Test : ‘ट्रांजिशन’ झूठा नैरेटिवकोहली-रोहित पर दबाव बनाकर टेस्ट से बाहर किया गया तिवारी का बड़ा बयान

Atul Kumar
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Test – आईपीएल के बीच अचानक आए उस शाम को हर क्रिकेट फैन को याद होगा—जब विराट कोहली और रोहित शर्मा ने एक झटके में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। भारत के दो सबसे बड़े आधुनिक टेस्ट आइकॉन का यूँ अचानक पीछे हट जाना किसी को समझ नहीं आया। महीनों बाद भी उसी फैसले पर सवाल उठ रहे हैं—और इस बार तीर चलाया है पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने।

तिवारी का दावा बेहद गंभीर है। उनका कहना है कि कोहली और रोहित ने अपनी मर्जी से टेस्ट नहीं छोड़ा… “दबाव बनाकर” उनसे संन्यास लेने पर मजबूर किया गया।
नाम उन्होंने नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों का रुख सीधा टीम मैनेजमेंट और विशेष तौर पर मुख्य कोच गौतम गंभीर की ओर इशारा करता हुआ दिखा।

कोलकाता टेस्ट की हार के बाद गंभीर ने जहां बल्लेबाज़ों की तकनीक और शॉट चयन पर सवाल उठाए थे, वहीं तिवारी ने पलटकर कहा—“कोच का काम सिखाना है, दोष देना नहीं।”

क्या विराट–रोहित को संन्यास के लिए धकेला गया?

मनोज तिवारी ने इंडिया टुडे पर साफ कहा कि भारतीय क्रिकेट में ‘ट्रांजिशन’ का जो नैरेटिव खड़ा किया गया, वही कोहली और रोहित पर दबाव डालने का तरीका था। यानी—“पिच तैयार हो रही है, अब आपको रास्ता देना होगा”—वाला माहौल। और यही माहौल दोनों दिग्गजों को टेस्ट से बाहर कर गया।

तिवारी के शब्दों में—
“भारत में ट्रांजिशन की जरूरत ही नहीं। हमारा डोमेस्टिक इतना टैलेंटेड है कि जगह भरने में एक पल नहीं लगेगा। इस ‘गैरजरूरी ट्रांजिशन’ की वजह से विराट और रोहित को महसूस कराया गया कि अब उनका समय खत्म हो रहा है… जबकि वे अभी टेस्ट खेलना चाहते थे।”

ये बात एकदम आग में घी डालने जैसा मामला बन गई है—क्योंकि यह वही ट्रांजिशन है जिसका ज़िक्र गंभीर और शुबमन गिल अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर चुके थे।

बल्लेबाज़ों को दोष देने पर गंभीर की आलोचना

कोलकाता टेस्ट खत्म होने के बाद गौतम गंभीर ने सीधे बैटिंग यूनिट पर उंगली उठाई थी और पिच की आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि विकेट में कोई दिक्कत नहीं—“हम ठीक से नहीं खेले।”

तिवारी इस बात से भड़के हुए नज़र आए।
उन्होंने कहा—“अगर बल्लेबाज़ों के पास ठोस डिफेंस नहीं था, तो आपने सिखाया क्यों नहीं? कोच का काम उंगली उठाना नहीं, खिलाड़ियों को तैयार करना है।”

तिवारी ने गंभीर का नाम लिए बिना यह भी कहा कि जब गंभीर खुद खेलते थे, वह बेहतरीन स्पिन खिलाड़ी थे—“तो अब वो सीख क्यों नहीं दे पा रहे?”

KKR कनेक्शन से बढ़ती तकरार

मनोज तिवारी और गौतम गंभीर दोनों ने मिलकर कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला है—पर अब रिश्ता बिल्कुल ठंडा।
तिवारी कई महीनों से गंभीर के क्रिकेट मैनेजमेंट, चयन नीति और सार्वजनिक टिप्पणी करने के तरीके पर खुलकर सवाल उठाते आए हैं।
लेकिन इस बार उन्होंने जो कहा है, वह विवाद की आग और तेज़ कर सकता है—क्योंकि कोहली और रोहित के टेस्ट संन्यास पर पहली बार किसी पूर्व खिलाड़ी ने इतना सीधे तौर पर ‘दबाव’ का मुद्दा उठाया है।

क्या टीम इंडिया का “ट्रांजिशन” सच में गलत दिशा ले रहा?

गौतम गंभीर ने कोच के तौर पर साफ कहा था कि भारतीय टीम को नई दिशा चाहिए।
युवा कप्तान शुबमन गिल के साथ एक ‘नई टेस्ट टीम’ बनाने की पटकथा चल रही है।

पर नतीजे?

  • न्यूजीलैंड ने भारत को घर में 3-0 हराया
  • दक्षिण अफ्रीका 1-0 की अजेय बढ़त के साथ खड़ा
  • वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत चौथे नंबर पर

तिवारी कहते हैं—
“जिस टीम को ट्रांजिशन की जरूरत ही नहीं, उसे जबरन बदला जा रहा है… और इसके शिकार भारत के दो सबसे बड़े टेस्ट खिलाड़ी बन गए।”

ये बयान आने वाले हफ्तों में भारतीय क्रिकेट में नई बहस खड़ी कर सकता है—क्या गंभीर और मैनेजमेंट का मॉडल सही दिशा में जा रहा है, या टीम को अपने सबसे अनुभवी दो खिलाड़ियों को बहुत जल्दी खो दिया गया?

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