Kapil Dev – भारतीय क्रिकेट में अगर किसी चीज़ की खामोश लेकिन लगातार चलने वाली कहानी है, तो वह है गेंदबाज़ों का वर्कलोड—वो हजारों-लाखों गेंदें जिन पर कभी शोर नहीं मचता, लेकिन इतिहास इन्हीं से लिखा जाता है।
इसी कहानी का सबसे ऊँचा अध्याय अनिल कुंबले के नाम है, जो इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंद फेंकने वाले भारतीय गेंदबाज हैं।
1990 से 2008 तक चले कुंबले के करियर की खूबी सिर्फ विकेट नहीं थी—बल्कि वह अद्भुत ड्यूरेबिलिटी थी, जिसने उन्हें 403 मैचों में 55346 गेंदें डालने का रिकॉर्ड दिलाया। आधुनिक क्रिकेट में ऐसा वर्कलोड मिलना लगभग नामुमकिन है।
भारतीय गेंदबाजों में सबसे ज्यादा गेंदें—रिकॉर्ड लिस्ट
भारतीय गेंदबाज़ों की यह फेहरिस्त न सिर्फ उनके हुनर का, बल्कि उनकी फिटनेस, धैर्य और मैदान पर उनकी लंबी मौजूदगी का प्रमाण है।
| रैंक | खिलाड़ी | मैच | गेंदें | करियर अवधि |
|---|---|---|---|---|
| 1 | अनिल कुंबले | 403 | 55346 | 1990–2008 |
| 2 | हरभजन सिंह | 367 | 41671 | 1998–2016 |
| 3 | कपिल देव | 356 | 38942 | 1978–1994 |
| 4 | रविचंद्रन अश्विन | 237 | 35001 | 2011–2024 |
| 5 | रवींद्र जडेजा | 366 | 31374 | 2009–वर्तमान |
ये आंकड़े सिर्फ संख्या नहीं—एक पूरी पीढ़ी का इतिहास हैं।
अनिल कुंबले—भारतीय गेंदबाजी की रीढ़
भारत के सबसे सफल गेंदबाज़ों में गिने जाने वाले कुंबले की ताकत सिर्फ उनकी सटीकता या अतिरिक्त उछाल नहीं थी—बल्कि उनका लगातार लंबे स्पेल फेंकना था। भारतीय परिस्थितियों में 40-45 ओवर के स्पेल आम बात थी, और विदेशों में भी उन्होंने कभी अपनी तीव्रता नहीं खोई।
55346 गेंदें—ये संख्या आज के T20 युग में लगभग अविश्वसनीय लगती है।
हरभजन सिंह—ऑफ-स्पिन का भारतीय चेहरा
दूसरे नंबर पर भज्जी, जिन्होंने 1998 से 2016 तक टीम इंडिया की स्पिन रणनीति का नेतृत्व किया।
367 मैचों में 41671 गेंदें—ये आंकड़ा बताता है कि भारत के स्पिन-ट्रैक अभी कौन-सी परंपरा पर बने हैं।
भज्जी की गेंदबाज़ी का बेस्ट दौर—विशेषकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 सीरीज़—आज भी भारतीय क्रिकेट फोकल-पॉइंट माना जाता है।
कपिल देव—भारत के महानतम ऑलराउंडर्स में एक
कपिल देव की 38942 गेंदें शायद इस सूची की सबसे कठिन हैं—क्योंकि वे तेज गेंदबाज़ थे।
1978 से 1994 के बीच 356 मैचों में इतना लंबा वर्कलोड निभाना अपने आप में रिकॉर्ड है।
आज जिस फिटनेस का ढोल बजता है, कपिल देव ने बिना सपोर्ट स्टाफ के उसी फिटनेस को खेल में जीया।
अश्विन—स्पिन के आधुनिक वैज्ञानिक
237 मैचों में 35001 गेंदें—और दिसंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा।
अश्विन सिर्फ गेंदबाज़ नहीं थे, बल्कि रणनीति के मास्टर भी।
उन्हें टेस्ट इतिहास के महानतम स्पिनरों में गिना जाएगा, और उनका रिकॉर्ड इस बात का प्रतीक है कि भारत आज भी स्पिन की धरती है।
रवींद्र जडेजा—फिटनेस, फ्लाइट और फ्लो
सूची में पांचवे स्थान पर हैं भारत के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर्स में से एक—रवींद्र जडेजा।
366 इंटरनेशनल मैचों में 31374 गेंदें, और यह संख्या अभी और बढ़ेगी क्योंकि जडेजा सक्रिय हैं और दक्षिण अफ्रीका सीरीज़ खेल रहे हैं।
उनका गेंदबाज़ी-फिटनेस कॉम्बिनेशन उन्हें आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में अनिवार्य बना देता है।


















