Test Pitch – कोलकाता टेस्ट खत्म होते ही भारत की 30 रन की हार से ज्यादा जिस चीज़ ने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया है, वह है ईडन गार्डन्स की पिच। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में भारत ढाई दिन से भी कम समय में हार गया—और अब पूरा ध्यान पिच की प्रकृति, उसके निर्माण और टीम मैनेजमेंट की मांगों पर अटक गया है।
मैच की हालत ऐसी थी कि चारों पारियों में कोई भी टीम 200 रन तक नहीं पहुंच सकी—भारतीय क्रिकेट में यह पहली बार हुआ।
इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने टीम मैनेजमेंट को कड़ी नसीहत दी है—“क्लासिक इंडियन पिचों पर लौटो। वही विकेट बनाओ जो विराट कोहली की कप्तानी में 2016–17 में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाए जाते थे,” उन्होंने X पर पोस्ट किया।
“न्यूजीलैंड सीरीज से कोई सबक नहीं सीखा”—जाफर का तंज
जाफर ने अपनी पोस्ट में लिखा:
“लगता है हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज हार से कुछ नहीं सीखा। ऐसी पिचों पर हमारे स्पिनरों और विपक्षी स्पिनरों के बीच का अंतर खत्म हो जाता है। हमें फिर से अच्छी, क्लासिक घरेलू पिचें बनवानी चाहिए।”
भारत जिस स्पिन ताकत पर भरोसा करता आया है, वही इस पिच के चलते उलटा पड़ गया।
साइमन हार्मर ने दोनों पारियों में 4–4 विकेट चटकाकर टीम इंडिया की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया।
पिच किसने बनाई? विवाद की जड़ पर से परदा उठा
टेस्ट शुरू होने से पहले खबरें सामने आ रही थीं कि क्यूरेटर सुजान मुखर्जी ने पिच अपने हिसाब से बनाई।
लेकिन मैच खत्म होते ही CAB अध्यक्ष सौरव गांगुली ने साफ कर दिया कि पिच टीम इंडिया के मैनेजमेंट की मांग पर तैयार हुई थी।
चार दिनों तक पिच पर एक बूंद पानी नहीं डाला गया, ताकि पहले दिन से ही गेंद बेतहाशा टर्न ले।
मुखर्जी की आलोचना शुरू हुई तो मुख्य कोच गौतम गंभीर खुलकर उनके बचाव में उतर आए—
“क्यूरेटर ने वही पिच बनाई जिसकी हमने मांग की थी। हम अच्छा नहीं खेले, बस इतनी सी बात है।”
दिग्गजों की आलोचना—वॉन से लेकर कुंबले तक सभी नाराज़
ईडन गार्डन्स की पिच की आलोचना सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया भर में हो रही है।
अनिल कुंबले, चेतेश्वर पुजारा, डेल स्टेन और माइकल वॉन जैसे दिग्गजों ने भी इस विकेट को खतरनाक और असंतुलित बताया।
वॉन ने तो तीखा कमेंट किया—
“ऐसी पिच बनाओगे तो हार के ही लायक हो।”
मैच का हाल—ढाई दिन में निपटा पूरा टेस्ट
दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में 159 पर सिमटी।
भारत 189 बनाकर 30 रन की बढ़त ले पाया।
दूसरी पारी में SA ने 153 और भारत को 124 का टारगेट दिया।
भारत 93 रन पर ढेर हुआ और मैच 30 रन से गंवा दिया।
पिच की हालत ऐसी थी कि बल्लेबाजों को पता ही नहीं चल रहा था कि गेंद कितनी टर्न लेगी—या कब लेगी।
भारतीय बल्लेबाज SA के स्पिनरों के सामने बेबस दिखे।
सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट अब गुवाहाटी में खेला जाएगा, जहां सभी की नज़रें पिच पर होंगी—क्या भारत वही गलती दोहराएगा या रणनीति बदलेगा?















