Dileep Trophy 2025 – बेंगलुरु इस हफ्ते घरेलू क्रिकेट का बड़ा केंद्र बनने वाला है। गुरुवार से दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले शुरू हो रहे हैं और इस बार दांव केवल ट्रॉफी पर नहीं है—यह खिलाड़ियों के लिए भारतीय टीम में वापसी या जगह पक्की करने का मौका भी है। पश्चिम क्षेत्र बनाम मध्य क्षेत्र का मैच सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है क्योंकि इसमें कुछ बड़े नाम अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगे।
श्रेयस अय्यर की नजरें वापसी पर
श्रेयस अय्यर एशिया कप टीम में जगह नहीं बना पाए, बावजूद इसके कि उन्होंने इस साल आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए शानदार 604 रन ठोके थे, वह भी 50+ की औसत और 175 से ऊपर की स्ट्राइक रेट के साथ।
अब उनके पास मौका है कि घरेलू सीरीज (वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) से पहले चयनकर्ताओं को फिर से याद दिला सकें कि वह मिडिल ऑर्डर में अब भी भरोसेमंद विकल्प हैं। अगर अय्यर यहां बड़ा स्कोर करते हैं तो पश्चिम क्षेत्र को भी फायदा मिलेगा और टीम इंडिया में उनकी दावेदारी भी मजबूत होगी।
जायसवाल का इरादा फॉर्म बनाए रखने का
यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खुद को साबित कर दिया है, लेकिन सीमित ओवरों में अभी भी चयन समिति उन्हें पहली पसंद नहीं मानती।
आखिरी बार उन्होंने ओवल टेस्ट में खेला था, और अक्टूबर में वेस्टइंडीज सीरीज से पहले यह टूर्नामेंट उनके लिए तैयारी और फॉर्म बनाए रखने का सही मौका है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज की नजरें अब लाल गेंद से दमदार प्रदर्शन पर होंगी।
शार्दुल ठाकुर की कप्तानी और दबाव
शार्दुल ठाकुर पश्चिम क्षेत्र की कप्तानी कर रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन फीका रहा था, इसलिए यहां उन्हें अपनी ऑलराउंड क्षमताओं से चयनकर्ताओं को फिर से प्रभावित करना होगा। कप्तानी के साथ जिम्मेदारी और दबाव दोनों हैं, लेकिन ठाकुर की खासियत ही यही है कि वह बड़े मौकों पर चमकना जानते हैं।
पश्चिम बनाम मध्य: मुकाबला कड़ा होगा
पश्चिम क्षेत्र में अय्यर, जायसवाल और ठाकुर के अलावा ऋतुराज गायकवाड़ और ऑलराउंडर तनुश कोटियन जैसे खिलाड़ी भी हैं जो मौके का फायदा उठाना चाहेंगे। दूसरी तरफ मध्य क्षेत्र कमजोर नहीं दिख रहा।
अगर ध्रुव जुरेल चोट से उबरकर लौट आते हैं तो उनकी कप्तानी और बैटिंग टीम को और मजबूत कर सकती है। क्वार्टर फाइनल में रजत पाटीदार, दानिश मालेवार और शुभम शर्मा ने बड़े शतक जड़कर बता दिया कि उनकी बल्लेबाजी गहराई रखती है। गेंदबाजी में दीपक चाहर और खलील अहमद जैसे पेसर्स के साथ बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे भी हैं।
पश्चिम बनाम मध्य: प्रमुख खिलाड़ी
टीम | बल्लेबाज | गेंदबाज | खास भूमिका |
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पश्चिम क्षेत्र | अय्यर, जायसवाल, गायकवाड़ | ठाकुर (ऑलराउंडर), कोटियन | कप्तानी + मिडिल ऑर्डर मजबूती |
मध्य क्षेत्र | पाटीदार, जुरेल (फिट होने पर), शुभम शर्मा | दीपक चाहर, खलील अहमद, हर्ष दुबे | मजबूत बॉलिंग अटैक |
दूसरा सेमीफाइनल: उत्तर बनाम दक्षिण
दूसरे सेमीफाइनल में उत्तर और दक्षिण क्षेत्र आमने-सामने होंगे। लेकिन यहां दोनों टीमों को झटके लगे हैं। दक्षिण क्षेत्र के कप्तान तिलक वर्मा एशिया कप में टीम इंडिया के साथ हैं, जबकि आर साई किशोर और वैसाख विजयकुमार चोट के कारण बाहर हैं। इसलिए बल्लेबाजी का भार एन जगदीशन और देवदत्त पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों पर होगा।
उत्तर क्षेत्र की हालत भी कुछ ऐसी ही है। अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे तेज गेंदबाज टीम इंडिया में व्यस्त हैं, इसलिए गेंदबाजी थोड़ी कमजोर नजर आती है। यहां कप्तान अंकित कुमार और आयुष बडोनी पर रन बनाने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
क्या दलीप ट्रॉफी से सीधे टीम इंडिया में जगह मिलेगी?
सवाल बड़ा है और जवाब थोड़ा पेचीदा। दलीप ट्रॉफी का प्रदर्शन चयनकर्ताओं की नजर में जरूर आता है, लेकिन सीधे भारतीय टीम का टिकट शायद ही मिलता हो। फिर भी यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों के फॉर्म और मानसिक मजबूती की परीक्षा है। खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो टीम इंडिया से बाहर हो गए हैं या जगह पक्की करने की कोशिश कर रहे हैं।