Kolkata Test : नंबर 3 पर सुंदर क्यों? दिनेश कार्तिक ने गंभीर की रणनीति पर उठाए सवाल

Atul Kumar
Published On:

Kolkata Test – कोलकाता टेस्ट की हार के बाद टीम इंडिया की रणनीति पर उठ रहे सवालों में सबसे ज़्यादा चर्चा जिस फैसले की हो रही है, वह है—नंबर 3 पर साई सुदर्शन की जगह वॉशिंगटन सुंदर को भेजना।

भारतीय टीम की हार के बाद सोशल मीडिया से लेकर टीवी स्टूडियो तक यही बहस छिड़ी है कि यह फैसला रणनीति था, प्रयोग था या हड़बड़ी?

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी इस चयन पर सीधे सवाल दागे हैं, और उनका निशाना साफ तौर पर मुख्य कोच गौतम गंभीर की ओर है। सुंदर भले ही प्रतिभावान ऑलराउंडर हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 की भूमिका? यह वाकई चौंकाने वाला कदम था।

सुंदर नंबर 3 पर—गंभीर का प्रयोग या ओवर-रीच?

गौतम गंभीर ऑलराउंडर्स को तरजीह देने के लिए जाने जाते हैं, और वॉशिंगटन सुंदर उनके पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन जिस नंबर पर चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गज खेले हों, वहां अचानक एक बॉलिंग ऑलराउंडर को भेजना कई पूर्व खिलाड़ियों की समझ से बाहर है।

सुंदर ने पहली पारी में 29 और दूसरी में 31 रन भी बनाए—जो भारत के लिए सबसे ज्यादा थे—लेकिन सवाल यह नहीं है कि उन्होंने कितने रन बनाए।
सवाल यह है कि क्या यह उनकी सही भूमिका है?

दिनेश कार्तिक—“यह भूमिका अस्थायी और पेचीदा है”

क्रिकबज़ पर बात करते हुए दिनेश कार्तिक ने इस फैसले को टीम के लिए जोखिम भरा बताया।

उनके शब्द—
“वॉशिंगटन सुंदर को आप आखिर टेस्ट खिलाड़ी के रूप में कैसे देख रहे हैं? क्या वो मुख्य गेंदबाज़ हैं जो बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं? अगर आप उन्हें नंबर 3 भेज रहे हैं, तो आप यह संदेश दे रहे हैं कि उन्हें बल्लेबाज़ी पर ज़्यादा ध्यान देना होगा।”

कार्तिक ने आगे समझाया कि अगर सुंदर अधिक समय बल्लेबाज़ी अभ्यास में देंगे, तो गेंदबाजी का अभ्यास कम हो जाएगा—और दोनों में एक साथ महारत हासिल करना लगभग असंभव है।

सुंदर की भूमिका—गेंदबाज़ जो बल्लेबाज़ी करता है या बल्लेबाज़ जो थोड़ी गेंदबाज़ी कर ले?

यही इस बहस का सबसे दिलचस्प हिस्सा है।
वॉशिंगटन सुंदर को अब तक एक बॉलिंग ऑलराउंडर माना गया—एक ऑफ-स्पिनर जो नीचले क्रम में उपयोगी रन जोड़ सकता है।

लेकिन गंभीर का प्रयोग उनकी पहचान ही बदलने जैसा है।
दिनेश कार्तिक ने साफ कहा—
“यह भूमिका अस्थायी समाधान लगती है। उनसे नम्बर 3 पर बड़ी पारी की उम्मीद करना उनकी गेंदबाज़ी पर असर डाल सकता है। यह बहुत पेचीदा मामला है।”

साई सुदर्शन—क्या उन्हें मौका नहीं मिलना चाहिए था?

साई सुदर्शन को टीम ने नंबर 3 के लिए चुना था, लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली।
उनका घरेलू रिकॉर्ड शानदार है, तकनीक मजबूत है और टेस्ट क्रिकेट की लंबी पारी खेलने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

ऐसे में सुंदर को ऊपर भेजना और सुदर्शन को बाहर रखना और भी चौंकाने वाला लग रहा है।

क्या भारत ने मैच से पहले ही रणनीतिक गलती कर दी थी?

124 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत 93 पर ढेर हो गया।
यह हार सिर्फ बल्लेबाजी की नहीं, बल्कि योजना की भी थी।

कई विशेषज्ञों का कहना है कि नंबर 3 जैसे महत्वपूर्ण स्लॉट पर प्रयोग करना—वह भी दक्षिण अफ्रीका जैसी तेज़ गेंदबाजी वाली टीम के खिलाफ—एक अनावश्यक रिस्क था।
और शायद, यही मैच का निर्णायक मोड़ भी साबित हुआ।

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