क्रिकेट की दुनिया में मैदान पर आए दिन कई चमत्कार होते रहते हैं। खिलाड़ियों के दिल में इस खेल के लिए जुनून किस कदर भरा हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कई बार मैदान पर बुरी तरह घायल होने के बावजूद भी कई खिलाड़ियों ने अपने देश की गरीमा के लिए खेल जारी रखा।
ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के तेज गेंदबाज Mohammed Shami ने 2015 वर्ल्ड कप के दौरान कर दिखाया था और ऐसा कर पाने के पीछे की असली वजह थे भारतीय टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni। धोनी को यूंही मैदान का चमत्कारी कैप्टन नहीं कहा जाता था, बल्कि उन्होंने ऐसे काम किए, जिसकी वजह से उन्हें ये उपाधि दी गई थी। शमी के ऐसा कर पाने के पीछे भी धोनी का ही साहस था। कैसे, आइए जानते हैं पूरी कहानी-
ये भी पढ़ें: T20I मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप 10 भारतीय खिलाड़ी
Mohammed Shami ने किया था खुलासा
आपको बता दें कि Mohammed Shami ने इस बात का खुलासा भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज गेंदबाज Irfaan Pathan से इंस्टाग्राम लाइव के दौरान किया था। दरअसल, इस लाइव के दौरान शमी ने बताया था कि पैर में फ्रैक्चर के बावजूद उन्होंने मैच में गेंदबाजी की और दर्द को सहने के लिए वो हर मैच से पहले पेन किलर खाया करते थे।
दरअसल, शमी ने इरफान के सामने खुलासा किया था कि, वर्ल्ड कप से ठीक पहले उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था और उनके फीजियो ने उनसे 4 से 6 महीने आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन वर्ल्ड कप ठीक उसके अगले हफ्ते से ही शुरू होना था। ऐसे में उनके फीजियो ने कहा कि दर्द बर्दाशत कर सकते हो, तो पेन किलर लेकर खेलो, वरना घर चले जाओ।
शमी के पैर से निकलता था 40-50 मीलीलीटर फ्लूड
इसके बाद शमी ने खुलासा किया था कि वो हर मैच के बाद डॉक्टर के पास जाते थे और उनके घुटने से हर बार 40-50 मीलीलीटर फ्लूड निकलता था। हर मैच में उन्हें 3-3 पेनकिलर लेकर खेलना पड़ता था। यहां तक कि एक समय में उनके डॉक्टर ने भी हाथ जोड़ लिए थे और नियमों के मुताबिक वो 2 एमएल स्टेरॉइड ही ले सकते थे। ऐसे में सेमीफाइनल से पहले एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगा कि वो अब नहीं खेल पाएंगे। हालांकि उस समय एमएस धोनी ने उन्हें साहस दिया और उनका हौसला बढ़ाया था।
ये भी पढ़ें: T20I मैचों के सबसे कम पारियों में 100 छक्के पूरे करने वाले टॉप 10 खिलाड़ी
MS Dhoni ने बढाया था शमी का हौसला
आपको बता दें कि गेंदबाज ने आगे बताया था कि जब सेमीफाइनल से पहले उनकी हिम्मत टूटने लगी थी, तब एमएस धोनी ने उन्हें आत्मविश्वास दिया था और उनसे कहा था कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सब ठीक होगा और वो कर पाएंगे। धोनी ने शमी से कहा था कि किसी और से भी करवाउंगा तो वो भी मार खाएगा ही खाएगा। ऐसे में उन्होंने शमी से कहा कि 60 रन से ज्यादा मत देना बस, बाकी सब ठीक हो जाएगा।
ऐसे में शमी ने उनकी बात का मान रखा और कहा की मरते-मरते भी इतना तो जरुर करके जाउंगा। और इसके बाद शमी ने पूरा मैच कंप्लीट किया था और शानदार गेंदबाजी भी की थी। वर्ल्ड कप के बाद MRI रिपोर्ट में पता लगा था कि शमी की 4 एमएम हड्डी टूट गई थी। हालांकि इसके बावजूद भी उन्होंने गेंदबाजी की वो वाकई काबिले तारीफ थी।