Sponsorship – पिछले तीन दशकों में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप कई बार बदली है और हर नए पार्टनर ने टीम इंडिया को आर्थिक रूप से और भी मजबूत किया है।
तंबाकू से लेकर टेक्नोलॉजी और अब टायर्स तक—हर ब्रांड ने नीली जर्सी पर अपनी छाप छोड़ी है। आइए जानते हैं इस स्पॉन्सरशिप का पूरा इतिहास।
ITC – पहला जर्सी स्पॉन्सर
भारतीय टीम का पहला आधिकारिक जर्सी स्पॉन्सर था ITC होटल ब्रांड। उस दौर में ITC, BCCI को टेस्ट मैच के लिए 35 लाख और वनडे मैच के लिए 32 लाख रुपए देती थी। लेकिन सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों पर बैन लगने के बाद यह डील खत्म हो गई।
सहारा – सबसे लंबा साथ
साल 2001 में सहारा इंडिया परिवार ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप संभाली। यह डील 12 साल तक चली और इसे भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी स्पॉन्सरशिप डील कहा गया। सहारा हर मैच के लिए करीब 3.34 करोड़ रुपए BCCI को देती थी।
स्टार – 2014 से 2017 तक
सहारा के बाद टीम इंडिया की जर्सी पर Star India का लोगो दिखा। इस डील में स्टार, द्विपक्षीय सीरीज के लिए प्रति मैच 1.92 करोड़ रुपए चुकाती थी। यह समझौता 2017 तक चला।
ओप्पो – टेक्नोलॉजी ब्रांड की एंट्री
साल 2017 में स्मार्टफोन कंपनी Oppo ने जर्सी स्पॉन्सरशिप का जिम्मा लिया। कंपनी ने लंबी अवधि की डील साइन की थी, लेकिन 2019 में बीच में ही पीछे हट गई और उनकी जगह बाइजूस ने ले ली।
बाइजूस – सबसे बड़ी डील
2019 में Byju’s भारतीय टीम का जर्सी स्पॉन्सर बना। रिपोर्ट्स के मुताबिक बाइजूस ने BCCI को प्रति मैच अब तक का सबसे ज्यादा पैसा दिया। हालांकि 2023 में आर्थिक संकट और कानूनी कारणों से यह डील समाप्त हो गई।
ड्रीम 11 – अल्पकालिक साझेदारी
2023 में फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream 11 ने जर्सी स्पॉन्सरशिप संभाली और BCCI के साथ 358 करोड़ रुपए की डील की। लेकिन सरकार द्वारा नए नियमों के बाद फैंटेसी ऐप्स पर बैन लग गया और यह साझेदारी भी खत्म हो गई।
अपोलो टायर्स – नया पार्टनर
अब टीम इंडिया की जर्सी पर दिख रहा है Apollo Tyres का नाम। मार्च 2028 तक चलने वाली इस डील के तहत अपोलो BCCI को प्रति मैच करीब 4.5 करोड़ रुपए देगा।