Rinku Singh – भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज़ रिंकू सिंह आज मैदान पर एक भरोसेमंद फिनिशर के तौर पर जाने जाते हैं। महज़ दो साल में उन्होंने भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और कई मौकों पर टीम को जीत दिलाई है।
लेकिन सफलता की यह कहानी उतनी आसान नहीं रही। हाल ही में रिंकू ने अपने बचपन का एक दर्दनाक किस्सा साझा किया, जिसमें उनकी ज़िंदगी पर खतरा मंडराने लगा था।
रिंकू सिंह का दर्दनाक अनुभव
राज शमानी के पॉडकास्ट में रिंकू सिंह ने बताया कि बचपन में बंदरों के हमले उनके लिए एक आम समस्या थी। एक बार बरसात के मौसम में उनके साथ ऐसा हादसा हुआ जिसने उन्हें बुरी तरह डरा दिया था।
उन्होंने कहा, “बरसात का समय था। घर में वाशरूम नहीं था, तो हम भाई और दोस्तों के साथ मैदान की ओर गए। अचानक किसी ने पीछे से चिल्लाया—बंदर आ गए। तभी एक बंदर ने मुझ पर हमला कर दिया। उसने मेरे हाथ को इतनी बुरी तरह काटा कि मांस तक नोच डाला। दर्द इतना था कि मैं सह नहीं पा रहा था।”
जान पर बन आई थी हालत
रिंकू ने आगे बताया कि उनका भाई उन्हें बचाने की कोशिश करता रहा, पत्थर फेंके, लेकिन बंदर छोड़ने को तैयार नहीं था। आखिरकार जब किसी तरह छुड़ाया गया, तो उनका हाथ गंभीर रूप से घायल हो चुका था।
“मेरे हाथ से इतना खून बह रहा था कि हड्डियाँ तक दिखने लगी थीं। हमें तुरंत क्लिनिक ले जाया गया। उस समय परिवार को भी डर था कि पता नहीं मैं बच पाऊँगा या नहीं।”
संघर्ष से स्टारडम तक का सफर
यह घटना रिंकू के जीवन का एक कठिन मोड़ थी। छोटे-से शहर से आने वाले रिंकू ने आर्थिक दिक्कतों और व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी। आज वे भारतीय टीम के लिए उस भूमिका में खड़े हैं, जहाँ उनकी तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर्स से की जाती है।
परिवार और संघर्ष का असर
रिंकू अक्सर बताते हैं कि उनका सफर परिवार के बिना अधूरा है। जिस दर्द और मुश्किलों से वे गुज़रे, उसने ही उनके खेल और मानसिकता को मजबूत बनाया। मैदान पर दबाव की परिस्थितियों में उनका शांत रहना इसी संघर्ष की देन है।