Ravindra Jadeja – भारत बनाम इंग्लैंड की 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ अब उस मुकाम पर पहुंच गई है जहाँ सब कुछ दांव पर है। सीरीज़ का स्कोर 2-1 है, इंग्लैंड आगे है, लेकिन लंदन के ओवल मैदान में होने वाला आख़िरी टेस्ट मुकाबला कहानी को ड्रॉ तक पहुंचा सकता है। और इस पटकथा के संभावित हीरो? वही, रविंद्र जडेजा—जिन्हें हम प्यार से “जड्डू” कहते हैं।
इंग्लैंड की गलियों में एक बार फिर ‘जडेजा-जादू’ देखने को मिल सकता है।
ओवल: जडेजा का पसंदीदा शिकारगाह?
कुछ मैदान किसी खिलाड़ी के बस दिल में बस जाते हैं। ओवल, लंदन—यही है जडेजा का वह अड्डा जहाँ वो बार-बार इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेलते हैं।
खिलाड़ी | ओवल में टेस्ट मैच | विकेट |
---|---|---|
रविंद्र जडेजा | 3 | 15 |
कपिल देव | 3 | 10 |
क्या आप सोच रहे हैं कि ओवल में सिर्फ़ 3 टेस्ट खेलकर कोई सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाला बन सकता है? हाँ, जब आप जडेजा हों तो कुछ भी मुमकिन है। स्पिन का ऐसा मिक्स—थोड़ा फ्लाइट, थोड़ा टर्न, और ढेर सारा माइंड गेम। इंग्लिश बैटर्स को तो सपने में भी बाएं हाथ का यह स्पिनर दिखता होगा।
बल्ला भी बोलेगा और गेंद भी
अब तक इस सीरीज में जडेजा ने जो किया है, वो किसी ऑलराउंडर की फुल पावर परफॉर्मेंस है। 113.50 की औसत से बनाए गए 454 रन, जिनमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। याद रहे, ये सब उन्होंने मिडल ऑर्डर में आकर किया है—जहाँ टीम को या तो बचाना होता है, या फिर मैच छीनना।
47 चौके, 6 छक्के—साफ़ है कि उन्होंने सिर्फ रन नहीं बनाए, इंग्लैंड को थकाया भी है।
मैच | पारियाँ | रन | औसत | शतक | अर्धशतक | विकेट |
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4 | 8 | 454 | 113.50 | 1 | 4 | 7 |
सात विकेट भी झटके हैं—ऐसे में अगर आप सोच रहे हैं कि वो इस आखिरी टेस्ट में इंग्लैंड की कमर तोड़ सकते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं।
सिर्फ आंकड़े नहीं, आत्मविश्वास भी चमक रहा है
शानदार फॉर्म में चल रहे जड्डू के खेलने का अंदाज़ भी बदला-बदला लग रहा है। अब वो सिर्फ एक स्पिनर नहीं, ना ही सिर्फ एक फाइटिंग ऑलराउंडर—अब वो एक सीनियर लीडर की तरह खेल रहे हैं। मैदान पर चुपचाप विकेट लेना, बैटिंग के दौरान रिस्क को समझदारी से मैनेज करना, और जब टीम को जरूरत हो, तब गियर शिफ्ट कर देना—यही तो बड़ा खिलाड़ी करता है।
और सच कहें, तो शायद अब वक्त आ गया है कि हम उन्हें भारत के सबसे भरोसेमंद टेस्ट ऑलराउंडर्स में गिनें। चाहे वो लॉर्ड्स हो, मैनचेस्टर या अब ओवल—वो हर मैदान में अपना असर छोड़ते हैं।
आखिरी टेस्ट में क्या उम्मीद करें?
तो क्या जडेजा आखिरी टेस्ट में फिर से मैच पलट सकते हैं? क्यों नहीं!
ओवल की पिच स्पिनर्स को मैच के बाद के दिनों में मदद देती है। और अगर भारत पहले बैटिंग करता है और जडेजा को बैटिंग का मौका मिलता है, तो वहां भी वो इंग्लैंड को फिर से रगड़ सकते हैं।
सीरीज ड्रॉ करवाना टीम इंडिया के लिए जीत जितना ही बड़ा होगा। और इस मिशन के सेंटर में शायद वही खिलाड़ी होगा जो बल्ले और गेंद से दोनों हाथों में आग लिए घूम रहा है—रविंद्र जडेजा।