Ashes – इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने माना है कि मेजबान ऑस्ट्रेलिया आगामी एशेज सीरीज 2025 में मजबूत दावेदार के रूप में उतरेगा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उनकी टीम भी पूरी तरह आत्मविश्वास से भरी है और इस बार इतिहास बदलने का इरादा रखती है।
इंग्लैंड 2010-11 के बाद से ऑस्ट्रेलिया में कोई एशेज सीरीज नहीं जीत पाया है — और वुड के मुताबिक, अब वक्त आ गया है कि यह लंबा इंतजार खत्म हो।
“ऑस्ट्रेलिया फेवरेट, लेकिन हम भी तैयार” – मार्क वुड
ESPNcricinfo से बातचीत में वुड ने कहा,
“ऑस्ट्रेलिया निश्चित रूप से सीरीज में प्रबल दावेदार है, लेकिन हमारी टीम में भी आत्मविश्वास है कि हम यहां अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”
वुड ने पिछले 15 महीनों से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। उन्हें फरवरी में चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के दौरान घुटने में चोट लगी थी, जिसके बाद से वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहे।
हालांकि, अब वे धीरे-धीरे अपनी फिटनेस पर लौट रहे हैं और पहले टेस्ट से पहले पूरी तरह फिट होने की उम्मीद जता रहे हैं।
| विवरण | आंकड़े |
|---|---|
| आखिरी टेस्ट मैच | जुलाई 2023 |
| चोट | घुटने की चोट (फरवरी 2024) |
| वापसी का लक्ष्य | एशेज 2025 पहला टेस्ट (21 नवंबर, पर्थ) |
| एशेज में पिछली जीत (ऑस्ट्रेलिया में) | 2010-11 |
फिटनेस पर बोले वुड – “अभी 100% नहीं, लेकिन दिन-ब-दिन बेहतर हो रहा हूं”
वुड ने ईमानदारी से कहा,
“मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं अभी पूरी तरह फिट हूं। लेकिन मैं हर दिन अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा हूं। लंबे समय तक दौड़ना मुश्किल रहा है, पर अब मैं धीरे-धीरे बेहतर हो रहा हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि पर्थ में खेलने का इंतजार उन्हें सबसे ज्यादा है — क्योंकि वहां की पिच की स्पीड और उछाल तेज गेंदबाजों को मदद करती है।
“यहां का विकेट तेज है और मैं इस पर गेंदबाजी करने के लिए उत्सुक हूं,” वुड ने कहा।
पर्थ टेस्ट के लिए बेसब्री से इंतजार
एशेज 2025 का पहला टेस्ट 21 नवंबर से पर्थ स्टेडियम में खेला जाएगा।
वुड ने 2022 टी20 विश्व कप में यहां सिर्फ एक बार गेंदबाजी की थी, लेकिन उस अनुभव ने उन्हें और उत्साहित कर दिया है।
इंग्लैंड की योजना है कि वे शुरुआती मैच में ही मजबूत शुरुआत करें ताकि ऑस्ट्रेलिया पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सके।
अभ्यास मैच नहीं, लेकिन योजना पक्की
वुड का मानना है कि ज्यादा अभ्यास मैच न खेलना इंग्लैंड के लिए नुकसान नहीं होगा।
“हमारा शेड्यूल मुझे ठीक लगता है। भारत के खिलाफ भी हमने ज्यादा प्रैक्टिस गेम नहीं खेले थे, फिर भी पहला टेस्ट जीतने में सफल रहे। हमें अब अपनी प्रक्रिया पर भरोसा है।”
टीम के कोच ब्रेंडन मैककुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की आक्रामक रणनीति ने इंग्लैंड को नई पहचान दी है।
वुड का मानना है कि यही दृष्टिकोण ऑस्ट्रेलिया में उन्हें फायदा देगा।
इंग्लैंड का लक्ष्य – 14 साल का इंतजार खत्म करना
इंग्लैंड ने आखिरी बार 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज जीती थी, जब एंड्रयू स्ट्रॉस कप्तान थे।
उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने हर घरेलू एशेज सीरीज में इंग्लैंड को मात दी है।
वुड और उनकी टीम अब इस सिलसिले को तोड़ना चाहती है।
“हम जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में जीतना आसान नहीं है, लेकिन यही हमें प्रेरित करता है। इस बार हम पूरी ताकत से उतरेंगे,” वुड ने कहा।















