World Cup – दिग्गजों की विदाई साधारण नहीं होनी चाहिए। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे नामों के लिए तो बिल्कुल नहीं। टेस्ट और टी20 से संन्यास के बाद अगर दोनों आज भी वनडे खेल रहे हैं, तो उसकी एक ही वजह है—अधूरी कहानी।
2023 वर्ल्ड कप फाइनल की वो रात, वो सन्नाटा, और वो ट्रॉफी जो हाथ आते-आते फिसल गई। 2027 में उसी जख्म पर मरहम लगाने का सपना अब भी ज़िंदा है।
हर भारतीय फैन के दिमाग में 2011 की वो तस्वीर आज भी ताज़ा है—जब वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर को कंधों पर उठाकर टीम ने मैदान का चक्कर लगाया था। 2027 में उम्मीद कुछ वैसी ही है। फर्क बस इतना—इस बार कंधों पर विराट और रोहित हों।
2027 वर्ल्ड कप को लेकर IPL चेयरमैन की खास अपील
इसी भावनात्मक उम्मीद को आवाज़ दी है IPL चेयरमैन अरुण धूमल ने।
स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट विमल कुमार के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान धूमल ने टीम इंडिया से एक सीधी, लेकिन भारी बात कही।
उनका कहना था—
2011 में जो एमएस धोनी की टीम ने सचिन तेंदुलकर के लिए किया,
2027 में वही विराट कोहली के लिए होना चाहिए।
ये सिर्फ एक बयान नहीं था, ये उस सोच की झलक थी जो भारतीय क्रिकेट के भीतर चल रही है।
“विराट के लिए सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया चाहेगी”
अरुण धूमल ने विराट कोहली के योगदान को शब्दों में समेटते हुए कहा—
“पिछले एक दशक में विराट कोहली का टेस्ट, वनडे और टी20 रिकॉर्ड देखिए।
जिस तरह पूरी टीम ने सचिन तेंदुलकर के लिए वर्ल्ड कप जीता,
विराट के महान योगदान को देखते हुए न सिर्फ भारत बल्कि विश्व क्रिकेट भी चाहेगा कि 2027 वर्ल्ड कप उनके नाम हो।”
यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि विराट अब उस दौर में हैं जहां हर फैसला उनके करियर की विरासत तय करेगा।
2011: जब सचिन के लिए खेली थी पूरी टीम
भारत ने 28 साल के लंबे इंतज़ार के बाद 2011 में दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप जीता था।
वो सचिन तेंदुलकर का छठा और आखिरी वर्ल्ड कप था।
फाइनल के बाद:
– सचिन को कंधों पर उठाया गया
– युवा विराट कोहली भी उन्हीं कंधों में शामिल थे
बाद में कोहली ने जो कहा, वो आज भी रोंगटे खड़े कर देता है—
“उन्होंने 21 साल तक देश की उम्मीदों का बोझ उठाया।
अब वक्त था कि हम उन्हें कंधों पर उठाएं।”
आज वक्त बदल गया है।
कंधों पर उठने वाला खिलाड़ी अब खुद दूसरों को प्रेरणा दे चुका है।
रोहित शर्मा पर भी धूमल का बड़ा बयान
अरुण धूमल ने बात सिर्फ विराट तक सीमित नहीं रखी।
रोहित शर्मा को लेकर भी उन्होंने साफ राय रखी।
उनका कहना था—
“रोहित को टेस्ट टीम का अहम हिस्सा बनने में समय लगा,
लेकिन कप्तानी संभालने के बाद जो उन्होंने किया, वो अद्भुत है।
वाइट बॉल क्रिकेट में वह एक रॉकस्टार हैं।”
धूमल ने आगे जोड़ा—
“जब तक वे खेलना चाहते हैं और अच्छा खेल रहे हैं,
उनके भविष्य पर सवाल नहीं उठने चाहिए।”
यह बयान रोहित के लिए एक तरह का भरोसे का सर्टिफिकेट है।
2027: आखिरी मिशन?
2027 का वनडे वर्ल्ड कप—
संभावित रूप से:
– विराट कोहली का आखिरी बड़ा ICC मिशन
– रोहित शर्मा का अंतिम कप्तानी सपना
दोनों के पास:
– अनुभव है
– भूख है
– और अधूरी कहानी है
अगर भारत 2027 में चैंपियन बनता है, तो वह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं होगी—
वह एक युग का सम्मानजनक अंत होगी।
क्या टीम इंडिया इस भावनात्मक कॉल को सुनेगी?
क्रिकेट भावनाओं से नहीं, प्रदर्शन से चलता है—यह सच है।
लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिनके लिए
भावनाएं भी रणनीति बन जाती हैं।
2011 में सचिन के लिए टीम एकजुट हुई थी।
2027 में वही कहानी
विराट और रोहित के साथ दोहराई जा सकती है।
फर्क बस इतना—
इस बार उम्मीदें पहले से कहीं ज्यादा होंगी।















