Ravi Shastri : विदेश में खेलना ही सबसे बड़ी सीख है – रवि शास्त्री ने बीसीसीआई से की बड़ी अपील

Atul Kumar
Published On:
Ravi Shastri

Ravi Shastri – टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने भारतीय क्रिकेटरों को विदेशी टी20 लीग्स (Foreign T20 Leagues) में खेलने की अनुमति देने की जोरदार वकालत की है।

उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेलने से भारतीय क्रिकेटरों को “बेहद कीमती अनुभव” मिलेगा, जो उनके खेल को निखारने में मदद करेगा।

“हर खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए” – रवि शास्त्री

विलो टॉक पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान शास्त्री ने कहा कि भारत में क्रिकेट का टैलेंट बहुत बड़ा है, लेकिन हर किसी को राष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिल पाता।

“भारत एक विशाल देश है। हर खिलाड़ी को खेलने का मौका नहीं मिलता। अगर कोई टेस्ट टीम में नहीं पहुंच पाता या बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में नहीं है, तो उसे विदेशी लीग जैसे बिग बैश लीग (BBL) में खेलने से क्यों रोका जाए?”

शास्त्री का मानना है कि अगर भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय लीग में खेलने का मौका मिलेगा, तो उन्हें विश्वस्तरीय खिलाड़ियों के साथ खेलने और सीखने का अनुभव हासिल होगा — ठीक वैसे ही जैसे आईपीएल (IPL) ने भारतीय क्रिकेट में क्रांति ला दी थी।

बीसीसीआई के नियम: विदेशी लीग खेलने पर रोक

वर्तमान में बीसीसीआई (BCCI) अपने सक्रिय खिलाड़ियों को किसी भी विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता। भारतीय खिलाड़ी केवल तभी विदेश में खेल सकते हैं जब वे

  1. सभी प्रारूपों से संन्यास (Retirement) ले चुके हों, और
  2. बोर्ड से एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त कर चुके हों।

इसी वजह से अब तक किसी सक्रिय भारतीय क्रिकेटर को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं मिली थी।

रविचंद्रन अश्विन बने पहले भारतीय, जो खेलेंगे बिग बैश लीग

हालांकि हाल ही में भारत के सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) इस परंपरा को तोड़ते हुए बिग बैश लीग (BBL) में शामिल होने वाले पहले शीर्ष भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं।

अश्विन ने आगामी सत्र के लिए सिडनी थंडर (Sydney Thunder) के साथ अनुबंध किया है। यह कदम भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है।

“विदेशी कोचों और खिलाड़ियों से मिलेगा अमूल्य अनुभव”

शास्त्री ने कहा कि विदेशी लीग में खेलना न केवल खिलाड़ियों की कौशल (Skillset) को बढ़ाता है बल्कि उन्हें दबाव झेलने की आदत भी सिखाता है।

“इन लीग्स में खेलने से युवा खिलाड़ियों को रिकी पोंटिंग और स्टीफन फ्लेमिंग जैसे अनुभवी कोचों के साथ काम करने का मौका मिलता है। वे सीखते हैं कि दबाव में कैसे प्रदर्शन करना है। मेरे लिए विदेश में खेलने से बेहतर सीख कोई नहीं हो सकती।”

शास्त्री ने यह भी जोड़ा कि विदेशी माहौल में खेलने से खिलाड़ियों की सोच और आत्मविश्वास दोनों विकसित होते हैं, जिससे वे राष्ट्रीय टीम के लिए और बेहतर तैयारी कर पाते हैं।

“आईपीएल ने जैसे खिलाड़ियों को निखारा, वैसे ही विदेशी लीग भी मददगार होंगी”

शास्त्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि आईपीएल ने कई युवा खिलाड़ियों को पहचान दिलाई और अब विदेशी लीग्स उनके लिए अगला बड़ा कदम साबित हो सकती हैं।

“आईपीएल ने खिलाड़ियों को इंटरनेशनल एक्सपोजर दिया। अब अगर युवा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका की लीग्स में खेलते हैं, तो वे और परिपक्व बनेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि बीसीसीआई को इस दिशा में नए नियमों पर विचार करना चाहिए, ताकि उभरते खिलाड़ियों को और अवसर मिल सकें।

टॉस के बाद फाइनल टीम चाहिए तो, अभी जॉइन करे Cricketyatri का Telegram चैनल- Join Now




Follow Us On