Rohit Sharma – कभी आलोचकों ने कहा था कि रोहित शर्मा अब खत्म हो गए हैं। टेस्ट में रन नहीं बने, कप्तानी चली गई — तो वनडे में भी क्या कर लेंगे? लेकिन “हिटमैन” ने जवाब बल्ले से दिया।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उन्होंने पहले फिटनेस, फिर धैर्य, और आखिर में विस्फोटक बल्लेबाजी से सबको चौंका दिया। तीन मैचों की इस सीरीज में रोहित ने जो किया, वो किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं था।
पहले मैच में FIT दिखे हिटमैन
पहले वनडे में रोहित शर्मा का मूवमेंट, बॉडी लैंग्वेज, और रनिंग बिटवीन द विकेट देखकर साफ था — ये वही पुराने रोहित नहीं हैं जो धीमे लगते थे। उन्होंने हर गेंद पर फोकस रखा, फील्ड में फुर्ती दिखाई, और फिटनेस से सबका ध्यान खींचा। कई मौकों पर डाइव लगाकर रन बचाए, जिससे टीम का मनोबल भी बढ़ा।
दूसरे मैच में GRIT का परिचय
दूसरे वनडे में रोहित ने दिखा दिया कि सिर्फ हिट करना ही नहीं, टिकना भी आता है। 97 गेंदों पर 73 रन की पारी में उन्होंने असली धैर्य और मानसिक मजबूती दिखाई। विकेट गिरते रहे, पर रोहित डटे रहे। यही “grit” है — जब हालात मुश्किल हों, और खिलाड़ी फिर भी हार न माने।
तीसरे मैच में HIT का धमाका
तीसरा वनडे तो पूरी तरह से “हिटमैन शो” था। 125 गेंदों में 13 चौके और 3 छक्कों की मदद से नाबाद 121 रन! ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। हर बाउंड्री के साथ मैदान में “रोहित! रोहित!” की गूंज सुनाई दे रही थी। ये वही हिटमैन थे जिन्होंने एक बार फिर साबित किया कि क्लास कभी पुरानी नहीं होती।
दो बड़े अवॉर्ड्स और एक नया रिकॉर्ड
रोहित शर्मा को तीसरे मैच में शानदार शतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, पूरी सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब भी उनके नाम गया। इस उपलब्धि के साथ वे भारत के पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दो बार वनडे सीरीज में प्लेयर ऑफ द सीरीज जीता।
| मैच | पारी | रन | बॉल | स्ट्राइक रेट | अवॉर्ड |
|---|---|---|---|---|---|
| 1st ODI | 54 | 67 | 80.6 | – | – |
| 2nd ODI | 73 | 97 | 75.2 | – | – |
| 3rd ODI | 121* | 125 | 96.8 | प्लेयर ऑफ द मैच | |
| सीरीज टोटल | 248 | 289 | – | प्लेयर ऑफ द सीरीज |
आलोचकों को मिला करारा जवाब
कई लोगों ने कहा था — “कप्तानी गई, अब टीम से भी बाहर हो जाओ।” पर रोहित ने न सिर्फ टीम में अपनी जगह पक्की की बल्कि भविष्य की उम्मीदें भी जगा दीं। उनकी ये परफॉर्मेंस बताती है कि रोहित शर्मा का लक्ष्य अब भी 2027 वर्ल्ड कप है। और अगर फिटनेस और फॉर्म यूं ही रही, तो हिटमैन एक बार फिर इतिहास रच सकते हैं।
अब सवाल ये है – क्या ये नई शुरुआत है?
कप्तानी से अलग होकर रोहित शायद और ज्यादा आज़ाद महसूस कर रहे हैं। बिना दबाव के खेलते हुए उन्होंने वही फ्लो वापस पाया है, जिसने उन्हें “हिटमैन” बनाया था। और सच कहें तो — अगर यही अंदाज़ बरकरार रहा, तो ये रिटायरमेंट नहीं, “कमबैक स्टोरी” कहलाएगी।















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