भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे ICC World Test Championship 2023 के फाइनल मुकाबले में Shubman Gill का आउट होना किसी को हजम नहीं हो रहा है। दरअसल, भारत की दूसरी पारी के 7वें ओवर में ही Scott Boland की गेंद पर Shubman Gill ने शॉट खेलना चाहा, लेकिन गेंद बल्ले से कट लगकर स्लिप में खड़े Cameron Green के हाथों में लपक ली गई। हालांकि ये कैच जितना सीधा दिखा उतना था नहीं।
Cameron Green के कैच पर उठे सवाल
आपको बता दें कि ग्रीन ने अपनी बाई ओर लगभग जमीन से छूती गेंद को उल्टे हाथों से लपक लिया। हालांकि अंपायर को इस कैच पर थोड़ा शक हुआ और इसलिए फैसला थर्ड अंपायर के हाथ में गया। उन्होंने भी बहुत देर तक इस कैच को चेक किया लेकिन बाद में थर्ड अंपायर का फैसला ग्रीन के हक में गया और शुभमन गिल को आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। हालांकि इस कैच पर कई दिग्गजों सहित कमेंटेटर और अन्य क्रिकेट एक्सपर्ट भी हैरान नजर आए।
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‘Soft Signal’ का क्यों नहीं किया गया इस्तेमाल
शुभमन गिल के इस डिसमिसल को सोशल मीडिया पर नॉट आउट करार दिया जा रहा है और सभी उनके समर्थन में खड़े हो गए हैं। वहीं अब थर्ड अंपायर के इस फैसले को लेकर ये सवाल उठने लगा है कि आखिर जब थर्ड अंपायर इस कैच को लेकर कंफ्यूज थे तो यहां पर ‘Soft Signal’ का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? हालांकि इससे पहले ये जान लेते हैं कि सॉफ्ट सिग्नल होता क्या है और इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है?
‘सॉफ्ट सिग्नल’
दरअसल, सॉफ्ट सिग्नल एक ऐसा नियम है, जिसके तहत अगर कोई कैच संदिग्ध रहता है, तब फील्ड अंपायर अपना फैसला सुनाते हैं, हालांकि अगर वो कंफ्यूज हैं, तो वहीं इसके बाद मामला थर्ड अंपायर के पास भेजा जाता है, लेकिन इस दौरान अगर थर्ड अंपायर भी फैसला लेने में कंफ्यूज होते हैं या फिर उन्हें सही फैसले का पता नहीं लग पाता तो फील्ड अंपायर का फैसला ही फाइनल फैसला माना जाता है। हालांकि अब ये नियम क्रिकेट से हटा दिया गया है, इस वजह से शुभमन गिल के मामले में थर्ड अंपायर का फैसला ही मान्य होगा।
इस वजह से नहीं लिया गया सॉफ्ट सिग्नल
आपको बता दें कि गिल के केस में सॉफ्ट सिग्नल ना लिए जाने पर जब सवाल उठे तो ICC को खुद इसका जवाब देने के लिए सामने आना पड़ा। आईसीसी ने एक ट्वीट करते हुए बताया कि Soft Signal नियम को जून के शुरुआत से ही हटा दिया गया है। दरअसल, जून 2023 के बाद से ये नियम अब किसी भी टेस्ट में लागू नहीं होगा। हाल ही में इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच खेले गए इकलौते टेस्ट मैच के साथ ही ये नियम हटा दिया गया था।