U19 World : विराट कोहली के साथियों की वापसी – लेकिन इस बार हाथ में बल्ला नहीं व्हाइट कोट

Atul Kumar
Published On:
U19 World

U19 World – कानपुर में इस वक्त एक दिलचस्प कहानी लिखी जा रही है—क्रिकेट के मैदान पर दो पुराने साथी, अब नई भूमिका में लौटे हैं। तन्मय श्रीवास्तव और अजितेश अर्गल, जो कभी विराट कोहली की कप्तानी में 2008 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के अहम सदस्य थे, अब उसी मैदान पर नयी जिम्मेदारी निभा रहे हैं—इस बार अंपायर बनकर।

अंडर-19 वर्ल्ड कप से अंपायरिंग तक का सफर

2008 के कुआलालंपुर वर्ल्ड कप में तन्मय श्रीवास्तव भारत के स्टार बल्लेबाज थे—262 रन बनाकर उन्होंने उस टूर्नामेंट में खास पहचान बनाई थी। वहीं, फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गेंदबाजी से मैच पलटने वाले अजितेश अर्गल प्लेयर ऑफ द मैच बने थे।


साल 2025 में दोनों फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लौटे हैं, मगर अब हाथ में बल्ला या गेंद नहीं, बल्कि व्हाइट कोट और निर्णय की जिम्मेदारी है।

भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए सीरीज में निभा रहे हैं अंपायर की भूमिका

कानपुर में जारी भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए वनडे सीरीज में दोनों को मैदानी अंपायर की जिम्मेदारी दी गई है। यह अब तक उनके अंपायरिंग करियर की सबसे बड़ी असाइनमेंट मानी जा रही है।
35 वर्षीय तन्मय और 37 वर्षीय अर्गल ने 2023 में बीसीसीआई की अंपायरिंग परीक्षा पास की थी। तब से वे रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट जैसे घरेलू मैचों में नियमित अंपायरिंग कर रहे हैं।

नामउम्रपूर्व भूमिकावर्तमान भूमिकाप्रमुख उपलब्धि
तन्मय श्रीवास्तव35बल्लेबाज (भारत U-19)अंपायर262 रन (U-19 WC 2008)
अजितेश अर्गल37मध्यम गति गेंदबाजअंपायरफाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’

तन्मय श्रीवास्तव की दूसरी पारी

श्रीवास्तव ने लगभग दस साल तक उत्तर प्रदेश टीम के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और 90 मैचों में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए टैलेंट स्काउट के तौर पर काम किया और फिर आईपीएल 2024 में अंपायर के रूप में डेब्यू किया।
उनका कहना है, “मैदान पर रहना ही असली सुकून है, चाहे खिलाड़ी बनकर या अंपायर बनकर। फर्क बस भूमिका का है।”

अर्गल की नई उम्मीद

अजितेश अर्गल का सीनियर स्तर का करियर भले लंबा नहीं रहा—सिर्फ 10 प्रथम श्रेणी मैच, लेकिन उनकी क्रिकेट समझ और तकनीकी पकड़ ने उन्हें बीसीसीआई पैनल में जगह दिलाई। अब उनका लक्ष्य है कि लगातार अच्छा प्रदर्शन कर आईसीसी एमिरेट्स पैनल और फिर एलीट पैनल तक पहुंचें।

भारतीय अंपायरिंग में बदलाव की हवा

भारतीय क्रिकेट में घरेलू अंपायरिंग को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। फिलहाल सिर्फ नितिन मेनन ही आईसीसी के एलीट पैनल में हैं। ऐसे में तन्मय और अर्गल की एंट्री नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है—जहां पूर्व खिलाड़ी अपने अनुभव से अंपायरिंग का स्तर ऊपर उठा सकते हैं।

विराट कोहली के साथियों की नई भूमिका

दिलचस्प बात यह है कि जहां विराट कोहली अब भी भारत की सीनियर टीम के लिए मैदान पर सक्रिय हैं, वहीं उनके उस दौर के साथी अब दूसरे रूप में क्रिकेट की सेवा कर रहे हैं। फैंस के लिए यह nostalgia और inspiration दोनों है—क्योंकि 2008 की वही अंडर-19 टीम आज भी किसी न किसी तरह भारतीय क्रिकेट को आकार दे रही है।

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