Ab De Villiers – जसप्रीत बुमराह का नाम लेते ही भारतीय क्रिकेट फैंस के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वो खिलाड़ी जिसने न सिर्फ डेथ ओवरों में विपक्षी टीमों की कमर तोड़ी, बल्कि बड़े मैचों में अकेले दम पर भारत को जीत दिलाई। ऐसे में 2025 एशिया कप के लिए उनकी वापसी स्वाभाविक रूप से चर्चा का विषय बन गई। इस बार बहस की शुरुआत किसी भारतीय क्रिकेटर ने नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज एबी डिविलियर्स ने की।
अपने यूट्यूब चैनल पर डिविलियर्स ने साफ कहा—बुमराह का टीम में होना शानदार है, लेकिन शायद वो हर मैच न खेलें। उनके मुताबिक चयनकर्ता अब बुमराह को “मैनेज” करना सीख गए हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित होगी।
डिविलियर्स ने क्यों उठाई वर्कलोड मैनेजमेंट की बात?
एबी डिविलियर्स खुद लंबे करियर से गुज़रे हैं और जानते हैं कि किसी भी सीनियर खिलाड़ी को हर मैच खिलाना कितना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने इंग्लैंड सीरीज़ का ज़िक्र किया, जिसमें बुमराह ने 5 में से सिर्फ 3 टेस्ट खेले थे। यह रणनीति चयनकर्ताओं की सोच को दिखाती है कि टीम मैनेजमेंट अपने मुख्य खिलाड़ियों से “सही समय पर सही प्रदर्शन” निकालना चाहता है।
डिविलियर्स के शब्दों में, “हर मैच मायने नहीं रखता। जो मैच मायने रखते हैं, उनमें बुमराह का खेलना ही सबसे जरूरी है।”
बुमराह के आँकड़े खुद गवाही देते हैं
भारतीय फैंस अक्सर उन्हें “डेथ ओवर स्पेशलिस्ट” कहते हैं और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं।
प्रारूप | मैच | विकेट | औसत | खास उपलब्धि |
---|---|---|---|---|
T20I | 70 | 89 | 19.5 | भारत के लिए 5वें सबसे ज्यादा विकेट |
IPL 2024 | 12 | 18 | 20.6 | मुंबई इंडियंस के प्रमुख गेंदबाज़ |
टेस्ट 2024-25 (vs England) | 3 में से 2 मैच खेले | 12 विकेट |
बुमराह ने पिछले साल के टी20 विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जो “मैच जिताऊ ओवर” डाला था, उसे क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूलेंगे।
क्या बुमराह सभी एशिया कप मैच खेलेंगे?
यह सबसे बड़ा सवाल है। अजित अगरकर और चयन समिति ने साफ किया है कि बुमराह के लिए कोई “फिक्स्ड वर्कलोड रूल” नहीं है, लेकिन हाल की घटनाओं से यही संकेत मिलता है कि उन्हें बैक-टू-बैक मैचों में आराम दिया जा सकता है। इससे दो फायदे होंगे—
- चोट का जोखिम कम होगा।
- बड़े नॉकआउट मैचों के लिए बुमराह पूरी तरह फिट और फ्रेश रहेंगे।
एबी डिविलियर्स की राय का महत्व
भले ही अब एबी खेल से दूर हैं, लेकिन उनकी बातें दुनिया भर के क्रिकेटर्स और फैंस गंभीरता से सुनते हैं। जब वो बुमराह की तारीफ करते हैं और उनके वर्कलोड मैनेजमेंट की सराहना करते हैं, तो ये चयनकर्ताओं के फैसले को और वज़न दे देता है।