Zimbabwe – जिम्बाब्वे ने आखिरकार वो कर दिखाया जिसका इंतज़ार उसके क्रिकेट फैंस 14 साल से कर रहे थे। बुधवार को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे ने अफगानिस्तान को पारी और 73 रनों से मात देकर इतिहास रच दिया।
यह जीत सिर्फ बड़ी नहीं, बल्कि ऐतिहासिक थी — क्योंकि यह जिम्बाब्वे की 14 साल बाद घरेलू धरती पर टेस्ट जीत थी।
करन का शतक और जिम्बाब्वे की दमदार बढ़त
पहले बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान की टीम पहली पारी में केवल 127 रन पर सिमट गई। जिम्बाब्वे ने जवाब में बेन करन के शानदार 121 रनों की पारी के दम पर 359 रन ठोके और पहली पारी में 232 रनों की बढ़त हासिल कर ली।
करन की यह पारी निर्णायक साबित हुई — चौके-छक्कों से सजी इस इनिंग ने अफगानिस्तान को खेल से लगभग बाहर कर दिया। उन्हें इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
| खिलाड़ी | रन | गेंदें | चौके | छक्के |
|---|---|---|---|---|
| बेन करन | 121 | 174 | 14 | 2 |
| सीन विलियम्स | 67 | 98 | 9 | 0 |
| सिकंदर रज़ा | 44 | 61 | 5 | 1 |
अफगानिस्तान की दूसरी पारी में बिखराव
दूसरी पारी की शुरुआत में अफगानिस्तान ने 1 विकेट पर 34 रन से खेलना शुरू किया, लेकिन सुबह का सत्र जिम्बाब्वे के गेंदबाजों के नाम रहा। रहमानउल्लाह गुरबाज (9) को टनका चिवंगा ने आउट किया, जबकि रिचर्ड एन्गरावा ने इब्राहिम जदरान (42) और कप्तान हशमतउल्लाह शहीदी (7) को चलता किया।
बाहिर शाह और अफसर जजाई ने थोड़ी साझेदारी की (49 रन), लेकिन इसके बाद टीम फिर लड़खड़ा गई। बाहिर शाह (32), अफसर जजाई (18), इस्मत आलम (16) और शराफउद्दीन अशरफ (9) जैसे बल्लेबाज टिक नहीं सके।
आख़िरी झटका तब लगा जब ब्लेसिंग मुजारबानी ने खलील गुरबाज (6) और जियाउर रहमान (0) को एक ही ओवर में आउट कर अफगानिस्तान की पारी 159 रन पर समेट दी।
जिम्बाब्वे के गेंदबाजों का कमाल
रिचर्ड एन्गरावा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट झटके, जबकि मुजारबानी ने 3 विकेट लिए। टनका चिवंगा ने 2 विकेट लेकर काम पूरा किया। अफगानिस्तान के पास जिम्बाब्वे के सटीक गेंदबाजी आक्रमण का कोई जवाब नहीं था।
| गेंदबाज | ओवर | रन | विकेट |
|---|---|---|---|
| रिचर्ड एन्गरावा | 17.4 | 49 | 5 |
| ब्लेसिंग मुजारबानी | 15 | 38 | 3 |
| टनका चिवंगा | 10 | 35 | 2 |
ऐतिहासिक जीत के आंकड़े
यह जीत जिम्बाब्वे की 24 साल बाद किसी टेस्ट में पारी के अंतर से जीत थी। पिछली बार उन्होंने 2001 में बांग्लादेश को और उससे पहले 1995 में पाकिस्तान को इस तरह हराया था।
बीसीसीआई और ICC के मुताबिक, यह जिम्बाब्वे की टेस्ट क्रिकेट में कुल मिलाकर सिर्फ 14वीं जीत थी।
अफगानिस्तान के लिए सबक
अफगानिस्तान टीम के लिए यह हार चेतावनी की तरह है। अनुभवहीन बल्लेबाज़ी और अनुशासनहीन शॉट चयन ने उन्हें मैच से बाहर कर दिया। कप्तान हशमतउल्लाह शहीदी ने मैच के बाद कहा, “हमने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा है, लेकिन हमें टेस्ट क्रिकेट में धैर्य लाना होगा।”















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