भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला मंगलवार 26 दिसंबर से सेंचुरियन के सुपर सपोर्ट पार्क में खेला जा रहा है। इस मुकाबले में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी। हालांकि पहले दिन ब्लू टीम के स्टार बल्लेबाज अफ्रीकी तेज गेंदबाजों के आगे जूझते नजर आए और दूसरे दिन की शुरुआत में ही ब्लू टीम ऑल आउट हो गई।
वहीं इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम अपनी पहली पारी खेलने मैदान पर उतरी और इस दौरान रिंकू सिंह को क्षेत्ररक्षण करते हुए देखा गया, जिसे देख फैंस भी काफी हैरान हुए। ऐसा इसलिए क्योंकि टेस्ट सीरीज के लिए टीम में रिंकू सिंह का नाम ही नहीं था। ऐसे में आखिर वो मैदान पर सब्सीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर क्षेत्ररक्षण करने कैसे उतरे? सभी इस सवाल का जवाब पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
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— Rokte Amar KKR 🟣🟡 (@Rokte_Amarr_KKR) December 27, 2023
Rinku Singh कैसे बने सब्सीट्यूट खिलाड़ी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेंचुरियन टेस्ट के दूसरे दिन रिंकू सिंह को मैदान पर देख सभी के मन में सवाल है कि अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उनका नाम संभावित खिलाड़ियों की लिस्ट में नहीं था। ऐसे में वह कैसे सब्सीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं? तो आपको बता दें कि रिंकू ICC के एक नियम के मुताबिक ही मैदान पर उतरे हैं।
दरअसल, टेस्ट सीरीज के लिए केएस भरत को 12वें खिलाड़ी, मुकेश कुमार को 13वें और रवींद्र जडेजा को 14वें खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। हालांकि ICC का नियम कहता है कि टेस्ट मैच के दौरान एक टीम अधिकतम 6 खिलाड़ियों को बतौर सब्सीट्यूट अपनी टीम की शीट पर नामित कर सकती है।
ऐसे में मैच के दौरान कोई खिलाड़ी यदि आराम करना चाहता है या फिर चोटिल हो जाता है तो उन 6 नामित खिलाड़ियों में से किसी को भी क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान में उतारा जा सकता है। दरअसल, शेष स्थिति में मैच रेफरी इस नियम को अपनाने का सुझाव देते हैं। यही कारण है कि रिंकू सिंह को मैच के दूसरे दिन सब्सीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर क्षेत्ररक्षण के लिए उतारा गया था।