Ishan Kishan : इंग्लैंड से लौटकर ईशान किशन का धमाका – रणजी ट्रॉफी में झलका पुराना अंदाज़

Atul Kumar
Published On:
Ravi Shastri

Ishan Kishan – भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 (Ranji Trophy 2025-26) के पहले मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए कोयंबटूर की हरी पिच पर तमिलनाडु के खिलाफ दमदार नाबाद 125 रन की पारी खेली।

झारखंड की कप्तानी कर रहे किशन ने कहा कि अब वह किसी विशेष लक्ष्य की बजाय क्रीज पर टिके रहने और हर मौके का आनंद लेने पर ध्यान देना चाहते हैं।

ईशान किशन ने लगाई जिम्मेदारी भरी पारी

पहले दिन झारखंड की टीम 79 रन पर तीन विकेट गंवाकर मुश्किल में थी, लेकिन कप्तान ईशान किशन ने मोर्चा संभाला। उन्होंने 183 गेंदों पर नाबाद 125 रन की संघर्षपूर्ण पारी खेली और साहिल राज के साथ सातवें विकेट के लिए 150 रन की साझेदारी की।

“अब मैं बस समझदारी से खेलना चाहता हूं। रणजी ट्रॉफी का महत्व बहुत बड़ा है। जब आप मजबूत टीमों के खिलाफ खेलते हैं, तो हर रन की अहमियत समझ आती है,” — किशन ने दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा।

उनकी पारी में दो छक्के और आठ चौके शामिल थे। यह किशन के फर्स्ट-क्लास करियर का नौवां शतक है।

“अब लक्ष्य नहीं, बस बल्लेबाजी करते रहना है”

किशन ने अपनी मानसिकता पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस सीजन के लिए कोई व्यक्तिगत लक्ष्य तय नहीं किया है।

“जब भी मैं किसी खास लक्ष्य के साथ मैदान पर उतरता हूं, मैं गलती कर बैठता हूं। इसलिए इस बार मैंने सोचा है कि बस बल्लेबाजी करते रहना है। अगर आप क्रीज पर टिके रहते हैं, तो रन अपने आप आते हैं।”

उन्होंने बताया कि उन्होंने ईरानी कप के दौरान यह समझा कि कभी-कभी एक-एक रन छक्कों से ज्यादा मूल्यवान होते हैं।

“मैं छक्के लगाना चाहता था, लेकिन स्थिति की मांग कुछ और थी। यह अनुभव सिखाता है कि धैर्य ही असली ताकत है।”

झारखंड की पारी को संभाला

ईशान किशन नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने उतरे, जब टीम मुश्किल स्थिति में थी। उन्होंने तमिलनाडु के स्पिनरों और तेज गेंदबाजों का संयम से सामना किया।
उन्होंने कहा,

“जब बाएं हाथ का स्पिनर गेंदबाजी कर रहा था, तब हवा की दिशा देख रहा था। मैं अटैक करना चाहता था, लेकिन छह विकेट गिर चुके थे, इसलिए मैंने संयम दिखाया। टीम को लंबे समय तक टिके रहना जरूरी था।”

किशन की इस पारी ने झारखंड को दिन के अंत तक मुकाबले में बनाए रखा।

इंग्लैंड दौरे से लेकर रणजी तक: ईशान की वापसी की कहानी

ईशान किशन का हालिया सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। नॉटिंघमशायर (Nottinghamshire) के लिए काउंटी क्रिकेट में उन्होंने 77 और 87 रन की शानदार पारियां खेलीं।
वह ऋषभ पंत की चोट के बाद इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में कवर के तौर पर चयन की दौड़ में थे, लेकिन इंग्लैंड में एक दुर्घटना के कारण चोटिल हो गए।

उनकी जगह एन जगदीशन को टीम में शामिल किया गया, जबकि ध्रुव जुरेल को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला।
फिटनेस हासिल करने के बाद किशन ने ईरानी कप मैच खेलकर शानदार वापसी की और अब रणजी में उसी फॉर्म को आगे बढ़ा रहे हैं।

“अनुभव ही सिखाता है कब रुकना और कब खेलना”

किशन ने कहा कि अनुभव ने उन्हें सिखाया है कि कब जोखिम लेना चाहिए और कब टिककर खेलना चाहिए।

“करियर की शुरुआत में मैंने बहुत गलतियां कीं। लेकिन अब समझ आया है कि अनुभव का मतलब क्या है। जब आप लंबे समय तक खेलते हैं, तो आपको समझ आता है कि एक साझेदारी कितनी जरूरी होती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य टीम के लिए लंबी पारियां खेलना और युवाओं को प्रेरित करना है।

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