Asia Cup – एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 में इंडिया A और पाकिस्तान A के बीच खेला गया लीग मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं रहा—यह अंपायरिंग विवादों से भरा ड्रामा बन गया। दोहा में खेले गए इस मैच में पहले मैदानी अंपायर और फिर थर्ड अंपायर की गलतियों ने भारतीय टीम का मैच बिगाड़ दिया।
अंत में इंडिया A को करारी हार झेलनी पड़ी और सोशल मीडिया पर सवालों की बाढ़ आ गई। इस पूरी कहानी का केंद्र था—Asia Cup Rising Stars Umpiring Controversy।
पहली गड़बड़ी तब हुई जब भारतीय टीम की बल्लेबाजी के दौरान 14वें ओवर में आशुतोष शर्मा को मैदानी अंपायर ने LBW आउट दे दिया। DRS उपलब्ध नहीं था, इसलिए वह रिव्यू नहीं ले सके।
जैसे ही अंपायर की उंगली उठी, आशुतोष और नॉन-स्ट्राइकर नेहल वढेरा दोनों हैरान रह गए—क्योंकि रीप्ले में साफ लग रहा था कि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी और इम्पैक्ट भी बाहर था। यह एक तेज़ फैसला था, इसलिए फील्ड अंपायर से गलती मान ली जाती… लेकिन असली विवाद तो इसके बाद शुरू हुआ।
थर्ड अंपायर का चौंकाने वाला फैसला
पाकिस्तानी पारी के दौरान 137 रन के टारगेट का पीछा करते हुए 10वें ओवर की पहली गेंद पर माज सदाकत ने लॉन्ग-ऑफ की दिशा में शॉट खेला। नमन धीर ने बाउंड्री के पास गेंद पकड़ी, उछलते हुए उसे नेहल वढेरा की ओर फेंका, और वढेरा ने गेंद कैच कर ली।
नियमों के अनुसार यह सीधा सिक्स था—क्योंकि फील्डर बाउंड्री के अंदर पहली बार गेंद को नियंत्रित नहीं कर पाया और पास देने के बाद उसका संपर्क मैदान पर नहीं था।
इस नियम को ICC ने जुलाई 2024 में T20I खेलने की शर्तों के तहत अपडेट किया था। नियम 19.5.2 साफ कहता है कि:
19.5.2.1 — अगर फील्डर हवा में रहते हुए गेंद को बाउंड्री के अंदर कैच की तरह टच करे, लेकिन उसका अगला संपर्क जमीन पर नहीं होता, और वह गेंद दूसरे खिलाड़ी को दे देता है—तो यह ‘सिक्स’ माना जाएगा।
यहां बिल्कुल वही हुआ—लेकिन थर्ड अंपायर ने बल्लेबाज को न आउट दिया, न रन दिए, न सिक्स दिया। गेंद को डॉट बॉल करार दे दिया गया।
इंडिया A के कप्तान जितेश शर्मा और पूरी टीम ने अंपायर से बात की, लेकिन फैसला नहीं बदला। यही वह क्षण था जिसने मैच का मोमेंटम पूरी तरह पाकिस्तान A की ओर खिसका दिया।
नियम तो साफ थे, फैसले उलटे क्यों?
क्रिकेट फैंस ने तुरंत ICC के नियमों को खंगाला और पाया कि उस कैच को डॉट बॉल देना एक सीधी–सी गलती थी।
अगर यह सिक्स मिलता, मैच का समीकरण अलग हो सकता था। लेकिन फैसला वही रहा और विवाद भी वहीं से बढ़ा—अंपायरिंग की गुणवत्ता पर, तकनीक के इस्तेमाल पर, और टूर्नामेंट प्रबंधन पर।
भारतीय टीम को यह मैच गंवाना पड़ा, लेकिन बहस अभी खत्म नहीं हुई है—सोशल मीडिया, क्रिकेट समुदाय और विश्लेषकों के बीच यह अंपायरिंग गलती अब एक बड़ी चर्चा बन चुकी है।















