Suresh Raina: सीनियर्स धुलवाते थे कपड़े, रैगिंग से परेशान होकर सुरेश रैना ने छोड़ दिया था स्पोर्ट्स हॉस्टल, इस शख्स ने बदल दी थी दिग्गज क्रिकेटर की जिंदगी

रैगिंग से परेशान होकर सुरेश रैना ने छोड़ दिया था स्पोर्ट्स हॉस्टल- भारतीय टीम के पूर्व स्टार खिलाड़ी रैना बेहद मुश्किल परिस्थितियों में पले-बढ़े हैं. सुरेश रैना जब पहली बार हॉस्टल में आए तो हॉस्टल के एक सीनियर सदस्य ने उन्हें परेशान किया.

जब भी वह कपड़े धोता, सीनियर्स उसके साथ जुड़ जाते। उनके द्वारा अलग-अलग रैगिंग के हथकंडे अपनाए जाते हैं। इससे वह इतना परेशान हुआ कि उसने हॉस्टल छोड़ दिया।

बाद में वह खेल शिक्षक के समझाने पर छात्रावास में लौट आई। इस बात का जिक्र खुद सुरेश रैना ने अपनी आत्मकथा बिलीव में किया है। मुरादनगर, उत्तर प्रदेश, सुरेश रैना का जन्मस्थान है, जिनका जन्म 27 नवंबर 1986 को हुआ था।

अपनी अत्मकथा बिलीव में सुरेश रैना ने कई बातों का जिक्र किया

अपनी जीवनी “बिलीव” में सुरेश रैना लिखते हैं कि लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में चयन होने के बाद उन्हें वहीं रहना पड़ा. पढ़ाई और खेल दोनों में तेज रहने वाले ऐसे बच्चे सीनियर्स के खास निशाने पर रहते हैं।

जूनियर खिलाड़ी सीनियर खिलाड़ियों के निजी काम संभालते हैं। एक-दूसरे को चीरने के लिए उन्होंने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। कभी-कभी वे उसे मुर्गा बना देते थे और कभी-कभी उसके चेहरे पर पानी फेंक देते थे।

बचपन में सुरेश रैना ने 13 साल की उम्र में आगरा क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। जब वह यात्रा कर रहे थे तो ट्रेन में अधिकांश लोगों के पास सीट नहीं थी।

फलत: सब अपने-अपने स्थान के अनुसार बैठ गए। रैना ने खुद को ठंड से बचाने के लिए अपनी क्रिकेट किट पहनी थी।

कुछ देर बाद एक मोटे लड़के ने उसे बैठाया। आंख खोलने के बाद उसने देखा कि एक मोटा बच्चा उसके ऊपर पेशाब कर रहा है जबकि उसके हाथ बंधे हुए हैं।

इसके बाद रैना ने उन्हें जोर का धक्का दिया। इसके जवाब में छात्रावास में जांच कमेटी का गठन किया गया। एक युवा क्रिकेटर के रूप में, रैना ने अपनी पुस्तक बिलीव के माध्यम से कई चुनौतियों का सामना किया और अपने जीवन में सभी प्रतिकूलताओं पर विजय प्राप्त की।

अपने सीमित ओवरों के करियर के दौरान बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने छाप छोड़ी थी। रैना ने उसी वर्ष भारत में सभी प्रकार के क्रिकेट से संन्यास ले लिया। रैना ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में बड़ी सफलता हासिल की।

सबसे पहली बात गौर करने वाली बात ये है कि उन्होंने तीनों फॉर्मेट में शतक लगाया है. अगस्त 2020 में, सुरेश रैना ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।

हालाँकि, वह उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे। वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के खिलाड़ी भी हैं। रैना को हालांकि आईपीएल 2022 सीजन में किसी भी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा था।

सुरेश रैना के घरेलू क्रिकेट प्रदर्शन के अनुसार, उन्होंने 109 प्रथम श्रेणी मैचों में 14 शतकों सहित 6871 रन बनाए, जिसमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 204 रन था। इसके अलावा, उन्होंने 302 लिस्ट ए मैचों में 8078 रन बनाए, जिसमें 7 शतक शामिल हैं, जिनमें से सर्वश्रेष्ठ स्कोर 129 था।

सुरेश रैना ने 226 एकदिवसीय मैचों की 194 पारियों में 5 शतक और 36 अर्धशतक लगाते हुए 35 बार नाबाद रहते हुए 35 बार नाबाद रहते हुए 5615 रन बनाए हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रैना ने आखिरी वनडे 2018 में खेला था। जहां तक टी20 फॉर्मेट की बात है तो रैना ने शानदार बल्लेबाजी भी की। रैना का 78 मैचों में यह तीसरा शतक और पांचवां अर्धशतक है, जिसमें उन्होंने 1604 रन बनाए हैं।

क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने के बाद सुरेश रैना अब आईपीएल में नहीं खेलेंगे। 2008 में, रैना ने आईपीएल में खेलना शुरू किया और आखिरी बार 2021 में देखा गया था।

परिणामस्वरूप, उन्होंने 205 मैचों में 136.76 की स्ट्राइक रेट से 5528 रन बनाए। इस दौरान उनकी पारी का औसत 32.51 और स्ट्राइक रेट 136.76 का रहा।

आईपीएल में उन्होंने एक शतक और 36 अर्धशतक लगाए। उन्होंने 506 चौके और 203 छक्के लगाने के अलावा 108 गेंदें भी खेली। एक आईपीएल खिलाड़ी के रूप में अपने करियर के दौरान, सुरेश रैना ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सबसे अधिक मैच खेले।

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Sumit एक सपोर्ट जर्नलिस्ट हैं, सुमित को क्रिकेट मे काफी दिलचस्पी है, इसीलिए सुमित Cricketyatri के माध्यम से अपना अनुभव लोगों तक पहुचा पा रहे हैं