तीन खूबियां जो अर्जुन तेंदुलकर को दिला सकती हैं भारतीय टीम में जगह

तीन खूबियां जो अर्जुन तेंदुलकर को दिला सकती हैं भारतीय टीम में जगह : क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने बेहद कम उम्र (16 साल) में ही टीम इंडिया में अपनी जगह बना ली थी, वहीं उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर (अर्जुन तेंदुलकर) ने 23 साल की उम्र में भी राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रहे है। लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उनकी भारतीय क्रिकेट टीम में एंट्री हो सकती है।

मौजूदा समय में अर्जुन तेंदुलकर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने लगातार अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा है. अपने प्रदर्शन के साथ-साथ तीन अन्य खूबियों के कारण अब उनका टीम इंडिया में आना तय है।

इन तीन कारणों से होगी अर्जुन तेंदुलकर की भारतीय टीम में एंट्री।आइये एक नज़र डालते हैं उन तीन कारणों पर :

1. सैयद मुश्ताक और विजय हजारे में शानदार प्रदर्शन

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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के बाद अब अर्जुन तेंदुलकर विजय हजारे में भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में, गोवा के लिए गेंदबाजी करते हुए, उन्होंने 7 मैचों में 5.69 की इकॉनमी रेट से 10 विकेट लिए।

वहीं, विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने इसी साल इस टूर्नामेंट में आंध्र प्रदेश के खिलाफ डेब्यू किया था। भले ही उन्होंने अपने डेब्यू मैच में एक भी विकेट लेने में कामयाबी नहीं पाई, लेकिन गोवा के लिए गेंदबाजी करते हुए उन्होंने उस मैच में आंध्र प्रदेश के खिलाफ 3 ओवर में 5/15 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी की थी।

बिहार के खिलाफ अपने दूसरे मैच में अर्जुन ने 7 ओवर में 4.57 की इकॉनमी रेट से 2/32 विकेट लिए, जो टीम की जीत की कुंजी साबित हुई। दोनों टूर्नामेंट में अर्जुन तेंदुलकर का इकॉनमी रेट काफी कम रहा है ऐसे में चयनकर्ता उन्हें एक बेहतरीन गेंदबाज के तौर पर टीम में शामिल कर सकते हैं.

2. भारतीय टीम में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की अव्यश्कता

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मौजूदा समय में टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या के अलावा टीम के पास कोई दूसरा मजबूत विकल्प नहीं है. वहीं, अर्जुन तेंदुलकर तेज गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं। उन्हें अब तक विजय हजारे ट्रॉफी में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 68.96 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

स्पिनर ऑलराउंडर के तौर पर भारत के पास रवींद्र जडेजा हैं और उनकी जगह अक्षर पटेल, दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ी हैं, लेकिन हार्दिक पंड्या के अलावा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर किसी और खिलाड़ी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे में यह अर्जुन तेंदुलकर के लिए प्लस प्वॉइंट होने वाला है।

3. अपने पिता की एप्रोच से मिल सकती है जगह

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अर्जुन तेंदुलकर टीम इंडिया के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। वैसे तो सचिन को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, लेकिन उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में कुल 100 शतक लगाए हैं, जबकि उन्होंने टेस्ट में 15,921 और वनडे में 18,426 रन बनाए हैं।

भारत ही नहीं बल्कि पूरे क्रिकेट जगत में सचिन तेंदुलकर ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। ऐसे में उनके नाम से अर्जुन तेंदुलकर को काफी मदद मिल सकती है। अर्जुन भले ही अपनी काबिलियत से टीम में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं, लेकिन क्रिकेट के भगवान का बेटा होने के नाते पूरी दुनिया उन्हें अलग नजरिए से देखती है.

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Kiran Yadav

Delve into the world of cricket with an author who brings 2 years of immersive experience in the sport. From in-depth match analyses to captivating narratives of cricketing journeys, discover a wealth of insights and passion for the game. Join me on this cricketing odyssey as we explore the nuances, triumphs, and stories that make cricket a truly remarkable sport.