गिल की कप्तानी में नई शुरुआत दर्ज करने का
टीम का कॉन्फिडेंस आसमान पर है। जब आपके खिलाड़ी हार के मुहाने से आपको बचाकर लाते हैं, तो अगला मैच आपके लिए सिर्फ मुकाबला नहीं होता—वो एक मिशन बन जाता है।