Pant – चार महीने की खामोशी, लंबा रिहैब और अनगिनत सवाल—इन सबके बाद ऋषभ पंत आखिरकार भारतीय टेस्ट टीम में लौटने वाले हैं। शुक्रवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में शुरू होने वाले पहले टेस्ट में वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोबारा भारतीय जर्सी पहनते दिखाई देंगे।
चोट से उबरकर मैदान पर लौटना कितना मुश्किल था, यह पंत ने खुद बीसीसीआई को दिए अपने इंटरव्यू में खुलकर बताया।
चोट के बाद कठिन सफर, लेकिन ‘भगवान की कृपा’ ने कराया वापसी का रास्ता साफ
मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ जुलाई में चौथे टेस्ट के दौरान पंत के पैर में फ्रैक्चर हुआ था।
यही वो मोड़ था जिसने उन्हें चार महीने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर कर दिया।
पंत भारत ए की ओर से दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ बेंगलुरु में दो अनौपचारिक टेस्ट खेलकर प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में लौटे और वहां उनकी फिटनेस व फॉर्म ने टीम मैनेजमेंट का भरोसा बढ़ाया।
बीसीसीआई द्वारा जारी वीडियो में पंत ने कहा—
“चोट के बाद वापसी कभी आसान नहीं होती। लेकिन मुझ पर हमेशा भगवान की कृपा रही है। उसी वजह से मैं आज फिर से मैदान पर उतरने जा रहा हूं। लौटकर मैं बहुत खुश हूं।”
उन्होंने आगे कहा—
“जब भी मैदान पर कदम रखता हूं, ऊपर देखकर बस शुक्रिया कहता हूं—भगवान को, अपने परिवार को, माता-पिता को। चोट के दिनों में इनका सहारा सबसे बड़ा था।”
रिहैब के दौरान मानसिक मजबूती पर था फोकस
ऋषभ पंत ने साफ बताया कि चोट के बाद सबसे बड़ी लड़ाई शरीर से ज्यादा दिमाग की होती है।
मीडिया की बातें, बाहरी शोर और भविष्य को लेकर उठते सवाल—इन सब पर उन्होंने जानबूझकर ध्यान नहीं दिया।
पंत बोले—
“मैं सिर्फ उन चीजों पर फोकस करता हूं जो मेरे नियंत्रण में हैं। किस्मत पर किसी का जोर नहीं चलता, इसीलिए मैं उस पर सोचकर समय खराब नहीं करता। अगर आप वही करते रहो जो आपको खुशी देता है, तो मुश्किल वक्त भी आसानी से कट जाता है।”
‘हर पल का आनंद लो, 100 प्रतिशत दो’ — पंत का मेसेज
28 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि चोट के बाद उन्हें समझ आया कि जीवन और क्रिकेट में हर पल की कीमत कितनी होती है।
उन्होंने कहा—
“जो भी कर रहे हो, उसका आनंद लो। अपना 100 प्रतिशत दो। जब आप आनंद ढूंढते हो, तो वापसी भी आसान हो जाती है।”
कोचिंग स्टाफ का मानना है कि पंत की ऊर्जा, आक्रामक बल्लेबाजी और विकेट के पीछे तेज रिफ्लेक्स टीम के लिए बड़ा बूस्ट होंगे।















