Pakistan Cricket – एशिया कप 2025 में IND vs PAK Super 4 मुकाबले से पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम का मनोबल काफी नीचे दिखाई दे रहा है।
लीग स्टेज में भारत के खिलाफ मिली एकतरफा हार के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति सुधारने के लिए एक मनोचिकित्सक/मोटिवेशनल स्पीकर की मदद लेनी पड़ी है।
PCB की नई चाल
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पीसीबी ने डॉ. राहील नाम के एक मोटिवेशनल स्पीकर को टीम के साथ जोड़ा है। वहीं, दूसरी रिपोर्ट्स कहती हैं कि यह असल में एक मनोचिकित्सक हैं, जिनकी जिम्मेदारी खिलाड़ियों की मेंटल हेल्थ और आत्मविश्वास बढ़ाने की है।
नजम सेठी ने उड़ाया मजाक
पीसीबी के पूर्व चीफ नजम सेठी ने इस फैसले का मजाक उड़ाते हुए कहा कि, “मनोचिकित्सक भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को कुछ नहीं सिखा सकता क्योंकि वह अंग्रेजी में समझाएगा और हमारे खिलाड़ी समझ ही नहीं पाएंगे।”
उन्होंने ये बयान पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी पर दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संकोच
सेठी ने आगे कहा कि पाकिस्तान में थेरेपी या साइकिएट्रिस्ट के पास जाने को अब भी बेइज्जती समझा जाता है। लोग इसे मानसिक बीमारी से जोड़कर “पागलपन का इलाज” मानते हैं। यही कारण है कि खिलाड़ी इस तरह की मदद लेने में हिचकिचाते हैं।
भाषा और शिक्षा की दिक्कत
नजम सेठी ने टीम की शिक्षा और भाषा को भी बड़ी बाधा बताया। उनके मुताबिक, ज्यादातर एक्सपर्ट विदेश से पढ़े-लिखे होते हैं और अंग्रेजी में समझाते हैं, जबकि खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि ऐसी है कि उन्हें पंजाबी या पश्तो में समझाना पड़ता है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “साइकिएट्रिस्ट भी रातों-रात इन्हें कुछ नहीं सिखा सकता।”
भारत से हार के बाद पाकिस्तान टीम की अंदरूनी कमजोरी और मानसिक दबाव साफ झलक रहा है। PCB का यह कदम भले ही आलोचना और मजाक का विषय बन गया हो, लेकिन यह भी दिखाता है कि टीम के भीतर आत्मविश्वास की कितनी कमी है।
अब देखना होगा कि Super 4 मुकाबले में यह मनोचिकित्सक/मोटिवेशनल स्पीकर कोई असर दिखा पाता है या नहीं।