Asia Cup Final – दुबई में खेले गए एशिया कप फाइनल में भारत की जीत के नायक बने युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने खुलकर कहा कि पाकिस्तान की छींटाकशी और आक्रामकता का सबसे बड़ा जवाब ट्रॉफी जीतकर देना ही था। तिलक के नाबाद 69 रनों की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में 5 विकेट से हराया और खिताब अपने नाम किया।
तिलक वर्मा का बयान: जीत ही सबसे बड़ा जवाब
हैदराबाद लौटने के बाद तिलक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “शुरुआत में दबाव और तनाव जरूर था, लेकिन मैंने देश को प्राथमिकता दी। मुझे पता था कि अगर दबाव के आगे झुक गया तो खुद को और 140 करोड़ भारतीयों को निराश करूंगा।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खिलाड़ियों ने मैच में काफी छींटाकशी की, लेकिन उन्होंने जवाब में चुप रहना ही बेहतर समझा। “हमने जल्दी तीन विकेट गंवा दिए थे और माहौल गरम हो चुका था। मैंने फैसला किया कि मैं बल्ले से जवाब दूंगा, न कि शब्दों से।”
बेसिक्स पर भरोसा और धैर्य से जीत
तिलक ने स्वीकार किया कि उन्होंने वही सीखा जो शुरुआती दिनों में कोचों ने सिखाया था। बेसिक्स पर भरोसा रखा और धीरे-धीरे दबाव से बाहर निकले। उनका मानना है कि पाकिस्तान को असली जवाब भारत की जीत ही थी।
फाइनल ओवर का रोमांच
भारत को आखिरी ओवर में 10 रन चाहिए थे। तिलक ने कहा, “मुझ पर कोई दबाव नहीं था। मुझे भरोसा था कि मैं मैच जिताऊंगा। गेंद-दर-गेंद रणनीति बनाकर खेला और बस देश के बारे में सोचता रहा। गर्व है कि मैं यह कर सका।”
भारत-पाक मैचों का तनाव और तिलक का धैर्य
भारत-पाक मैच हमेशा तनाव से भरे होते हैं। तिलक ने कहा कि मैदान पर बहुत कुछ चल रहा था, लेकिन उन्होंने खुद को शांत रखा। “मैच के दौरान मैंने किसी को जवाब नहीं दिया। लेकिन जीत के बाद सबको जवाब मिल गया।”