Test – ढाका के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में बुधवार की सुबह क्रिकेट सिर्फ शुरू नहीं हुआ—एक इतिहास लिखा गया। बांग्लादेश के लिए वो दिन वैसा ही था जैसा भारत के लिए सचिन का 200वां टेस्ट, इंग्लैंड के लिए कुक का 100वां, या ऑस्ट्रेलिया के लिए रिकी पोंटिंग के माइलस्टोन।
19 नवंबर को आयरलैंड के खिलाफ शुरू हुए दूसरे टेस्ट ने मुशफिकुर रहीम को एक नई पहचान दे दी—बांग्लादेश के पहले ऐसे खिलाड़ी, जिन्होंने 100 टेस्ट मैच खेलने का गौरव हासिल किया।
ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि दो दशक की निष्ठा, संघर्ष और बांग्लादेश क्रिकेट की रीढ़ बन चुके उस खिलाड़ी की कहानी है जिसने कभी हार नहीं मानी।
100 टेस्ट खेलने वाले पहले बांग्लादेशी—मुशफिकुर का सुनहरा अध्याय
दुनिया की 12 टेस्ट–प्लेइंग नेशंस में से अब तक सिर्फ 8 देशों के खिलाड़ी ही 100 टेस्ट तक पहुंचे थे। बुधवार को बांग्लादेश इस एलीट सूची में शामिल हो गया।
दिलचस्प बात यह है कि 38 वर्षीय मुशफिकुर के अलावा बांग्लादेश का एक भी खिलाड़ी 75 टेस्ट तक नहीं पहुँचा है।
यह दिखाता है कि देश में टेस्ट का वर्कलोड कैसा रहा और मुशफिकुर कितने दृढ़, स्थिर और भरोसेमंद रहे।
| उपलब्धि | मुशफिकुर रहीम |
|---|---|
| टेस्ट मैच | 100 |
| पारियाँ | 182 |
| कुल रन | 6351 |
| शतक | 12 |
| दोहरे शतक | 3 |
| हाईएस्ट स्कोर | 219 |
| डेब्यू | 2005 |
साफ है—मुशफिकुर सिर्फ विकेटकीपर–बल्लेबाज़ नहीं, बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास का सबसे विश्वसनीय चेहरा बन चुके हैं।
यह टेस्ट सीरीज खास क्यों?
दरअसल, आयरलैंड के खिलाफ यह सीरीज पहले सिर्फ एक टेस्ट मैच की घोषित थी।
लेकिन एक टेस्ट खेलने पर मुशफिकुर 99 पर रुक जाते।
इसीलिए सीरीज को 2 मैचों का किया गया—ताकि वह 100वां टेस्ट खेल पाएं।
यह सम्मान किसी भी देश की तरफ से अपने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले खिलाड़ी के नाम किया गया एक विशेष सलाम है।
“पत्नी, परिवार, साथी खिलाड़ियों… सभी का धन्यवाद”—मुशफिकुर का भावुक संबोधन
मैच शुरू होने से ठीक पहले जब वह मैदान में आए, तो स्टेडियम ने खड़े होकर तालियां बजाईं। फिर उन्होंने माइक उठाया और एक बहुत ही भावुक भाषण दिया—
“मैं अपने परिवार, अपनी पत्नी का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे लिए कई रातें जागी हैं। अपने साथियों, कोचों, दोस्तों और फैंस को दिल से धन्यवाद। मैं बांग्लादेश क्रिकेट के भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
उन्होंने आयरलैंड टीम को भी धन्यवाद कहा—कि वे इस ऐतिहासिक टेस्ट का हिस्सा बने।
कई दिग्गजों ने बाद में कहा—बांग्लादेश क्रिकेट में यदि किसी ने स्टैंडर्ड सेट किया है, तो वह मुशफिकुर हैं।
20 साल की यात्रा—बांग्लादेश क्रिकेट का सबसे भरोसेमंद नाम
मुशफिकुर ने 2005 में टेस्ट डेब्यू किया था—एक ऐसे दौर में जब बांग्लादेश टेस्ट क्रिकेट सीख रहा था।
लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने देश को यह विश्वास दिलाया कि बांग्लादेश भी लंबी फॉर्मेट में टिक सकता है।
12 शतक, 3 दोहरे शतक, और कई बार संकट में टीम को खड़ा करना—यह सफर किसी बैक-अप विकेटकीपर का नहीं, बल्कि एक सच्चे योद्धा का है।
उनकी पारी की शैली आक्रामक नहीं होती, लेकिन सटीक, धैर्यपूर्ण और टीम की जरूरत के मुताबिक होती है।
इसलिए उन्हें कई लोग बांग्लादेश का “Mr. Dependable” कहते हैं।
क्या यह उनका आखिरी टेस्ट हो सकता है?
कई रिपोर्ट्स का दावा है कि टेस्ट सीरीज उनके सम्मान में बढ़ाई गई है, और यह संभव है कि यह उनके करियर का आखिरी टेस्ट हो।
अगर ऐसा है तो बांग्लादेश एक दौर के अंत को देखने वाला है—वह दौर जिसने बांग्लादेश को क्रिकेट विश्व में पहचान दिलाई।














